
🏗️ चकिया की शाम– जब गांधी पार्क में गूंजा अतिक्रमण हटाने का शोर
✍️ Editor-in-Chief: K.C. Shrivastava (Adv.)📍
खबरी न्यूज चकिया ‚चंदौली। बुधवार की सायं चकिया नगर पंचायत के गांधी पार्क परिसर में जब नगर पंचायत की टीम पहुंची, तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि क्या होने जा रहा है।
लोग अपने-अपने कामों में लगे थे, दुकानदार चाय बना रहे थे, बच्चे स्कूल से वापस आ रहे थे, तभी जैसे ही नगर पंचायत के कर्मचारी अतिक्रमण हटाने लगे, पूरा इलाका चौंक उठा।



👉 नगर पंचायत के कर्मचारियों ने अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू कर दिया
👉 देखते ही देखते भीड़ उमड़ पड़ी, और चकिया की गलियों में चर्चा का बवंडर फैल गया —
“सरकारी टीम गांधी पार्क में अतिक्रमण हटाने पहुंच गई है!”
🔥 अफरा-तफरी, आंसू और सवाल – अतिक्रमण हटाओ अभियान की पहली चोट
जैसे ही दुकानों और खोखों पर हाथ पड़ा, कुछ लोग गिड़गिड़ाने लगे,
कुछ ने बहस की —
कुछ दहशत में अपनी दुकानें खुद हटाने लगे, तो कुछ गुस्से में अड़े रहे।
🧓 एक बुजुर्ग दुकानदार की आंखें छलक गईं –
“बेटा, यही ठेला लगाकर गुज़ारा करता हूं… अब कहां जाऊं?”
👮 कर्मचारी बोले –
“सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर रखा है, पहले कई बार नोटिस दिया गया है।”
यह टकराव सिर्फ एक फुटपाथ या खोखे का नहीं था – यह टकराव था जीवनयापन और क़ानून के बीच।
📲 अधिशासी अधिकारी का कड़ा रुख – “अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा”
जब खबरी न्यूज ने अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार से फोन पर संपर्क किया, उन्होंने दो टूक कहा:
“गांधी पार्क की कार्यवाही तो सिर्फ शुरुआत है। पूरे नगर पंचायत में यह अभियान चलेगा।”
🛑 “जिन्हें नोटिस भेजा गया है, अगर वे खुद नहीं हटे,
तो हम हटवाएंगे – और जुर्माना भी वसूल किया जाएगा।”
✅ कई लोगों को पहले से नोटिस भेजा जा चुका है
✅ स्वेच्छा से हटने का विकल्प अभी खुला है
✅ पुनः कब्जा करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी

⚖️ क़ानून बनाम जनता: क्या प्रशासन सही कर रहा है?
👥 जनता दो हिस्सों में बंट गई है:
- जो कहते हैं – यह ज़रूरी कदम है “नगर का सौंदर्यीकरण हो रहा है, गंदगी हटेगी, रास्ते साफ होंगे।”
- जो कहते हैं – गरीबों को मार पड़ रही है “बिना पुनर्व्यवस्था के दुकानें तोड़ना, रोज़ी-रोटी छीनना है।”
👉 सवाल यह नहीं है कि अतिक्रमण हटाना चाहिए या नहीं,
👉 सवाल है कि क्या मानवीय तरीके से हटाया जा रहा है?
👉 क्या सभी को वैकल्पिक व्यवस्था दी जा रही है?
🎯 चकिया के दिल से उठती आवाज़ें:
📢 राजू वर्मा (ठेलेवाले):
“साहब, अगर हटाना ही था तो हमें जगह देकर हटाते, हमारा भी परिवार है।”
📢 रमा देवी (पार्क के पास फल बेचती महिला):
“हम क्या गलत कर रहे हैं? फुटपाथ पर बैठकर फल बेचते हैं, वो भी अब गुनाह है क्या?”
📢 स्थानीय व्यापारी संघ:
“हम प्रशासन के साथ हैं, लेकिन योजना बद्ध ढंग से होना चाहिए। सिर्फ डराकर हटाने से समाधान नहीं मिलेगा।”
📸 ग्राउंड रिपोर्ट: गांधी पार्क में कब्जा हटाने की तस्वीरें वायरल
खबरी न्यूज की टीम मौके पर मौजूद रही —
हमारे संवाददाता ने देखा:
- कर्मचारी अतिक्रमण हटाने का प्रयास कर रहे थे
- भीड़ के बीच पुलिस शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही थी
🤔 आगे क्या?
✅ नगर पंचायत के पास पूरी सूची है – कहां-कहां कब्जा है, किसके नाम से है
✅ हर वार्ड में कार्रवाई होगी – कोई भी बचेगा नहीं
✅ अस्थायी दुकानदारों को नए स्थान देने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं
✅ प्रशासन ने जनता से सहयोग की अपील की है
🧾 खबरी न्यूज की मांग:
- गरीबों और छोटे व्यापारियों को वैकल्पिक ठिकाना दिया जाए
- पुनर्वास नीति को पारदर्शी बनाया जाए
- अभियान से पहले खुली जनसुनवाई की जाए
- जबरन हटाने के बजाय सहमति आधारित मॉडल अपनाया जाए
📍 खबरी न्यूज टीम:
त्रिनाथ पांडेय | किशन श्रीवास्तव | सरदार गौतम सिंह 🖋️ संपादन: के.सी. श्रीवास्तव (एडवोकेट), प्रधान संपादक – खबरी न्यूज
📣 “चकिया बोले – न्याय के साथ विकास चाहिए!”
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