
जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग और पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे ने संभाली कमान, बाढ़ जैसे हालात में उतरकर लिया हालात का जायजा
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क
चंदौली । जनपद पर पिछले 48 घंटों से आसमान कुछ इस तरह बरसा है जैसे मानो बरसात ने बदला लेने की ठान ली हो।
सड़कें तालाब बन गईं, गलियां नदियों में तब्दील हो गईं, और घरों के भीतर तक पानी ने दस्तक दे दी। लेकिन इस प्राकृतिक संकट के बीच एक उम्मीद की किरण तब दिखी जब जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग और पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे खुद मैदान में उतरे — बिना किसी दिखावे, बिना किसी प्रचार के, सिर्फ जनता की तकलीफ जानने के लिए।



🚜 अलीनगर से लेकर बबुरी तक: अफसरों की बारिश में ड्यूटी
शनिवार की सुबह जैसे ही बारिश थोड़ी थमी, प्रशासनिक दल एक्शन मोड में दिखा।
डीएम गर्ग और एसपी लांघे ने सबसे पहले अलीनगर के अमोगपुर गांव का रुख किया, जहां जलभराव से लोग घरों में कैद होकर रह गए थे।
सामने बच्चे बरामदे में खड़े थे, बुजुर्ग चारपाई पर बैठकर छत की ओर देख रहे थे — पानी का हर लहर उनकी चिंता बढ़ा रही थी।
डीएम गर्ग ने वहां मौजूद अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए –
“जहां पानी जमा है, वहां पंपिंग सेट तुरंत लगाया जाए। किसी भी हालत में नागरिकों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। अगर किसी के घर में पानी घुसा है तो उसकी निकासी में देर न करें, वरना कार्रवाई तय है।”
उनकी आवाज़ में प्रशासनिक दृढ़ता थी, लेकिन जनता के प्रति एक संवेदनशील भाव भी — जैसे कोई पिता अपने बच्चों की परेशानी देख रहा हो।

🚶♂️ बबुरी क्षेत्र का निरीक्षण – कीचड़ में उतरकर देखा दर्द
इसके बाद डीएम और एसपी का काफिला बबुरी की ओर बढ़ा।
सड़कें उफान मारते पानी से लबालब थीं। लेकिन अफसरों ने गाड़ी रोक दी और पैदल ही निरीक्षण शुरू किया।
चप्पलें कीचड़ में धँस रही थीं, कपड़े भीग रहे थे, पर उनके कदम रुक नहीं रहे थे।
गांव की एक बुजुर्ग महिला ने हाथ जोड़ते हुए कहा —
“बाबूजी, अब तो हम लोग थक गए हैं, तीन दिन से घर में पानी है, राशन भी भीग गया।”
डीएम गर्ग ने तुरंत आदेश दिया कि
“जिन परिवारों के घरों में पानी घुसा है, उनके लिए तत्काल राहत सामग्री भेजी जाए — सूखा राशन, पीने का पानी और दवा।”
वहीं एसपी आदित्य लांघे ने पुलिस टीम को निर्देश दिया कि
“रात में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए ताकि कोई भी व्यक्ति पानी में फंसा न रह जाए, और दुर्घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई हो।”

⚡ “पानी के साथ बिजली की मार” — डीएम का सख्त संदेश
निरीक्षण के दौरान कई जगह बिजली आपूर्ति ठप थी।
कहीं खंभे गिर गए थे, तो कहीं तारें खतरनाक रूप से झूल रही थीं।
इस पर जिलाधिकारी ने बिजली विभाग के अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि
“जन सुरक्षा सर्वोपरि है। जहां भी तार गिरे हैं या खतरा है, तुरंत बिजली काटकर सुधार कार्य शुरू किया जाए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
🧹 नालियां बनीं मुसीबत — सफाई पर लगी फटकार
चंदौली के कई शहरी क्षेत्रों जैसे पीडीडीयू नगर और सदर इलाके में नालियों की हालत देखकर जिलाधिकारी ने नगर पालिका के अधिकारियों को सीधे फटकार लगाई।
उन्होंने कहा —
“यह सिर्फ बारिश की गलती नहीं है, यह आपकी सफाई व्यवस्था की नाकामी है। अगर नियमित सफाई होती तो हालात इतने बिगड़ते नहीं।”
फौरन सफाई कर्मचारियों को लगाकर नालियों की सफाई शुरू कराई गई।
पंपिंग सेट लगाए गए, और रात तक कई क्षेत्रों में पानी की निकासी शुरू हो चुकी थी।
🏘️ जनता के बीच जाकर सुनी पीड़ा — मिला भरोसा
अमोघपुर में एक घर के बाहर खड़ी महिला ने कहा —
“साहब, पहली बार कोई डीएम खुद आकर हमसे पूछ रहा है कि क्या दिक्कत है। वरना यहां तो सिर्फ वादे ही सुनते हैं।”
डीएम गर्ग ने मुस्कराते हुए जवाब दिया —
“आपकी परेशानी हमारी जिम्मेदारी है। जब तक राहत नहीं मिलेगी, हम चैन से नहीं बैठेंगे।”
इस संवाद ने माहौल को भावुक बना दिया।
लोगों के चेहरों पर थोड़ी राहत, थोड़ी उम्मीद झलकने लगी।
🚓 पुलिस प्रशासन का मानवीय चेहरा
एसपी आदित्य लांघे ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि
“हर थाने में एक आपदा सहायता कंट्रोल रूम बनाया जाए। फंसे हुए लोगों तक पुलिस पहले पहुंचे, बाद में रिपोर्ट बने।”
उन्होंने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए रेस्क्यू टीमों को भी अलर्ट रखा।
बबुरी और अलीनगर में पुलिसकर्मियों ने खुद बच्चों को गोद में उठाकर सुरक्षित जगह पहुंचाया —
यह दृश्य देखकर स्थानीय लोग कह उठे,
“आज वाकई पुलिस हमारी ढाल बन गई है।”
📸 सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैदान में उतरे अफसरों के वीडियो
डीएम और एसपी की बारिश में भीगी तस्वीरें जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंचीं, #ChandauliDM और #PublicServiceFirst ट्रेंड करने लगे।
लोगों ने कमेंट किया —
“ऐसे अफसरों पर गर्व है।”
“मैदान में उतरकर काम करने वाला प्रशासन जनता की सच्ची उम्मीद है।”
ख़बरी न्यूज़ की टीम ने भी मौके से लाइव कवरेज की, जिसे हजारों लोगों ने शेयर किया।
⚠️ प्राकृतिक आपदा या सिस्टम की नाकामी?
यह सवाल अब भी बाकी है —
क्या हर साल की तरह इस बार भी चंदौली की बारिश सिर्फ ‘प्राकृतिक आपदा’ कहलाएगी,
या फिर यह भी स्वीकार किया जाएगा कि गंदगी, अव्यवस्थित ड्रेनेज और लापरवाह नगर निकायों की भूमिका भी उतनी ही जिम्मेदार है?
डीएम गर्ग की सख्ती और जमीनी निरीक्षण यह संकेत दे रहे हैं कि इस बार प्रशासन ने गलती को महसूस किया है, और उसे सुधारने की ठान ली है।
🌈 “प्रशासन सजग, जनता सतर्क” — उम्मीद का नया अध्याय
बरसात ने भले ही जनजीवन को थाम दिया हो,
पर चंदौली प्रशासन ने दिखा दिया है कि जब अफसर जनता के बीच उतरें,
तो हालात को संभाला जा सकता है।
रातभर पंपिंग सेट गूंजते रहे, नालियां साफ होती रहीं, राहत दल सक्रिय रहा।
डीएम और एसपी के नेतृत्व में जनपद में एक नई ऊर्जा, नई जिम्मेदारी की लहर देखी गई।
🔖 ख़बरी न्यूज़ विशेष टिप्पणी (K.C. Shrivastava, Editor-in-Chief):
“किसी भी जिले की ताकत उसके अफसरों की कुर्सी नहीं, बल्कि उनके कदमों की मिट्टी होती है।
जब जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक खुद कीचड़ में उतरते हैं,
तो जनता के मन में विश्वास का दीप जल उठता है —
यही सच्चा प्रशासनिक धर्म है।”
📍अंतिम संदेश
जनता परेशान है, लेकिन भरोसा कायम है।
प्रकृति की परीक्षा है, लेकिन चंदौली तैयार है।
बारिश आई है, पर उम्मीद भी जगाई है —
क्योंकि इस बार अफसर सिर्फ देख नहीं रहे, कर रहे हैं।
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