
(Editor-in-Chief: K.C. Shrivastava, Advocate)


खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चकिया‚चन्दौली।
🌟 Debate Beyond Words
चकिया का गौरव Dalim’s Sunbeam School एक बार फिर चर्चा में है। शनिवार, 23 अगस्त 2025 को विद्यालय परिसर में कक्षा 11 और 12 के छात्रों के बीच एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
विषय था – “आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला”। यह विषय अपने आप में इतना संवेदनशील और ज्वलंत था कि बच्चों के तर्कों में केवल facts ही नहीं बल्कि गहरी संवेदनशीलता और सहानुभूति भी झलक रही थी।
🎤 Competitors in Action : Youth Voices Rise
कक्षा 12 से राना परवीन, अतुल, आलोक सिंह, रिज़वान, प्रांजल, आलोक यादव, राशि मौर्य और अन्य बच्चों ने मंच संभाला। वहीं कक्षा 11 से भूमि, प्रांजल, हरिओम, शबीर, ज्योति, शिवांगी, हर्षित, शालू आदि ने अपने विचार रखे।
हर बच्चा अपने आप में एक Young Orator साबित हुआ। किसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पक्ष में जोरदार तथ्य रखे, तो किसी ने विरोध में उदाहरण और अनुभव प्रस्तुत किए।

🧑⚕️ Inaugural Speech & Statement : डॉ. विवेक प्रताप सिंह
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंधक डॉ. विवेक प्रताप सिंह ने किया। उन्होंने बच्चों को कुत्तों की मनोस्थिति (Psychological State of Dogs) और Rabies जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा –
👉 “कुत्ते हमारी संस्कृति और समाज का हिस्सा हैं। वे केवल सुरक्षा ही नहीं देते बल्कि इंसान के अकेलेपन में सबसे बड़े साथी भी बनते हैं। लेकिन जब उनकी संख्या अनियंत्रित हो जाती है, तब यह हमारे समाज और स्वास्थ्य दोनों के लिए चुनौती खड़ी करती है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केवल कानून नहीं, बल्कि मानव और पशु दोनों के अधिकारों के संतुलन की बात करता है।”
उन्होंने आगे जोड़ा –
👉 “आज के इस debate का मकसद केवल यह नहीं है कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा। असल मकसद है – बच्चों को यह सिखाना कि किसी भी मुद्दे को केवल एक नज़रिये से नहीं बल्कि सभी पहलुओं से देखना चाहिए। जब तक हम समाज और जानवर दोनों के दृष्टिकोण को नहीं समझेंगे, तब तक कोई स्थायी समाधान संभव नहीं है।”
बच्चों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा –
👉 “आपकी संवेदनशीलता ही आपके भविष्य की ताकत बनेगी। किताबें ज्ञान देती हैं, लेकिन ऐसे debate आपके अंदर सोचने और समाज को बदलने की शक्ति जगाते हैं। मैं चाहता हूँ कि हमारे विद्यालय के हर छात्र में यह समझ विकसित हो कि Compassion is the biggest strength of a human being.”
⚖️ Debate : पक्ष बनाम विपक्ष
जैसे ही प्रतियोगिता शुरू हुई, पूरा वातावरण Courtroom जैसा गंभीर और विचारशील हो गया।
- पक्ष (For Shelter):
पक्ष में खड़े छात्रों ने कहा कि आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजना उचित है। इससे न केवल इंसानों की सुरक्षा होगी बल्कि कुत्तों को भी सुरक्षित वातावरण मिलेगा। उन्होंने Animal Rights, Human Safety और Supreme Court Verdict को आधार बनाकर तर्क रखे। - विपक्ष (Against Shelter):
विपक्ष में खड़े छात्रों ने कहा कि कुत्तों को जबरन शेल्टर भेजना उनकी स्वतंत्रता के खिलाफ है। इंसानों की जिम्मेदारी है कि वे कुत्तों के साथ मिलकर जीना सीखें। उन्होंने गाँव और कस्बों के उदाहरण दिए, जहाँ लोग कुत्तों को परिवार का हिस्सा मानते हैं।
💡 Emotional Connect : Sensitivity Beyond Argument
वाद-विवाद का सबसे बड़ा आकर्षण यह रहा कि चाहे कोई पक्ष में था या विरोध में – हर बच्चे की आवाज़ में कुत्तों के प्रति प्यार और दया की भावना साफ सुनाई दी।
एक छात्र ने कहा –
👉 “Dog is not just an animal, it’s an emotion. हमें उन्हें shelter में भेजने से पहले उनके pain को समझना चाहिए।”
वहीं दूसरे छात्र ने कहा –
👉 “अगर इंसानों की safety खतरे में है तो हमें practical solution निकालना होगा। Shelter एक temporary solution नहीं, बल्कि permanent व्यवस्था हो सकती है।”



⚖️ Judges in Dilemma : Equal Verdict
प्रतियोगिता के अंत में निर्णायक मंडल के लिए फैसला करना आसान नहीं था। दोनों टीमों ने इतने दमदार तर्क प्रस्तुत किए कि किसी एक विजेता का चुनाव संभव नहीं रहा।
अंततः डॉ. विवेक प्रताप सिंह ने घोषणा की –
👉 “यह प्रतियोगिता जीत-हार का मंच नहीं बल्कि विचारों का संगम है। दोनों टीमों ने समान स्तर पर तर्क रखे हैं, इसलिए दोनों को समान दर्जा दिया जाता है।”
🎓 Principal B.S. Rai’s Remark
विद्यालय के प्रधानाचार्य बी.एस. राय ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा –
👉 “Debate Competitions build communication skills, confidence, and critical thinking. यह केवल मंच पर बोलने की कला नहीं बल्कि जीवन के लिए जरूरी कौशल सिखाता है – research, teamwork और different perspectives को समझना।”
उन्होंने यह भी कहा –
👉 “आज की यह debate बच्चों के लिए lifelong learning बनेगी। ऐसी गतिविधियाँ भविष्य के leaders और responsible citizens तैयार करती हैं।”
🌍 Impact : Beyond School Walls
यह प्रतियोगिता केवल एक विद्यालय-कार्यक्रम नहीं रही, बल्कि यह एक सामाजिक संवाद बनकर उभरी।
✔ बच्चों ने सीखा कि कानून (Law) और संवेदनशीलता (Sensitivity) साथ-साथ चल सकते हैं।
✔ उन्होंने महसूस किया कि जानवर भी समाज का हिस्सा हैं और उनकी जिम्मेदारी इंसानों की है।
✔ Supreme Court Verdict बच्चों की सोच और संवेदना दोनों तक गहराई से पहुँचा।
🔥 Dynamic Headlines (for Social Media Virality)
- 🐕 “Stray Dogs Debate : Sunbeam Chakia के बच्चों ने संवेदनशीलता और समझ की नई मिसाल दी”
- ⚖️ “Supreme Court Verdict बना मंच : Law और Love मिले Debate के तर्कों में”
- 🎤 “Debate Beyond Words – बच्चों की आवाज़ में गूँजी Humanity और Responsibility”
- 🧑🎓 “Sunbeam School Debate : Equal Verdict, Equal Respect, Equal Humanity”
✨ Conclusion : A New Generation Speaks
Dalim’s Sunbeam Chakia की इस प्रतियोगिता ने यह साबित किया कि नई पीढ़ी केवल किताबों तक सीमित नहीं है। वे सोचते हैं, महसूस करते हैं और समाज के मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं।
इस debate ने बच्चों के मन में यह विश्वास जगाया कि –
👉 “Insaan और जानवर दोनों एक-दूसरे के साथी हैं। Supreme Court का verdict केवल legal decision नहीं बल्कि societal awareness का प्रतीक है।”

📢 खबरी न्यूज एडिटर-इन-चीफ एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव की अपील
खबरी न्यूज के Editor-in-Chief, Advocate K.C. Shrivastava ने समाज और विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा –
👉 “आज की यह बहस विद्यालय तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। यह एक सामाजिक चेतना है जिसे हर नागरिक को समझना होगा। Supreme Court का निर्णय और बच्चों की संवेदनशीलता – दोनों का उद्देश्य यही है कि इंसान और जानवर सम्मानजनक जीवन जी सकें।”
उन्होंने आगे कहा –
👉 “मैं समाज से अपील करता हूँ कि हम सब मिलकर stray dogs को केवल nuisance की तरह न देखें। यह हमारे लिए एक जिम्मेदारी है। हमें cruelty से बचना होगा और साथ ही इंसानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी।”
👉 “विद्यालय और अभिभावक बच्चों में यह भावना जगाएँ कि Compassion, Responsibility और Sensitivity ही आने वाले भारत की असली ताकत हैं। नई पीढ़ी अगर इस सोच के साथ आगे बढ़ेगी तो भविष्य सुरक्षित और मानवीय होगा।”
अंत में श्रीवास्तव ने कहा –
👉 “Khabari News हमेशा ऐसी सकारात्मक पहल को आवाज़ देता रहेगा। आइए, हम सब मिलकर ऐसा समाज बनाएं जहाँ Humanity और Animal Rights दोनों का सम्मान हो।”
✨ Conclusion : A New Generation Speaks
Dalim’s Sunbeam Chakia की यह वाद-विवाद प्रतियोगिता इस बात का सबूत है कि नई पीढ़ी केवल किताबों तक सीमित नहीं है। वे सोचते हैं, महसूस करते हैं और समाज के गंभीर मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं।
Khabari News मानता है कि यह debate नई पीढ़ी के मन में संवेदनशीलता, सहानुभूति और समाज के प्रति जिम्मेदारी की गहरी नींव रखती है।
🖋 Report by: Khabari News Chakia Team
👨⚖️ Editor-in-Chief: Advocate K.C. Shrivastava




