
🐾 “Beast in the Wild, Blood on the Ground”
A Heartbreaking Encounter Between Man and Nature in Naugarh Forests



Khabari News | विशेष रिपोर्ट | नौगढ़, चंदौली
Editor-in-Chief: K.C. Shrivastava (Adv.)
चंदौली जनपद के नौगढ़ तहसील क्षेत्र के नरकटी गांव में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया। 30 वर्षीय विमलेश पाल, जो अपनी भेड़-बकरियों को चराने जंगल गए थे, पर अचानक एक भालू ने जानलेवा हमला कर दिया।
यह हादसा उस समय हुआ जब विमलेश दोपहर की तेज धूप में अपनी बकरियों की निगरानी करते हुए जयमोहनी वन रेंज के अमदहा 4अ बीट में पेड़ की छांव में बैठे थे। अचानक झाड़ियों में सरसराहट हुई और एक जंगली भालू ने छलांग मार दी — बिना किसी चेतावनी के हमला बोल दिया।
🩸 “एक क्षण में सब कुछ बदल गया…”
भालू ने विमलेश पर झपट्टा मारते हुए उसके सिर, पीठ और बाजुओं को बुरी तरह घायल कर दिया। चीख-पुकार सुनकर आस-पास के ग्रामीण दौड़े, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से लहूलुहान हो चुके थे।
परिजन व ग्रामीणों ने किसी तरह विमलेश को मौके से उठाया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ ले गए। जहां प्राथमिक उपचार के बाद ट्रॉमा सेंटर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार, चोटें गंभीर एवं जानलेवा हैं।
🚨 Human-Wildlife Conflict at Its Worst
This attack once again raises alarming questions about the increasing man-animal conflict in buffer zones of forests like Chandauli, Sonbhadra, and Mirzapur. As forested areas shrink and human presence increases in fringe zones, wild animals are forced into unwanted contact with villagers — often with devastating results.
🌳 वन विभाग की कार्रवाई और संवेदना
घटना की जानकारी मिलते ही काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के प्रभागीय वनाधिकारी दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया:
“हमारे जयमोहनी रेंज के नरकटी बीट में भालू के हमले की सूचना मिली है। पीड़ित विमलेश पाल को यथासंभव सहायता दी जाएगी। वन विभाग के प्रावधानों के तहत उन्हें आर्थिक मदद दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।“
💬 ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन से मांग
घटना के बाद पूरे नरकटी, अमदहा, जयमोहनी, और पड़ोसी गांवों में भय और गुस्सा दोनों का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है:
- वन क्षेत्र की सीमाओं पर बाड़बंदी (fencing) की जाए
- CCTV कैमरे और सायरन सिस्टम लगाया जाए
- नाइट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए
- घायल व्यक्ति के परिवार को आपातकालीन सहायता राशि दी जाए
- जंगलों के पास रहने वाले लोगों को वन्यजीव हमलों से सुरक्षा का प्रशिक्षण मिले
🧠 Khabari Insight: क्या बढ़ रहा है खतरा?
Khabari News की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 1 साल में चंदौली और सोनभद्र जिलों में भालू और तेंदुओं की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। नरकटी, जयमोहनी, बरहुआ, रामपुर, नक्सल प्रभावित पहाड़ी क्षेत्र, ये सभी हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि:
“वनों की कटाई और अवैध खनन के कारण जानवरों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है, जिससे वे इंसानी इलाकों की ओर बढ़ने को मजबूर हैं।“
📷 Khabari Social Voice
📣 “If you can’t secure the forest borders, don’t send our villagers into the jaws of wild death!” — यह संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
#SaveVillagers
#WildlifeAttack
#BearAttackNaugarh
#ForestSafety
#VimleshPalJustice
#JungleMeJaanchahiye
🔍 सरकार को उठाने होंगे सख्त कदम
🔺 Raahveer Yojana की तरह एक विशेष योजना बनाई जाए जो वन्यजीव हमलों के शिकार लोगों को तुरंत मुआवजा और उपचार सुविधा दे सके।
🔺 पंचायतों को वन विभाग से आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाए।
🔺 स्कूलों, मंदिरों, और खेतों के पास बजिंग सिस्टम या अलार्म टेक्नोलॉजी लगाए जाएं ताकि भालू, तेंदुआ या अन्य वन्य जीव आते ही संकेत मिले।
❤️ Khabari Message for the Public:
“भालू की हिंसक झपट्टियों में हमारी ग्रामीण ज़िंदगी न चली जाए, इसके पहले हमें आवाज़ बुलंद करनी होगी। विमलेश आज घायल हैं, कल कोई और हो सकता है। आइए, प्रशासन पर दबाव बनाएं और जंगल से सटी आबादी के लिए सुरक्षा की मांग करें।”
📍Powered by Khabari News –


