


सैयदराजा, चंदौली से दिल दहला देने वाली खबर
✍ रिपोर्ट : खबरी न्यूज ब्यूरो, मुगलसराय से सरदार महेन्द्र सिंह संपादक-इन-चीफ के.सी. श्रीवास्तव (एडवोकेट)
💔 पति-पत्नी के विवाद ने ली जिंदगी की बाज़ी
चंदौली जनपद के सैयदराजा थाना क्षेत्र के सुनडेहरा गांव से गुरुवार सुबह एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई जिसने पूरे क्षेत्र को सन्न कर दिया।
45 वर्षीय सनी चौहान, जो कि राजमिस्त्री का काम करके अपने परिवार का पेट पालता था, पत्नी के साथ हुए विवाद और थाने की दहलीज़ तक पहुंची शिकायत से इतना आहत हुआ कि उसने अपनी जिंदगी को फांसी के फंदे पर टांग दिया।
👩👩👧👦 पीछे छूट गया बेसहारा परिवार
सनी चौहान तीन बेटियों और तीन बेटों का पिता था। परिवार का अकेला कमाने वाला शख्स… वही जब घर का सहारा बना हुआ इंसान जिंदगी से हार मान ले, तो सोचिए उस परिवार पर क्या बीतेगी?
गांव की गलियों में अब बच्चों की मासूम आँखों से टपकते आँसू और विधवा बनी पत्नी की हताश चीखें गूंज रही हैं। लोग कह रहे हैं – “सनी बहुत मेहनती था… पर घर के झगड़े ने उसे तोड़कर रख दिया।”
🏚 सुबह से उठी तूफ़ान की आहट
बतातें चलें कि सनी और उसकी पत्नी माया देवी के बीच आए दिन विवाद होता रहता था। यह रोज़-रोज़ की कड़वाहट आखिरकार गुरुवार की सुबह फट पड़ी।
माया देवी थक-हारकर सीधे सैयदराजा थाना जा पहुंची और पति के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। शिकायत मिलते ही पुलिस ने सनी को बुला भेजा।
थाने में पूछताछ हुई, समझाइश दी गई और सनी वापस घर लौट आया। लेकिन यह बात उसकी आत्मा को कहीं भीतर से छलनी कर गई।



⚡ थाने से लौटकर बना मौत का खेल
थाने से घर लौटने के बाद सनी और माया देवी के बीच फिर से झगड़ा हुआ। माया देवी इस बार फिर से थाने जा पहुंची।
इसी दौरान सनी की मां घर के काम से बाहर चली गई। अकेलेपन के इस दौर में सनी ने अपने ही मकान के सामने लगे शेड के बांस पर धोती का फंदा डालकर खुद को झूल जाने दिया।
गांव के लोगों ने जब देखा तो अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में उसे उतारकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सैयदराजा ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सनी को मृत घोषित कर दिया।
🚨 पुलिस जांच में जुटी
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पत्नी की शिकायत और घरेलू कलह ने ही इस आत्महत्या की जमीन तैयार की। अब पुलिस कानूनी कार्यवाही में जुट गई है।
🗣 गांव की जुबानी – “यह मौत नहीं, मजबूरी थी…”
गांव के लोगों का कहना है कि सनी मेहनतकश और सरल स्वभाव का व्यक्ति था। लेकिन पत्नी के साथ कलह ने उसकी जिंदगी को नरक बना दिया था।
गांव के बुजुर्गों का दर्दभरा कहना था –
“जब घर के अंदर ही शांति न हो, तो आदमी चाहे कितना भी मजबूत हो, टूट ही जाता है।”
⚖️ सवालों के घेरे में पारिवारिक तंत्र
इस घटना ने एक बार फिर से समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है –
- आखिर क्यों पति-पत्नी के विवाद अदालत और थाने तक पहुंचने से पहले घर-परिवार और समाज में सुलझाए नहीं जाते?
- बच्चों की मासूम जिंदगी का क्या कसूर, जिन्हें बाप का साया छिन गया?
- क्या घरेलू विवादों के समाधान के लिए ग्राम पंचायत, समाज और रिश्तेदारों की जिम्मेदारी नहीं बनती?

📰 खबरी न्यूज की पड़ताल
खबरी न्यूज टीम जब गांव पहुंची, तो माहौल गमगीन था।
सनी के छोटे-छोटे बच्चों की मासूम निगाहें हर किसी का कलेजा चीर रही थीं। पत्नी माया देवी को खुद पर कोसते हुए सुना गया –
“काश, मैं थाने न जाती… शायद आज मेरा पति जिंदा होता।”
🙏 एक करुण संदेश
यह घटना सिर्फ सुनडेहरा गांव की कहानी नहीं है, बल्कि समाज का कड़वा आईना है।
कितने ही परिवार रोज़ घरेलू विवादों में उलझकर बिखर जाते हैं।
जरूरत है कि छोटे-छोटे विवादों को बड़ा रूप लेने से पहले समझदारी और धैर्य से सुलझाया जाए।
क्योंकि एक झगड़ा कभी-कभी पूरी जिंदगी को खत्म कर देता है।
🔴 खबरी न्यूज का संपादकीय संदेश
“परिवार में शांति और संवाद सबसे बड़ी ताकत है।
थाने, अदालत और फंदा – ये कभी भी समाधान नहीं हो सकते।
समाज को चाहिए कि ऐसे विवादों में बीच-बचाव करे और परिवारों को टूटने से बचाए।”
👉 यह रिपोर्ट सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए सबक है।
सनी चौहान की मौत ने सिखा दिया है कि गुस्सा, विवाद और जिद – किसी की जिंदगी छीन सकते हैं।
अब सवाल यह है कि क्या समाज इस त्रासदी से सबक लेगा?
🖋 विशेष रिपोर्ट : खबरी न्यूज सोशल मीडिया वेव पोर्टल
📌 संपादक-इन-चीफ : के.सी. श्रीवास्तव (एडवोकेट)


