
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चकिया‚चंदौली।
लोग कह रहे थे—
“आज बस सभा नहीं है… आज चकिया जागने वाला है।”
और सच में—दृश्य ऐसा था जैसे पूरा शहर एक विशाल जनसागर बनकर खड़ा हो गया हो।
Khabari News ने इस ऐतिहासिक आयोजन को नाम दिया—

“जन-चेतना महासभा – जागो चकिया!”
इस सभा की कमान संभाली K.C. श्रीवास्तव एडवोकेट, सचिव – मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया, जिन्होंने शुरुआत में ही माइक संभालते हुए कहा—
“ये सिर्फ कार्यक्रम नहीं—ये लोकतंत्र का शंखनाद है! आज यहां जो आए हैं, वे इतिहास लिखने आए हैं।”
तालियाँ गूंज उठीं।
और फिर शुरू हुआ—
🔥 वर्ज़न का महा महायज्ञ!

🎤 SVEEP Icon डॉ. परशुराम सिंह – “यह जागरण है, आंदोलन है, क्रांति है!”
डॉ. परशुराम सिंह जैसे ही मंच पर आए—
भीड़ में मानो चुंबकीय ऊर्जा फैल गई।
उनका वर्जन चकिया ने पहले कभी नहीं सुना था—
“जागरूक मतदाता से बड़ा कोई योद्धा नहीं होता। एक-एक वोट सत्ता बदल देता है, दिशा बदल देता है, देश बदल देता है। याद रखिए—वोट सिर्फ अधिकार नहीं, यह आपकी आवाज़ है… और आवाज़ कभी दबनी नहीं चाहिए!”
उनकी रफ्तार, उनका जोश और उनकी आवाज़ की गूंज—
पूरे पार्क को एक ही सुर में बांध रही थी।

🎤 डॉ. गीता शुक्ला – “चेतना की रोशनी वही घर तक जाती है जहां स्त्री जागती है।”
चकिया की Mother Teresa कही जाने वाली डॉ. गीता शुक्ला ने मंच पर आते ही माहौल को भावनात्मक बना दिया।
उन्होंने कहा—
“जब महिला मतदाता जागती है, तो पूरा समाज जागता है। जागरण सिर्फ पुरुषों की जिम्मेदारी नहीं… यह हर बहू-बेटी का कर्तव्य है। लोकतंत्र की यह ज्योति हर घर में जलेगी—यही मेरा संकल्प है।”
“मैंने अस्पताल से लेकर मोहल्ले तक देखा है कि लोग शिकायत तो बहुत करते हैं…
लेकिन वोट डालने नहीं जाते।
अगर आप बदलाव चाहते हैं, तो बच्चे की कसम, बुज़ुर्ग के आशीर्वाद, और अपने परिवार की सुरक्षा को याद रखिए…
वोट आपका हथियार है—इसे बेकार मत जाने दीजिए!”
सभा में बैठे युवाओं पर उनकी बातों का सबसे ज़्यादा असर दिखाई दिया।
कई चेहरे गंभीर… कई आँखें प्रेरित… कई लोग पहली बार जागरूक होते हुए।
डॉ. गीता शुक्ला ने अंत में एक दिल छू लेने वाली पंक्ति कही—
“मैंने जिंदगी भर लोगों का इलाज किया है…
लेकिन लोकतंत्र की बीमारी का इलाज सिर्फ आप कर सकते हैं—
अपने एक-एक वोट से।”
उनके शब्दों पर महिलाओं के समूह ने एक साथ ताली बजाकर समर्थन दिया।

🎤 नगर पंचायत अध्यक्ष गौरव श्रीवास्तव – “विकास वहीं होता है जहां मतदाता जागरूक होते हैं।”
गौरव श्रीवास्तव का वर्जन बेहद सटीक और प्रशासकीय अंदाज़ वाला था।
उन्होंने कहा—
“विकास योजनाएँ तभी सफल होती हैं जब जनता जागरूक होती है। इस सभा की ताकत देखिए—चकिया का भविष्य आज यहाँ तय हो रहा है। हम सब मिलकर इसे एक जागरूक नगर बनाएंगे।”
उनकी बात पर युवाओं ने ‘जय चकिया’ के नारे लगाए।

🎤 मुस्ताक अहमद – “मतपेटी तुम्हारी ताकत है… इसे हल्का मत समझो!”
सपा के विधानसभा महासचिव मुस्ताक अहमद मंच पर आए तो वातावरण बदल गया—
उनके अंदाज़ में आग थी।
उन्होंने कहा—
“सुन लो चकिया! लोकतंत्र में नेता की ताकत जनता से आती है, और जनता की ताकत मतपेटी से। अगर तुम जागरूक हो गए—तो कोई सिस्टम तुम्हें दबा नहीं सकता। वोट करो, जमकर करो, जागकर करो!”
भीड़ ने शोर मचाया—
“मुस्ताक भाई जिंदाबाद!”

🎤 टोनी खरवार – “युवा अगर जाग गया, तो सिस्टम की नींद उड़ जाएगी!”
अब आया सबसे धमाकेदार वर्जन—
युवा आइकन, सपा नेता टोनी खरवार।
एकदम फायर स्टाइल में बोले—
“अरे भाई! आज का युवा सिर्फ मोबाइल चलाने के लिए नहीं पैदा हुआ है! सिस्टम बदलने की ताकत रखता है! युवा जाग गया तो सरकारें बदल जाएगी, फैसले बदल जाएँगे, और इतिहास भी बदलेगा।”
उनके वर्जन पर युवाओं ने ऐसा शोर किया कि माइक्रोफोन तक कांप उठा।

🎤 दशरथ सोनकर – “गांव तभी उठेगा जब मतदाता उठेगा।”
जिला पंचायत सदस्य दशरथ सोनकर का वर्जन गांवों की धरती से जुड़ा, मिट्टी की खुशबू से भरा हुआ था—
“मतदाता जागा तो गांव उठा, गांव उठा तो पूरा जिला उठा। जागरण की यह लौ गांव-गांव जानी चाहिए—यह चकिया की जिम्मेदारी है।”
उनके शब्दों पर ग्रामीणों ने सिर हिलाकर समर्थन दिया।

🎤 वरिष्ठ अधिवक्ता शंभूनाथ सिंह – “कानून तभी मजबूत होता है जब जनता जागरूक होती है।”
उनका वर्जन सबसे गहरा और सबसे सारगर्भित था।
“कानून किताब में लिखा रहे तो सिर्फ अक्षर है…
जनता उसे अपनाए तो वह शक्ति बन जाता है।
जागरूक मतदाता कानून का पहरेदार होता है।”
उनकी बात सुनकर भीड़ में शांति छा गई—मानो सब सोच में डूब गए हों।

K.C. श्रीवास्तव एडवोकेट – “आज चकिया ने जागरण का अलख जला दिया है!”
अब बारी थी कार्यक्रम संचालक, आयोजक और सभा के सूत्रधार K.C. श्रीवास्तव एडवोकेट की—
और उनका वर्जन पूरे कार्यक्रम का सबसे जोरदार हिस्सा बना।
उन्होंने दोनों हाथ उठाते हुए कहा—
“आज का यह दृश्य मैं जीवन भर नहीं भूलूंगा। गांधी पार्क में हजारों आंखों की यह चमक… यह जागरण की ज्योति नहीं, यह लोकतंत्र का महाआलोक है!
जो यहां खड़े हैं, वे सिर्फ लोग नहीं… वे लोकतंत्र के प्रहरी हैं!”
फिर उन्होंने कहा—
“इस जन-चेतना महासभा की लहर पूरे जनपद में जाएगी—गांव-गांव, मोहल्ला-मोहल्ला, मन-मस्तिष्क तक!”

⭐ सभा में मौजूद प्रमुख चेहरे — शक्ति और विश्वास का प्रतीक
सभा में मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया और Khabari News टीम के
राम यश चौबे, सुधांशु जायसवाल, विनोद श्रीवास्तव, अजय (उर्फ शिवजी), विनय पांडेय, ज्ञान प्रकाश सिंह, डॉ. अभिषेक उपाध्याय, डॉ. अनिल उपाध्याय और कई सम्मानित नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
⭐ समापन — “जागरूक मतदाता ही लोकतंत्र की असली सांस है!”
सभा के अंत में जब नारे लग रहे थे—
“जागो चकिया!”
“मतदाता जागा — लोकतंत्र जागा!”
“वोट करेंगे—देश बदलेंगे!”
तो वह सिर्फ आवाजें नहीं थीं—
वह कल की दिशा तय कर रहीं थीं।
गांधी पार्क आज सिर्फ पार्क नहीं था—
एक चेतना केंद्र था…
एक जागरण स्थल था…
एक लोकतांत्रिक रणभूमि था…
जहाँ जनता ने खुद को जगाया और पूरे जनपद को जगाने का संकल्प लिया।


