



अब नहीं रुकेगा कलम का सपना, अब नहीं झुकेगा मास्टर का हौसला!
✍️ के.सी. श्रीवास्तव एड० एडिटर इन चीफ | विशेष रिपोर्ट लखनऊ | खबरी न्यूज़ एक्सक्लूसिव
2018 से 2025: सपनों का सूखा और सियासत की चुप्पी
जब आखिरी बार एलटी ग्रेड शिक्षक की भर्ती निकली थी, तब देश में GST नया था, TikTok बंद नहीं हुआ था, और युवाओं की आंखों में नौकरी की उम्मीद थी।
लेकिन 2018 के बाद… कुछ नहीं आया। न नई भर्ती, न कोई जवाब।
सिस्टम ने सात साल तक बेरोजगार युवाओं से आंख चुराई।
लोग बूढ़े हो गए इंतजार में। हजारों उम्मीदवारों की आयुसीमा खत्म हो गई।
किसी ने कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया, तो किसी ने परिवार की जिद छोड़कर खेती थाम ली।
और अब, 2025 में – जब बहुत कुछ बदल चुका है, तब ये भर्ती वापस आई है – 7466 सीटों के साथ!
ये भर्ती नहीं, न्याय है… लेकिन देरी का दर्द कौन समझे?
यूपी सरकार और लोक सेवा आयोग ने एलान किया है:
👉 28 जुलाई 2025 से आवेदन शुरू
👉 7466 पद – जिनमें 4860 पुरुष, 2525 महिला और 81 दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित
लेकिन क्या ये भर्ती सात साल की चुप्पी का इलाज है? या बस एक चुनावी इंजेक्शन?
इस बार खेल अलग है – दो फेज़ की परीक्षा, और मुश्किलें ज्यादा
2018 में सिर्फ एक ही परीक्षा होती थी – अब प्रारंभिक परीक्षा और फिर मुख्य परीक्षा होगी।
मतलब अब सिर्फ पढ़ाई नहीं, रणनीति भी चाहिए।
प्रारंभिक परीक्षा में ही भारी छंटनी होगी।
जो बचेंगे, वही मुख्य परीक्षा तक पहुंचेंगे।
मतलब इस बार “तैयारी” ही पास होने का पासपोर्ट है।
OTR – वरना बाहर!
यूपीपीएससी ने साफ किया है – बिना वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) के कोई आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
जो आज सुस्त हैं, वो कल बाहर होंगे।
योग्यता का विवाद हुआ साफ, लेकिन उम्मीदों की धूल अभी बाकी है
2018 की सबसे बड़ी अड़चन थी “समकक्ष अर्हता” और “विषयवार आरक्षण” का विवाद।
अब नया नियम आया है – “समकक्ष” शब्द हटाया गया है।
विषयवार आरक्षण की भी स्थिति साफ की गई है।
लेकिन कई युवाओं के लिए तब तक देर हो चुकी है।

28 जुलाई – वो तारीख जो स्याही से नहीं, आंसुओं से लिखी जाएगी
इस दिन सिर्फ वेबसाइट नहीं खुलेगी, कई युवाओं की रग-रग में रिवाइवल आएगा।
कोई मां पूजा थाली लेकर बेटे को भेजेगी।
कोई बहन राखी से पहले भाई की पढ़ाई का खर्च उठाएगी।
कोई बेरोजगार पिता पहली बार बेटे को फार्म भरने के लिए ₹1250 देगा… और कहेगा:
“इस बार लग जा बेटा… अब और इंतजार नहीं होता!”
सवाल ये नहीं कि कितनी वैकेंसी हैं, सवाल ये कि कितने बचे हैं लड़ने के लिए
7466 पद हैं, लेकिन उम्मीदवार लाखों में हैं।
और असल सवाल ये नहीं कि कितने पास होंगे…
असल सवाल ये है – कौन अभी भी टूटे बिना खड़ा है?
कौन अब भी कह सकता है – “सरकारी मास्टर बनूंगा!”
कौन अब भी किताबें खोले बैठा है, जब मोबाइल और मार्केटिंग के युग ने ध्यान भटका दिया है।
#LTGrade2025 ट्रेंड कर रहा है, लेकिन क्या सिस्टम भी सुधर रहा है?
सोशल मीडिया पर भले ही ट्रेंड चला दो –
#7SaalBaad
#7466Vacancy
#ShikshakKiWapsi
लेकिन जब तक परिणाम समय से नहीं आएंगे, जब तक नियुक्ति पत्र हाथ में नहीं होंगे,
तब तक ये सिर्फ एक “घोषणा” है – क्रांति नहीं!

तो अब क्या करें?
- तुरंत OTR करें – https://uppsc.up.nic.in
- सिलेबस पढ़ें, पुराना पेपर देखें
- 2 महीने का टाइमटेबल बनाएं
- सोशल मीडिया से दूरी, मॉक टेस्ट से दोस्ती
- “रोज़ पढ़ना + रोज़ लिखना = सफलता की गारंटी”
ख़बर नहीं, चेतावनी है ये – ये मौका चूके, तो फिर सात साल का मौन मिलेगा!
ये भर्ती उन लोगों के लिए नहीं है जो किस्मत को दोष देते हैं…
ये उनके लिए है जो सात साल से खुद को रोक नहीं पाए
ना सिस्टम की चुप्पी से,
ना उम्र के बढ़ते नंबर से,
ना परिवार के तानों से।
अब अगर नहीं लड़े – तो 2030 में यही लेख फिर से छपेगा।
खबरी न्यूज़ – जहां सच्ची खबरें आग बनकर फैलती हैं।
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