
चकिया की मिट्टी में संवेदना के आंसू, विकास की समीक्षा और संगठन की आत्मा से संवाद



खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क
चकिया (चंदौली)। एक नेता सिर्फ़ तब बड़ा नहीं होता जब वो मंचों पर भाषण देता है, बल्कि तब जब वह दर्द बांटने खुद पैदल चलकर गांव की चौखट पर जाता है। ऐसा ही एक दृश्य 2 अगस्त 2025, शनिवार को चकिया की धरती पर उतरने जा रहा है, जब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक तरफ़ जिले के विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे और दूसरी ओर भाजपा जिला उपाध्यक्ष डॉ. प्रदीप मौर्य के परिवार की दुखद घड़ी में संवेदना प्रकट करेंगे।
🚁 सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के हेलीपैड पर उतरेगा हेलीकॉप्टर
उपमुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर रविवार को अपरान्ह 02 बजे चकिया स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के हेलीपैड पर उतरेगा। यहाँ से वह सरकारी स्टाफ कार द्वारा सीधे वन विभाग के विश्रामगृह पहुंचेंगे, जहाँ उनके स्वागत की तैयारियों में प्रशासन अभी से जुटा हुआ है।
चकिया की फिज़ाओं में हलचल है – यह सिर्फ़ एक राजकीय आगमन नहीं, बल्कि उन उम्मीदों की दस्तक है, जो वर्षों से प्रशासन के गलियारों में खोती चली आई थीं।
🤝 विश्रामगृह में कार्यकर्ताओं व अधिकारियों से संवाद
वन विभाग के विश्रामगृह में डिप्टी सीएम सबसे पहले भाजपा जिलाध्यक्ष काशीनाथ पांडेय, जिले के प्रमुख पदाधिकारी, मंडल अध्यक्षों और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। यह संवाद सिर्फ़ औपचारिकता नहीं, बल्कि एकजुटता का संदेश होगा – जहाँ विचार, संगठन और संकल्प एक मंच पर खड़े होंगे।
इसके बाद डिप्टी सीएम द्वारा विभिन्न विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक की जाएगी। इस बैठक में जिले के सभी महत्वपूर्ण विभागाध्यक्ष मौजूद रहेंगे।
📋 जनकल्याण योजनाओं की हकीकत पर होगी चर्चा
इस समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, सड़क निर्माण, किसानों को मिलने वाली योजनाएं, पेयजल आपूर्ति और शिक्षा से जुड़े कार्यों की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
यह समीक्षा केवल आँकड़ों की गिनती नहीं, बल्कि जमीन पर उतरते हक़ की पड़ताल होगी।

😔 तिलौरी गांव में पहुंचेगें शोक संवेदना व्यक्त करने
विकास की समीक्षा के बाद डिप्टी सीएम का काफिला चकिया के तिलौरी गांव पहुंचेगा। यहाँ वह भाजपा जिला उपाध्यक्ष डॉ. प्रदीप मौर्य के आवास पर जाकर उनके छोटे भाई संतोष कुमार मौर्य की हत्या पर शोक संवेदना व्यक्त करेंगे।
5 जुलाई की रात, जब संतोष की गोली मारकर हत्या हुई थी, तब डिप्टी सीएम ने फोन पर परिवार से बात कर सांत्वना दी थी। लेकिन अब वह खुद, आंखों में नम्रता, हाथों में संवेदना और चेहरे पर दुःख की गंभीरता लेकर परिजनों से मिलेंगे।
🖤 “दर्द जब नेता को घर बुलाए, तब सच्चे प्रतिनिधि का चेहरा सामने आता है”
चकिया की राजनीति में शायद यह पहला ऐसा क्षण होगा, जब एक शासकीय अधिकारी और एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि एक साथ दिखेगा। संवेदना की यह मुलाकात केवल एक रस्म अदायगी नहीं, बल्कि वोट की राजनीति से ऊपर उठकर मनुष्यता की पहचान है।
गांव में चर्चा है –
“संतोष अब नहीं रहा, लेकिन उसके लिए चकिया की मिट्टी में उपमुख्यमंत्री के आंसू गिरेंगे… इससे बड़ा सुकून और क्या होगा?”
🛑 कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, प्रशासन अलर्ट
डिप्टी सीएम के दौरे को देखते हुए चकिया से लेकर तिलौरी गांव तक सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। हेलीपैड, विश्रामगृह और गांव में PAC बल, स्थानीय पुलिस, QRT टीम, खुफिया इकाई सहित सुरक्षा एजेंसियां तैनात रहेंगी।
चकिया कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अर्जुन सिंह स्वयं रूट सुरक्षा की कमान संभाल रहे हैं। सभी मार्गों की सफाई, बैरिकेडिंग और ड्रोन कैमरों से निगरानी की व्यवस्था की गई है।
🕊️ शोक और समीक्षा – एक दिन, दो चेहरे
02अगस्त का दिन चकिया के लिए भावनाओं और जिम्मेदारी का मिश्रण होगा। एक ओर जनहित की योजनाओं पर पैनी दृष्टि, दूसरी ओर पारिवारिक दुख के साथ खड़ा एक संवेदनशील नेता – यही दिन का सार होगा।
🌾 चकिया की उम्मीदें जुड़ीं इस दौरे से
लोगों को उम्मीद है कि उपमुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद चकिया के अधूरे विकास कार्यों में रफ्तार आएगी। जिन सड़कों का निर्माण अधूरा है, जिन योजनाओं के लाभार्थी आज भी भटक रहे हैं, उन सबकी आवाज़ अब सीधे लखनऊ के कानों तक पहुंचेगी।
🧓 गांव वालों की प्रतिक्रिया: “वो केवल उपमुख्यमंत्री नहीं, हमारे दर्द में शरीक हैं”
तिलौरी गांव के बुजुर्ग बताते हैं –
“आज तक कोई बड़ा नेता गांव में तब आया जब चुनाव नज़दीक था, लेकिन केशव मौर्य जी एक दुख की घड़ी में आए हैं, यह राजनीति नहीं, रिश्तेदारी है।”

🔚 दौरे का समापन – वाराणसी के लिए वापसी
तिलौरी गांव से संवेदना प्रकट कर डिप्टी सीएम वापस सीआरपीएफ हेलीपैड पहुंचेंगे और वहाँ से वाराणसी के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होंगे। लेकिन चकिया की धरती पर उनकी मौजूदगी आने वाले समय के लिए एक भावनात्मक छाप छोड़ जाएगी।
✍️ खबरी न्यूज़ की टिप्पणी – “जब संवेदना सत्ता से ऊपर उठ जाए…”
“इस दौरे ने सिद्ध किया कि राजनीति में अब भी संवेदना जिंदा है। समीक्षा बैठक, संगठन से संवाद और दुख की घड़ी में पहुंचना – यह वह तीन आयाम हैं, जो एक जनप्रतिनिधि को नेता बनाते हैं।”


