



📍 खबरी न्यूज़, चकिया,चंदौली (उत्तर प्रदेश) |
🎖️ सफलता की गूंज भूटान से चकिया तक, एक कराटे खिलाड़ी की स्वर्णिम दास्तान
🇮🇳 जहाँ से शुरू हुआ सपना, वहीं से निकला सितारा…
कभी चकिया की गलियों में साधारण कपड़ों में दौड़ता एक लड़का, आज भूटान की राजधानी थिंपू में तिरंगा लहरा रहा है।
नाम है — नीरज गुप्ता।

और उपलब्धि?
थिंपू ओपन अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप 2025 में सीनियर कैटेगरी का गोल्ड मेडल।
एक ऐसा पल, जब पूरे देश ने गर्व से सिर उठाया — और चकिया के इस बेटे को सलाम किया।
🥋 गोल्ड मेडल से सजी ये कहानी सिर्फ जीत की नहीं, बल्कि जुनून की भी है
22-23 जुलाई को थिंपू (भूटान) में हुए इस इंटरनेशनल कराटे इवेंट में, जब विश्वस्तर के धुरंधर मुकाबले में उतरे, तो नीरज गुप्ता ने अपनी जबरदस्त तकनीक, आत्मविश्वास और फोकस से सबको चौंका दिया।
हर मुकाबला एक टक्कर था, हर राउंड एक चुनौती —
लेकिन नीरज के लिए यह सिर्फ जीतने का नहीं, देश के लिए चमकने का सवाल था।
आख़िरी मुकाबले में जैसे ही उनका हाथ ऊपर उठा और गोल्ड मेडल उनकी गर्दन में पड़ा —
तिरंगा उनके दिल में और हर भारतवासी की आँखों में चमकने लगा।
🎉 घर वापसी पर हुआ ऐतिहासिक स्वागत — चकिया में बजी ढोल नगाड़ों की गूंज




जैसे ही नीरज का नगर आगमन हुआ, चकिया ने अपने बेटे का राजा की तरह स्वागत किया।
चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव के नेतृत्व में व्यापारियों, स्थानीय नेताओं और सैकड़ों नगरवासियों ने माला, अंगवस्त्र और जयकारों के साथ उनका सम्मान किया।
🚩 “नीरज ने सिर्फ चकिया नहीं, पूरे चंदौली जनपद और उत्तर प्रदेश का नाम रौशन किया है,”
– चेयरमैन श्री गौरव श्रीवास्तव ने गर्व से कहा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि नीरज को नगर पंचायत के आगामी कार्यक्रमों में विशेष सम्मान दिया जाएगा।
💬 “हर चांदनी से पहले अंधेरा होता है” – नीरज की आंखों से छलका संघर्ष का सच
गोल्ड मेडल जितने के बाद नीरज ने जब मीडिया से बात की, तो उनकी आँखों में चमक तो थी, पर जुबान में कड़वा सच भी था।
🗣️ “हमारे जैसे छोटे परिवारों से आने वाले खिलाड़ियों को हर दिन संघर्ष करना पड़ता है। कभी पैसे की कमी, कभी संसाधनों की – लेकिन जब देश के लिए मेडल मिलता है, तो वो हर दर्द जीत में बदल जाता है।”
उनकी आवाज़ में दर्द भी था और आत्मगौरव भी –
क्योंकि नीरज की जीत केवल उनकी नहीं, हर उस युवा की है जो सपने तो देखता है, लेकिन ज़मीन सच्चाई की होती है।
🫶 समाज का साथ बना ताकत – और बढ़ा आत्मबल
नीरज की सफलता का सेहरा सिर्फ उनके सिर नहीं — उनके पीछे खड़ा समाज, उनके चाहने वाले, और हर वो शख्स जिसने कभी उनकी पीठ थपथपाई – वो सब इस जीत के हिस्सेदार हैं।
चकिया वासियों ने कहा:
“नीरज ने आर्थिक चुनौतियों और सीमित संसाधनों के बावजूद जो कर दिखाया, वो असाधारण है। ऐसे टैलेंट को हमें हर स्तर पर सपोर्ट करना चाहिए।”
🙌 ये चेहरे भी बने इस गौरव यात्रा के साथी
इस भव्य स्वागत समारोह में चकिया के कई जाने-माने चेहरे उपस्थित थे –
जो इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने:
- 🧑💼 राकेश मोदनवाल
- 🧑💼 शिवरतन गुप्ता
- 🧑💼 उमेश चौहान
- 🧑💼 बबलू जायसवाल
- 🧑💼 पुल्लर गुप्ता
- 🧑💼 रिंकू सोनकर
- 🧑💼 भोला खरवार
- 🧑💼 अभिषेक यादव
- 🧑💼 शुभम मोदनवाल

इन सभी ने नीरज को अंगवस्त्र और माला पहनाकर सम्मानित किया और आगे के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
🌟 चकिया से निकलकर दुनिया में छाया — और बन गया यूथ आइकन
आज नीरज सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, युवाओं के लिए जीता-जागता मोटिवेशन हैं।
उनकी कहानी सिखाती है कि:
- सपनों को उड़ान देने के लिए ज़रूरी नहीं कि आपके पास बड़े संसाधन हों —
बस बड़ी सोच और पक्की मेहनत होनी चाहिए। - कभी हालात को बहाना मत बनाओ —
उन्हें हथियार बनाओ। - देश के लिए कुछ करना है?
तो मंज़िल तक पहुँचने के रास्ते खुद बनाने होंगे।
🏆 “नीरज गुप्ता”: नाम नहीं, अब एक ब्रांड है
एक ऐसा ब्रांड जो विश्वास, प्रेरणा, साहस और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है।
आज चकिया की गलियों से निकलकर, नीरज गुप्ता ने ये दिखा दिया कि छोटे कस्बों से भी निकल सकते हैं वर्ल्ड चैंपियन।
🔖 Khabari News स्पेशल रिपोर्ट का निष्कर्ष:
“ये स्टोरी सिर्फ कराटे की नहीं है — ये स्टोरी है सपनों की, संघर्ष की, संकल्प की और सफलता की।”
आज नीरज गुप्ता को सलाम सिर्फ उनके मेडल के लिए नहीं,
बल्कि उनके हौसले, उनकी मेहनत और उनके भारतवर्ष प्रेम के लिए है।चकिया का ये बेटा, अब भारत का चैंपियन है।
✍️ विशेष प्रस्तुति: Khabari News Editor in chief Advocate K.C.Srivastava| सोशल मीडिया वेव पोर्टल
📸 तस्वीरें और वीडियो कवरेज जल्द अपडेट किया जाएगा
📍 चकिया, जनपद चंदौली से एक्सक्लूसिव रिपोर्टिंग


