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EMI Stable, Market Neutral… लेकिन नज़रें अब हर डेटा प्वाइंट पर टिकी हैं!
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🕔 6 अगस्त की सुबह, जब दरें नहीं बदलीं – फिर भी कहानी बहुत कुछ कह गई…
आज की सुबह कुछ ऐसी थी, जिसमें एक ख़ामोशी के भीतर बहुत कुछ छिपा हुआ था। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखा।
न कोई राहत।
न कोई सख़्ती।
बस एक मौन, लेकिन बहुत ही स्पष्ट संदेश – अब निर्णय जल्दबाज़ी में नहीं, डेटा और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता को देखकर होंगे।
📉 दरें स्थिर, लेकिन दिशा बदल रही है!
- रेपो रेट: 5.50%
- रिवर्स रेपो रेट: अपरिवर्तित
- SDF, MSF और बैंक रेट: बिना बदलाव
लेकिन इस स्थिरता में छुपा है एक बड़ा बदलाव – पॉलिसी अब पूरी तरह से “Data-Driven” हो चुकी है।

💬 “नीति का रुख तटस्थ है” – RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बड़ा बयान
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पत्रकारों से कहा –
“हमने पहले ही 100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर दी है। अब हम रुक कर देखना चाहते हैं कि उसका असर कैसे पड़ रहा है।“
📍 पिछले 6 महीनों में:
- फरवरी: 25 bps कटौती
- अप्रैल: फिर 25 bps
- जून: सीधा 50 bps
=> कुल मिलाकर 1% की बड़ी राहत, लेकिन अब RBI ठहर कर हालात को समझ रहा है।
📊 CPI 2.1% – यानि महंगाई फिलहाल डराने वाली नहीं है
जून 2025 में भारत की उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (CPI) केवल 2.1% रही।
✅ यह RBI के लक्ष्य 4% से काफी नीचे है।
✅ खाद्य और ईंधन दोनों में राहत
✅ आम जनता के लिए राहत की हवा
लेकिन यही CPI अब आगे के नीतिगत फ़ैसलों का केंद्र बिंदु भी बन गई है।
🌍 अमेरिका का झटका – 25% टैरिफ ने नीतिकारों की नींद उड़ाई
अभी जब भारत घरेलू मोर्चे पर राहत की स्थिति में है, वहीं अमेरिका ने एक कूटनीतिक झटका दिया है –
25% का टैरिफ भारतीय आयात पर लागू
🎯 टेक्सटाइल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर होंगे सबसे ज़्यादा प्रभावित
🛑 इससे रुपया, निर्यात और बाजार – तीनों पर दबाव बढ़ा है
👉 और यही वजह है कि RBI अब बहुत संभलकर कदम बढ़ा रहा है
📌 EMI में कोई बदलाव नहीं – लेकिन ये है बड़ा संदेश…
इस बार EMI Stable रहेगी।
✅ मकान, कार, एजुकेशन लोन – सब पर असर Zero
✅ बैंकों में ब्याज दरें नहीं घटेंगी अभी
✅ निवेशकों और कंपनियों को त्योहारी सीज़न की बिक्री और डेटा का इंतज़ार

🎯 RBI का Gameplan अब साफ़ है – “Wait. Watch. Decide.”
यह नीति नहीं, एक Mindset Shift है।
अब से हर ब्याज दर, हर घोषणा तीन कसौटियों पर परखी जाएगी:
- अर्थव्यवस्था के आँकड़े – GDP, CPI, Core Inflation
- वैश्विक हालात – अमेरिका, चीन, यूरोप की स्थिति
- निवेश और क्रेडिट की ग्रोथ
🎤 RBI ने स्पष्ट कहा –
“जब तक ज़रूरत न हो, हम न दरें बढ़ाएंगे, न घटाएंगे। नीति अब निष्पक्ष रहेगी – Neutral.“
🧠 गांव-शहर दोनों के लिए इसका क्या मतलब है? – Daddy’s School Perspective
👉 चंदौली जैसे अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में जहां मध्यम वर्ग और कृषि आधारित व्यापार है, वहां RBI की स्थिरता आश्वस्ति का काम करेगी।
👉 स्कूल, छोटे व्यापार, MSMEs जिनका लोन चलता है, उनके लिए EMI स्थिर रहना राहत की बात है।
👉 लेकिन अगर वैश्विक अस्थिरता ने रुपया या क्रूड प्राइस को झकझोर दिया, तो भविष्य की दरें फिर से बढ़ सकती हैं।
“समझदारी यही है कि अभी हम अपने खर्चों को संतुलित करें, बड़े कर्ज लेने से पहले एक बार और सोचें। RBI अभी स्थिर है, लेकिन दुनिया नहीं!”
📣 – डॉ. विनय प्रकाश तिवारी, फाउंडर, Daddy’s International School
🔚 अंत में: RBI का संकेत साफ है – अब कोई जल्दबाज़ी नहीं, केवल समझदारी होगी
👉 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भले ही दरें नहीं बदलीं, लेकिन नीति के इस “Pause” में जो Power है, वो आने वाले महीनों की दिशा तय करेगी।
🎤 RBI ने गेंद अपने पाले में रख ली है।
📊 अब बाज़ार, बैंक, सरकार और आम आदमी सबकी नज़र डेटा पर होगी।
🌍 अंतरराष्ट्रीय हालात भी भारत की नीति को सीधे प्रभावित करेंगे।
🇮🇳 Khabari News से सीधा संदेश:
“अभी दरें स्थिर हैं, लेकिन निर्णय स्थिर नहीं – क्योंकि अब निर्णय केवल तभी होंगे, जब ज़रूरत वाजिब और परिस्थितियां स्पष्ट हों।”
📢 #KhabariWave | डेटा के आधार पर फैसला, वही है असली विकास का रास्ता।
✍️ लेखक:
डॉ. विनय प्रकाश तिवारी
संस्थापक – Daddy’s International School, Bishunpura Kanta, Chandauli (UP)
📝 संपादन एवं प्रस्तुति:
के.सी. श्रीवास्तव (एडवोकेट)
प्रधान संपादक, Khabari News Wave Portal
अगर आप चाहें, मैं इसका पीडीएफ या सोशल मीडिया के लिए डिजाइन वर्जन भी बना सकता हूँ।




आरबीआई की पॉलिसी की सरल शब्दों में व्याख्या करने के लिए धन्यवाद ताकि यह लोगों तक जानकारी पहुंच सके 🙏❤️🇮🇳🙏