
🌿 “एकता वन” – मिट्टी से मोहब्बत का प्रतीक



खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क चकिया‚चंदौली।
गुरुवार की सुबह चकिया रेंज के गोठौली डीह में कुछ खास था। न जमीन नई थी, न पौधे पहली बार लग रहे थे। लेकिन इस बार भावनाएं कुछ अलग थीं। पर्यावरण योद्धा परशुराम सिंह ‘वृक्षबंधु’ की उपस्थिति ने इस अभियान को जनांदोलन का रूप दे दिया।
🌱 वृक्षबंधु का संकल्प – एक पेड़ माँ के नाम!
“जब मैंने माँ की तस्वीर के नीचे एक पौधा लगाया, तो वह सिर्फ एक वृक्ष नहीं था, वह मेरे अंदर की संवेदना थी। माँ जैसी निस्वार्थ सेवा सिर्फ एक पेड़ कर सकता है।”
– परशुराम सिंह, वृक्षबंधु
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शुरू किए गए इस अभियान – “एक पेड़ माँ के नाम” – की आज ज़मीनी झलक देखने को मिली। वृक्षबंधु ने साफ कहा:
“हर कोई पेड़ लगाता है, लेकिन उसे पानी कौन देता है? झुलसती गर्मी में कौन उसकी छांव बनने तक देखभाल करता है?”
🌳 “वन तो लगते हैं… लेकिन बचते कितने हैं?”
🌾 खबरी न्यूज़ का विशेष विश्लेषण:
1️⃣ प्रशासनिक पौधरोपण बनाम जमीनी सच्चाई
हर साल लाखों पौधे लगते हैं – कागज़ों में। लेकिन ज़मीनी हकीकत ये है कि 10 में से 3 ही पौधे जीवित रह पाते हैं। बाकी सूख जाते हैं, मवेशियों की भेंट चढ़ जाते हैं या सिर्फ उद्घाटन फोटो तक सीमित रह जाते हैं।
🔎 खबरी इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक चंदौली जिले में पिछले 5 वर्षों में 1.5 लाख पौधे लगाए गए, लेकिन केवल 28% ही जीवित बचे हैं।
2️⃣ वन विभाग की चुनौती – “जागरूकता की कमी”

चकिया के रेंजर अश्विनी कुमार ने खबरी न्यूज़ से कहा:
“हम पौधों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं। हर क्षेत्र में वन रक्षकों की टीम लगाई जाती है, लेकिन जब समाज का साथ मिल जाता है तो हमारी मेहनत सफल हो जाती है।”
“पेड़ तो बेटे की तरह होते हैं, पर आज के लोग लगाकर भूल जाते हैं। पहले के लोग पौधे को सुबह प्रणाम करते थे।”
📸 माहौल में संवेदना – तस्वीरों ने कहा सब कुछ
खबरी इडिटर इन चीफ एडवोकेट के सी श्रीवास्तव ने कहा कि एक जगह मै कवरेज करने गया था वहा पर एक माँ ने अपने छोटे बेटे को पेड़ के पास मिट्टी डालते हुए आशीर्वाद दिया, तो आंखें नम हो गईं।
जब एक स्कूल की बच्ची ने कहा – “मैं इस पेड़ को अपना भाई मानती हूं, इसे राखी बांधूंगी” – तो वातावरण में हरियाली के साथ भावना भी उमड़ पड़ी।
🪵 “सिर्फ उगाना नहीं… बचाना है मिशन!”
वृक्ष सिर्फ पर्यावरण नहीं बचाते, संस्कृति, संस्कार और संकल्प को भी बचाते हैं।
आज जब धरती तप रही है, जलस्रोत सूख रहे हैं, गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है – उस वक्त एक पेड़ सिर्फ पेड़ नहीं, जीवन रेखा है।
🧠 “पर्यावरण सिर्फ सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं!”
खबरी न्यूज़ एडिटर-इन-चीफ़ K.C. श्रीवास्तव (Advocate) ने इस अभियान पर बड़ा सवाल उठाया:
“हर पौधरोपण एक सरकारी फोटोशूट तक सीमित न रह जाए। क्या गांव का प्रधान, ब्लॉक का अधिकारी और स्थानीय युवा मिलकर उसका पालन-पोषण नहीं कर सकते?”
उन्होंने यह भी मांग की कि—
- हर पौधे को एक संरक्षक (Plant Guardian) दिया जाए
- बच्चों के स्कूलों में “हरियाली कार्ड” अनिवार्य हो
- गांवों में पेड़ों को गोद लेने की परंपरा बढ़े
- हर पंचायत एक “वन मित्र फंड” बनाए जिससे पेड़ों की सिंचाई हो सके
📢 समाज से सवाल – क्या आप तैयार हैं पेड़ को पालने के लिए?
- क्या आपने अपने घर के पास एक पौधा लगाया है?
- क्या आप सुबह उसे पानी देने का वादा कर सकते हैं?
- क्या आप उस पेड़ को अपने परिवार का सदस्य मान सकते हैं?
🌍 “हर पेड़, धरती के जीवन की सांस है!”
परशुराम सिंह ‘वृक्षबंधु’ की बातें सिर्फ भाषण नहीं थीं, वो कसम जैसी लगीं। उन्होंने कहा:
“जब तक इस धरती पर हर बच्चा, हर माँ, हर बुज़ुर्ग, पेड़ को अपना मानकर उसकी सेवा नहीं करेगा – तब तक पर्यावरण दिवस सिर्फ कैलेंडर की तारीख रहेगा!”
“अगर समाज साथ दे, तो चकिया को फिर से हरियाली का मॉडल बनाया जा सकता है।”
💚 खबरी न्यूज़ का भावनात्मक आह्वान – आइए, पेड़ों को बचाएं!
“आप माँ को रोज़ याद करते हैं, क्या एक पेड़ माँ के नाम नहीं लगा सकते?”
“आप बच्चों की हिफ़ाज़त करते हैं, क्या एक पेड़ की भी सुरक्षा नहीं कर सकते?”
✍️ अंतिम पंक्तियां – वृक्ष ही भविष्य हैं!
- “जिस दिन आखिरी पेड़ कटेगा, उस दिन आप समझेंगे कि ऑक्सीजन के बिना सिर्फ अस्पताल रहते हैं, जीवन नहीं!”
- “वृक्षों को लगाना आसान है, लेकिन उन्हें बचाना तपस्या है!”
- “जो वृक्ष की छांव में बैठता है, वह ईश्वर के सबसे करीब होता है।”
📢 खबरी न्यूज़ प्रतिज्ञा करता है कि हम ऐसे अभियानों को केवल कवरेज नहीं,
बल्कि मिशन मानकर आगे बढ़ाएंगे।
🌱 हर सप्ताह एक नया “ग्राम वृक्ष अभियान” चलाया जाएगा।
🔚 यह केवल खबर नहीं, एक कसम है –
“पेड़ लगेंगे, पेड़ बचेंगे, तभी धरती मुस्कुराएगी!”
🖊️ रिपोर्ट: खबरी न्यूज़ विशेष संवाददाता टीम
📸 ग्राउंड विजुअल्स: मीडिया सेल, चकिया रेंज
📣 सम्पादन: एडिटर इन चीफ़ K.C. श्रीवास्तव (Advocate)
यदि आप इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं, तो हमें मेल करें:
📧 khabarinewschakia@gmail.com



