



खबरी न्यूज़ नेशनल नेटवर्क चकिया, चंदौली।
“नया SDM आये, तो तहसीलदार भी बदल दिए गए… चकिया के प्रशासन में चल रहा है सर्जन!”
चकिया।
चकिया तहसील में इस समय कुछ अलग ही राजनीतिक और प्रशासनिक माहौल है। पहले उपजिलाधिकारी (SDM) बदले गए और फिर अचानक तहसीलदार को भी हटा दिया गया।
सिर्फ 48 घंटों में चकिया की प्रशासनिक तस्वीर पूरी तरह बदल दी गई है।
पहले विकास मित्तल का तबादला करके विनय कुमार मिश्रा को चकिया का नया उपजिलाधिकारी नियुक्त किया गया, और अब तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को सकलडीहा भेज दिया गया।
उनकी जगह देवेन्द्र कुमार, जो कि अभी हाल ही में जनपद में आए हैं, को चकिया का नया तहसीलदार बनाया गया है। खास बात यह है कि देवेंद्र कुमार को नौगढ़ तहसील का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
🔄 प्रशासनिक फेरबदल या सुनियोजित व्यवस्था सुधार?
जिलाधिकारी श्री चन्द्र मोहन गर्ग के निर्देशन में लगातार हो रहे ये स्थानांतरण संकेत देते हैं कि अब परिणाम चाहिये, प्रक्रिया नहीं।
चकिया, जो कि नक्सल प्रभावित, सीमावर्ती और वनक्षेत्रीय तहसील मानी जाती है, अब शासन की प्राथमिकता में आ गई है।
“दोनों टॉप पोस्ट – SDM और तहसीलदार – जब एक साथ बदले जाएं, तो इसे सिर्फ प्रशासनिक फेरबदल नहीं, बल्कि एक बड़ी नीति का हिस्सा समझिए।”
– K.C. Shrivastava, Chief Editor, Khabari News
👨💼 कौन हैं विनय कुमार मिश्रा?
- वर्ष 2022 में प्रशासनिक सेवा में आए
- पहले असमोली विधानसभा के निर्वाचन अधिकारी
- फिर SDM संभल और चंदौसी
- चंदौसी में 14 अवैध दुकानों को हटवाया
- एक मस्जिद को नियमपूर्वक हटाया
- संभल चौराहे का चौड़ीकरण कराया
- सड़क किनारे के अवैध अतिक्रमण को हटवा कर जनता को राहत दी
विनय कुमार मिश्रा की पहचान है – Action, Accountability और Absolute Control।
⚖️ अब देवेंद्र कुमार की परीक्षा
जहां एक ओर विनय मिश्रा से सभी को उम्मीदें हैं, वहीं अब तहसील कार्यालय की बागडोर देवेंद्र कुमार के हाथों में आ चुकी है।
चकिया और नौगढ़ – दोनों ही राजस्व क्षेत्रों में समस्याएं कम नहीं हैं:
जमीन विवाद
वरासत व नामांतरण की लंबित फाइलें
लेखपालों की निष्क्रियता
पेंडिंग रिपोर्ट्स
पंचायतों की माफियागिरी
अब देखना है कि नए तहसीलदार इस “दोहरे दबाव” को कैसे झेलते हैं और जनता का विश्वास कैसे जीतते हैं।
🧑🌾 जनता क्या कह रही है?
🔹 “चलो अच्छा हुआ, अब काम तेजी से होगा।”
🔹 “बाबू लोग जो बैठे-बैठे चाय पीते हैं, अब हरकत में आएंगे।”
🔹 “हमें नामांतरण में 6 महीने लगते हैं, देखना अब कितने दिन में होगा।”
🔹 “अगर यही अफसर असली काम करें, तो हमें आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
📍 Khabari News की एक्सक्लूसिव रिपोर्टिंग टीम से बातचीत में…
तहसील के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने बताया:
“ये बदलाव चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन संकेत पहले से मिल रहे थे। कुछ बड़ी फाइलों में अनावश्यक देरी, जनता की बढ़ती शिकायतें और अधिकारियों के बीच संवादहीनता वजह रही होगी।”
वहीं एक ग्रामीण अधिवक्ता ने कहा:
“विनय मिश्रा का चकिया आना चमत्कारी साबित हो सकता है, अगर वे सीधे फील्ड में उतरें और तहसील स्टाफ को जवाबदेह बनाएं।”
✍️ Khabari Commentary:
“प्रशासनिक कुर्सियां बदलना एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन जब जनता की समस्याओं के समाधान की आस टूटने लगे, तो यही बदलाव क्रांति की शुरुआत बन सकते हैं। चकिया को अब अफसर नहीं, अगुवा चाहिए। उम्मीद कीजिए कि मिश्रा और देवेंद्र की जोड़ी इस कसौटी पर खरी उतरे।”
– एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव
प्रधान संपादक, Khabari News
📢 अब चकिया बोलेगा – Accountability चाहिए, सिर्फ कुर्सी नहीं!
जनता अब देख रही है…
✔️ अफसर फील्ड में आते हैं या AC कमरों में बैठते हैं
✔️ नामांतरण की फाइलें सरकती हैं या फिर उड़ती हैं
✔️ और सबसे जरूरी – चकिया में “जन का शासन” लौटता है या नहीं?
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✍️ Reporting by: Khabari News Ground Team – Chakia
🖋️ Presented by: Chief Editor – Adv. K.C. Shrivastava



