खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चकिया‚चंदौली।
जहाँ भारतीयता, विद्या, सम्मान और सामाजिक चेतना एक ही मंच पर जीवंत हो उठे”**
—AYUSH राज्य मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ का भव्य स्वागत, गुलाब-पंखुड़ियों की बारिश, पाँच कबूतरों की उड़ान, 11 Life Time Achievement Award, 41 पूर्वांचल गौरव अलंकरण, 300 छात्र सम्मानित, सब कुछ एक ही दिन, एक ही जगह! सावित्री बाई फूले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चकिया में
🌅1. चकिया की सुबह—आज आसमान भी उत्साहित था
चकिया में 15 नवंबर की सुबह कुछ अलग थी…
हवा में हल्की ठंडक, पर दिलों में गरमजोशी की लपटें।
विद्यालय परिसर में कदम रखते ही एहसास हो गया—
“आज का दिन सिर्फ कार्यक्रम नहीं, इतिहास लिखने वाला दिन है।”
बच्चों का बैंड… झूमता हुआ स्वागत…
सदस्यों के चेहरे पर गर्व…
और जनता में वह उत्साह, जिसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकती थी।
🌸2. दयालु जी का आगमन—पैदल चलकर मंच तक पहुँचना, यही असली जन-नेतृत्व
जैसे ही गाड़ी पहुँची—लोगों की साँसें थम गईं।
मंत्री जी बाहर आए, पर मंच तक जाने के लिए गाड़ी नहीं, पैदल चुना।
बच्चों का बैंड आगे…
मंत्री जी पीछे…
और सभी तरफ भावनाओं की गूंज।
खबरी न्यूज व ट्रस्ट की टीम ने गुलाब की पंखुड़ियों से उनका स्वागत किया—
पंखुड़ियाँ हवा में तैर रही थीं और जनता की आँखों में चमक।
🕊️3. पाँच श्वेत कबूतर—शांति और सद्भाव का दिव्य संदेश
महाविद्यालय के गेट पर जैसे ही
पाँच सफेद कबूतर आसमान में छोड़े गए,
पूरा माहौल आध्यात्मिक हो गया।
एक क्षण को लगा—
चकिया की धरती अपनी संस्कृति को आसमान तक भेज रही है।
🔥4. मंच पर दीप प्रज्वलन, वेद मंत्र और शंखध्वनि—सब कुछ पवित्र, दिव्य, भव्य
मंच पर पहुँचते ही—
माँ वीणावादिनी के चरणों में पुष्प अर्पित।
दीप प्रज्वलन।
वेद मंत्रोच्चारण।
शंखनाद की गूंज।
पूरा सभागार मानो किसी तीर्थ स्थल में बदल गया।

🎶5. बच्चों की प्रस्तुति—आस्था, कला और ऊर्जा का सुंदर संगम
- सरस्वती वंदना
- स्वागत गीत
- फेक न्यूज पर बेहतर नाटक
- कराटे प्रस्तुति (नीरज कोच के छात्रों की)
हर प्रदर्शन ने बता दिया—
चकिया सिर्फ शिक्षा का नहीं, संस्कारों का भी केंद्र है।
🏆6. Life Time Achievement Awardees—वे 11 नाम जिन्होंने पूर्वांचल की गरिमा बढ़ाई

ये सभी मंच पर आए—और हर चेहरे पर सम्मान की रोशनी थी।
तालियाँ रुकने का नाम नहीं ले रहीं थी—
क्योंकि ये सिर्फ सम्मान नहीं,
पूर्वांचल की उत्कृष्टता का उत्सव था।
🏅7. ‘कलमकार अवार्ड’—Media Trust of India की ऐतिहासिक पहल

इस बार पहली बार ट्रस्ट ने पत्रकारिता के सम्मान में
“कलमकार अवार्ड” की शुरुआत की।
पहला मेडल दिया गया—
श्री मनोज कुमार गुप्ता (ब्यूरो चीफ, अमर उजाला, भदोही)
और पूरा सभागार ताली से गूंज उठा।
🌟8. 41 पूर्वांचल गौरव अलंकरण—प्रतिभा का महाकुंभ
41 व्यक्तित्व—जो समाज, शिक्षा, सेवा, कला और प्रशासन के स्तंभ हैं—
एक-एक कर मंच पर आए।
हर सम्मान ने चकिया की शान बढ़ाई।
**🎓9. 300 छात्रों को मेडल व प्रमाणपत्र—
खबरी न्यूज का संदेश: “अगली पीढ़ी ही हमारा भविष्य है”**
बच्चों की आँखों की चमक…
माता-पिता की मुस्कान…
शिक्षकों का गर्व…
यह दृश्य किसी फिल्म से कम नहीं था।

मुख्य अतिथि डॉ. दयाशंकर मिश्र “दयालू” का ऐतिहासिक वक्तव्य
“फेक न्यूज़ सिर्फ एक खबर नहीं होती—यह समाज की आत्मा को घायल करने वाला विष है। आज जब मोबाइल की स्क्रीन पर दुनिया सिमट गई है, तब ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि हम क्या पढ़ते हैं, क्या लिखते हैं और क्या आगे बढ़ाते हैं। डिजिटल साक्षरता अब विकल्प नहीं—राष्ट्रधर्म बन चुकी है।
मैं मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया और खबरी न्यूज़ की इस ऐतिहासिक पहल को साधुवाद देता हूँ। यहाँ जो ऊर्जा है, यह सिर्फ आयोजन की ऊर्जा नहीं—यह भारत के बदलते मीडिया चरित्र की ऊर्जा है।
आज चकिया की धरती ने दिखा दिया कि सही सूचना, सही दिशा और सही सोच से समाज में कितना बड़ा परिवर्तन सम्भव है।
मैं चाहता हूँ कि हमारे बच्चे—हमारी अगली पीढ़ी—स्मार्टफोन से सिर्फ मनोरंजन न ले, बल्कि ज्ञान, विवेक और सत्य की पहचान भी सीखे।
आप सबको देखकर लगता है कि अगर यह देश बदलेगा, तो इसी जनता, इसी नौजवान शक्ति और इसी नई मीडिया चेतना के बल पर बदलेगा।
मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ कि आपने मुझे इतनी आत्मीयता से बुलाया और जिस सम्मान, जिस भारतीयता, जिस संस्कार से मेरा स्वागत किया—मैं जीवनभर नहीं भूल पाऊँगा।
गुलाब की पंखुड़ियाँ, शंखध्वनि, वेद-मंत्र और विद्यार्थियों का सम्मान—यह चकिया की संस्कृति नहीं, यह पूरे भारत की आत्मा है।
मैं बस इतना कहना चाहता हूँ—
सत्य की लौ जलती रहे,
मीडिया संवेदनशील रहे,
और समाज जागरूक रहे—
यही हमारा संकल्प है।”
उत्तर प्रदेश चेतना रत्न” — दो महान हस्तियों को समर्पित


कार्यक्रम के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक “उत्तर प्रदेश चेतना रत्न” इस वर्ष दो ऐसी विभूतियों को प्रदान किया गया, जिनकी सेवाएँ सीधे जनता के दिल तक जाती हैं।
पहला सम्मान मिला —
उपजिलाधिकारी चकिया श्री विनय कुमार मिश्र को,
जिन्होंने “न्याय आपके द्वार” अभियान के तहत फटाफट निस्तारण, त्वरित सुनवाई और मानवीय प्रशासन का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया। इनके कार्यों ने यह साबित किया कि अगर अधिकारी इच्छाशक्ति से काम करें तो व्यवस्था बदलते देर नहीं लगती।
दूसरा सम्मान दिया गया —
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. जावेद (वरिष्ठ ब्यूरो, तरुण मित्र राष्ट्रीय हिन्दी, वाराणसी) को,
जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी बेहतरीन लेखनी, निर्भीकता और सजग जन-पक्षधरता से एक अलग पहचान अर्जित की। उनकी रिपोर्टिंग ने पूर्वांचल की सच्चाइयों को राष्ट्रीय परिदृश्य तक पहुँचाया।
दोनों ही सम्मानित व्यक्तित्व उत्तर प्रदेश की नई चेतना के प्रतीक बनकर मंच पर छाए रहे।
🧡 KC श्रीवास्तव एड०—शब्द नहीं, भावनाएँ बोल रही थीं

Media Trust of India के सचिव और खबरी न्यूज के एडिटर
KC श्रीवास्तव एड०
ने स्वागत भाषण दिया।
उनकी आवाज में विनम्रता थी—
पर शब्दों में गर्जना
कि
“फेक न्यूज़ के अंधकार में खबरी न्यूज सच्चाई की मशाल है।”
उन्होंने ट्रस्ट की पूरी यात्रा, उद्देश्य, नेटवर्क और प्रतिबद्धता को इतने सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया कि हॉल तालियों से भर गया।
**🌳 और फिर… मंच पर आए शिकागो से अवार्डेड

Bri ksh Bandhu — डॉ. परशुराम सिंह
जिन्होंने जैसे शमा ही बाँध दी!**
चंदौली की मिट्टी के सपूत,
‘वृक्षबंधु’ के नाम से अंतरराष्ट्रीय पहचान,
शिकागो (USA) से Green Guardian Warrior Awarded,
और संस्था के संरक्षक
डॉ. परशुराम सिंह
मंच पर आए—तो लगा
जैसे सभागार में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया।
उनके शब्द—
भावनाओं से भरे, विज्ञान से सजे, और समाज के प्रति जिम्मेदारी से जुड़े।
उन्होंने कार्यक्रम के हर पहलू को उकेरा—
- पर्यावरण
- समाज
- शिक्षा
- युवाओं की भूमिका
- फेक न्यूज़ की चुनौती
- और डिजिटल युग में सत्य की लड़ाई
उनकी वाक्शक्ति ने मानो पूरा हॉल बाँध लिया।
लोग चुप…
साँसें थमीं…
और दिल कह रहे थे—
“ऐसे ही लोगों से समाज बदलता है।”
**🎓12. कार्यक्रम अध्यक्ष — प्रो० संगीता सिन्हा (प्राचार्या)
जिन्होंने अपने शब्दों से समारोह में शैक्षणिक गरिमा जोड़ दी**
सावित्री बाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चकिया की प्राचार्या
प्रो० संगीता सिन्हा
इस कार्यक्रम की अध्यक्ष थीं।
उन्होंने कहा —
“आज का समारोह केवल सम्मान का मंच नहीं,
बल्कि नई पीढ़ी को मूल्यों, सत्य और जिम्मेदारी की शिक्षा देने का प्रयास है।”
उन्होंने ट्रस्ट व खबरी न्यूज की पहल को
“चकिया की सामाजिक चेतना का पुनर्जागरण”
बताया।
उनके वक्तव्य ने कार्यक्रम को एक बौद्धिक ऊँचाई प्रदान की।
🎙️13. मुख्य वक्ता डॉ. नागेंद्र सिंह—गहराई जिसने सबको सोचने पर मजबूर किया
फेक न्यूज—कैसे फैलती है?
क्यों लोग धोखा खाते हैं?
डिजिटल शिक्षा कैसे समाधान है?
उन्होंने इतने प्रमाणिक ढंग से समझाया कि
सभा में बैठे छात्र, शिक्षक और संभ्रांत लोग
सबके चेहरे गंभीर थे—
मानो आज हर कोई कुछ सीखकर ही जाएगा।
🎖️14. विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति—कार्यक्रम का स्तर राष्ट्रीय बना दिया
- प्रो. उमेश सिंह
- डॉ. गीता शुक्ला (चकिया की मदर टेरेसा)
- सीआरपीएफ कमांडेंट प्रद्युम्न कुमार सिंह
- भूपेन्द्र नाथ सिंह (पूर्व रक्षा सदस्य, भारत सरकार)
- दिनेश चन्द्रा (सेवानिवृत्त राजभाषा अधिकारी)
- वन क्षेत्राधिकारी अखिलेश दूबे
- आनन्द पांडेय
- SDM चकिया – विनय कुमार मिश्र
- डॉ. विनय प्रकाश तिवारी
- डॉ विवेक प्रताप सिंह सी एम डी द्रविलोक हास्पीटल
- चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव
- श्याम जी सिंह ए एम डी एस आर वी एस
- प्राचार्य राजेश यादव राजकीय इंटर कालेज
- और अन्य सैकड़ों सम्मानित विभूतियाँ
इनकी मौजूदगी ने आयोजन को किसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जैसा बना दिया।
🌊15. भीड़—सभागार नहीं, एक जनसमुद्र था
चार-पाँच घंटे तक…
स्टेज, हॉल, बरामदा, बाहर का परिसर—
सब खचाखच भरा रहा।
लोग बैठने की जगह खोजते रहे पर कार्यक्रम छोड़कर कोई नहीं गया।
यह कार्यक्रम नहीं था—
जन-उत्सव था।
**🎤16. संचालन—
डॉ. मिथिलेश कुमार और संतोष कुमार यादव ने कार्यक्रम को जीवित रखा**
तारतम्य, ऊर्जा, अनुशासन—
दोनों ने ऐसा संचालन किया कि
पूरे कार्यक्रम की लय एक भी सेकंड के लिए नहीं टूटी।
**💐17. धन्यवाद ज्ञापन—KC श्रीवास्तव एड०
जिन्होंने समापन को भी ऐतिहासिक बना दिया**
धन्यवाद के शब्द नहीं—
कृतज्ञता का सागर था।
श्रीवास्तव जी ने सबका अभिनंदन करते हुए
अंत में कहा—
“यह सिर्फ कार्यक्रम नहीं,
हम सबकी सामूहिक आत्मा का उत्सव है।”
और पूरा सभागार खड़ा होकर तालियाँ बजाने लगा।
**🔥खबरी न्यूज का Verdict :
आज चकिया ने सिर्फ इतिहास नहीं बनाया—
बल्कि पूरे पूर्वांचल को गर्व का कारण दिया।**
यह दिन आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनकर रहेगा।
