

मुख्य सम्पादक: के.सी. श्रीवास्तव (एडवोकेट)
जला कैंडिल ‚रखा गया दो मिनट का मौन ‚ दी गई भावभिनी श्रध्दांजलि
22 वर्षों की पत्रकारिता का वीर सपूत, राकेश यादव, हमारे बीच नहीं रहे
चकिया, चंदौली: मंगलवार की सुबह जनपद चंदौली के पत्रकार समाज को सदमे में डालने वाली खबर आई। वरिष्ठ और निर्भीक पत्रकार राकेश यादव का असामयिक निधन हो गया। 22 वर्षों तक सच की राह पर चलते हुए उन्होंने पत्रकारिता को अपना जीवन समर्पित किया।
उनकी रिपोर्टिंग, लेख और खबरें हमेशा समाज के दबे-कुचले वर्ग के लिए उम्मीद और प्रशासन के लिए चेतावनी बनी। अब उनके जाने से केवल एक जीवन नहीं गया, बल्कि पत्रकारिता की एक मजबूत और निर्भीक आवाज़ भी खामोश हो गई।
श्रद्धांजलि सभा में उमड़ा भावुक समर्पण
बुधवार शाम गांधी पार्क, चकिया में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पत्रकारों, समाजसेवियों और मित्रों की भारी भीड़ उमड़ी। तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर कैंडिल जलाकर और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।

वरिष्ठ पत्रकार एवं एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव ने अपने सम्बोधन में कहा :
“राकेश यादव केवल पत्रकार नहीं थे, वह अपने परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे। उनके जाने के बाद परिवार गंभीर आर्थिक संकट में है। सरकार से मांग है कि मृतक पत्रकार के परिवार को कम से कम 20 लाख रुपए का मुआवजा तुरंत दिया जाए। पत्रकारिता एक जोखिम भरा पेशा है। समाज के लिए सच उजागर करना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन सुरक्षा सुनिश्चित नहीं है। इसे बदलना होगा।” पत्रकारों को पेंशन की सुविधा मुहैया कराई जाय।
उनके शब्दों ने हर उपस्थित व्यक्ति के दिल को झकझोर दिया।
राकेश यादव की पत्रकारिता — साहस और समाज सेवा का प्रतीक
राकेश यादव ने कभी डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा या प्रशासनिक भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग हो — उन्होंने हमेशा सच्चाई का पक्ष लिया।
उनकी हर खबर, हर लेख और हर रिपोर्ट ने समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया। उन्होंने पत्रकारिता को केवल पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा और जिम्मेदारी का माध्यम बनाया।

समाज और सरकार के लिए चुनौती
राकेश यादव के जाने के बाद उनके परिवार की हालत गंभीर है। उनके चार बेटियाँ और एक बेटा अब भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं। समाज और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इस परिवार की मदद करें।
अपील:
- मृतक पत्रकार के परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा तुरंत दिया जाए।
- पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के ठोस कदम उठाए जाएँ।
- समाज में पत्रकारिता के महत्व और जोखिम के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए।
- पत्रकारों को चिकित्सा की निःशुल्क ब्यवस्था सुनिश्चित हो।
- पत्रकारों को पेंशन दिया जाय।
भावुक श्रद्धांजलि और समाज की जिम्मेदारी
श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ पत्रकार शीतला प्रसाद राय, कृष्ण चंद्र श्रीवास्तव, प्रशांत गुप्ता, अनिल द्विवेदी ‚परीक्षित उपाध्याय‚ अवधेश कुमार द्विवेदी,राहुल पांडेय‚ कार्तिकेय पांडेय, मुरली श्याम,प्रमोद कुश्वाहा‚अजय कुमार उर्फ शिव जी ‚ अरुण कुमार, टोनी खरवार ‚ सदर मुश्ताक अहमद खान, अजय कुमार गुप्ता, देवा मौर्या, विजय सोनकर‚तारकेश्वर पांडेय‚ पियूष मिश्रा‚अभिषेक उपाध्याय‚शशि प्रकाश सहित तमाम पत्रकार व समाजसेवी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि राकेश यादव ने पत्रकारिता और समाज सेवा में जो योगदान दिया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार की मदद करना अब हम सबकी जिम्मेदारी है।



संदेश और आह्वान
आज हमें यह दिखाना होगा कि पत्रकारिता केवल शब्दों की लड़ाई नहीं, बल्कि समाज के लिए मिशन है।
हम समाज से अनुरोध करते हैं:
- पत्रकारों का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करें।
- सरकार और प्रशासन पर दबाव डालें कि पत्रकारों के हित में ठोस कदम उठाएँ।
- राकेश यादव के परिवार की हर संभव मदद करें।
राकेश यादव ने हमें सिखाया कि सच्चाई की राह कठिन जरूर है, लेकिन हिम्मत, साहस और निष्ठा के साथ ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है।
अंतिम शब्द
राकेश यादव — पत्रकार, समाज सेवक और सत्य के योद्धा। उनके आदर्श और संघर्ष हमेशा जीवित रहेंगे। उनका परिवार अब हमारा परिवार है।
हमारा संदेश:
सरकार, पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी निभाएँ, और उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
Khabari News
मुख्य सम्पादक: के.सी. श्रीवास्तव (एडवोकेट)



