
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चकिया‚चंदौली।
➡️ हालत बिगड़ने पर छात्र को वाराणसी ट्रॉमा सेंटर रेफर
➡️ माँ की तहरीर पर पुलिस जांच में जुटी
➡️ छात्रों में उबाल, अभिभावकों में आक्रोश
💥 चकिया का नामी विद्यालय और दिल दहला देने वाली घटना
चकिया (चंदौली):
आदर्श नगर पंचायत चकिया के वार्ड नंबर चार स्थित आदित्य नारायण राजकीय इंटर कॉलेज से बुधवार को ऐसी खबर निकली जिसने न केवल शिक्षा जगत बल्कि पूरे चंदौली जनपद को हिलाकर रख दिया। कक्षा 12 के छात्र अनुराग सैनी पर उसके ही शिक्षक दिनेश यादव द्वारा मारपीट और गला दबाने का आरोप लगा है।
पीड़ित छात्र की माँ ममता देवी ने थरथराते हाथों से चकिया कोतवाली में लिखित तहरीर दी और कहा –
“मेरे बेटे के साथ शिक्षक ने जानलेवा हरकत की है। अगर समय पर इलाज न मिलता तो न जाने क्या हो जाता। मुझे मेरे बेटे के लिए इंसाफ चाहिए।”


⚡ विवाद से हिंसा तक – कैसे हुआ सबकुछ?
सूत्र बताते हैं कि घटना की जड़ विद्यालय के चल रहे 6 दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम से जुड़ी है।
- छात्र पक्ष का कहना है कि टूर की बस में उन्हें बैठने से रोका जा रहा था।
- जब उन्होंने विरोध किया तो कहासुनी हुई और बात बढ़ गई।
- आरोप है कि इसी दौरान शिक्षक दिनेश यादव ने गुस्से में आकर छात्र का गला पकड़ लिया।
छात्र अनुराग के मामा बबलू माली ने हमारे संवादाता त्रिनाथ पांडेय को बताया –
“बच्चे ने खुद कहा कि टूर की बस में सीट को लेकर विवाद हुआ। जब उसने कहा कि हमें भी बस में बैठने दिया जाए, तो शिक्षक ने गुस्से में आकर गमछा पकड़कर उसका गला दबा दिया। इससे उसकी सांस रुकने लगी और हालत बिगड़ गई।”
🚑 इलाज और ट्रॉमा सेंटर रेफर
घटना के बाद आनन-फानन में छात्र को संयुक्त जिला चिकित्सालय चकिया ले जाया गया।
लेकिन डॉक्टरों ने स्थिति देखकर उसे वाराणसी ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया।
यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और कॉलेज परिसर के साथ-साथ पूरे नगर में हड़कंप मच गया।
📚 छात्रों और अभिभावकों का आक्रोश
विद्यालय में पढ़ने वाले अन्य छात्र-छात्राओं में भी गुस्सा है।
- कुछ छात्र कहते हैं कि यह विवाद कक्षा में बैठने की व्यवस्था को लेकर भी हुआ।
- आरोप है कि बालिकाओं के पास बैठने से मना करने पर छात्रों और शिक्षक के बीच पहले से तनातनी चल रही थी।
छात्रों का कहना है –
“अगर स्कूल में शिक्षकों का यही रवैया होगा, तो छात्र पढ़ाई कैसे करेंगे? गला दबाना कोई अनुशासन का तरीका है क्या?”



🎙️ प्रधानाचार्य की सफाई
विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश सिंह यादव ने सफाई दी –
- “पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है।”
- “सभी रिपोर्ट्स नॉर्मल आई हैं।”
- “छात्र होश में है और बातचीत कर रहा है।”
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या रिपोर्ट नॉर्मल आना ही शिक्षक के आचरण को सही ठहराता है?
👮 पुलिस की भूमिका
चकिया कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अर्जुन सिंह ने पुष्टि की –
- “छात्र की माँ की तहरीर मिली है।”
- “पूरे मामले की जांच की जा रही है।”
- “जांच के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी।”
पर सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पुलिस दबाव में निष्पक्ष कार्रवाई कर पाएगी?
🏛️ शासन-प्रशासन पर बड़े सवाल
यह घटना केवल एक छात्र और शिक्षक के बीच विवाद नहीं है।
बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था की खामियों और प्रशासनिक ढिलाई को उजागर करती है।
- अगर शिक्षक वाकई दोषी हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं?
- अगर छात्र पक्ष के आरोप झूठे हैं, तो प्रशासन खुलकर सच्चाई क्यों नहीं बताता?
- क्यों हर बार जांच कमेटी के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है?



💔 माँ की तड़प और परिवार का दर्द
छात्र की माँ ममता देवी ने कहा –
“मेरे बेटे ने अभी जिंदगी की शुरुआत ही की थी। मैं चाहती हूँ कि मेरे बच्चे को इंसाफ मिले।”
उनकी आँखों में डर और आंसू साफ झलक रहे थे।
पूरा परिवार सदमे में है और गाँव-नगर में यह चर्चा का विषय बन गया है।
🧭 शिक्षा का मंदिर या डर का अड्डा?
विद्यालय वह स्थान है जहाँ छात्र भविष्य बनाते हैं।
लेकिन जब वही विद्यालय डर, मारपीट और अन्याय का केंद्र बन जाए तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है –
क्या शिक्षा के मंदिर में हिंसा की कोई जगह हो सकती है?
🔥 जनता की प्रतिक्रिया
नगर के बुद्धिजीवी और स्थानीय लोग प्रशासन से सवाल कर रहे हैं –
- “अगर आज एक छात्र का गला दबा दिया गया, तो कल किसी और के साथ इससे बड़ी घटना न हो जाए?”
- “क्या बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक सुरक्षा की गारंटी हैं या खतरा?”
🛑 KHABARI NEWS की मांग
👉 Khabari News संपादकीय टीम और Editor-in-Chief K.C. Shrivastava (Advocate) प्रशासन से मांग करते हैं:
- इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच हो।
- दोषी पाए जाने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो।
- विद्यालय प्रशासन की जवाबदेही तय हो।
- छात्रों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम और मॉनिटरिंग सिस्टम लागू हों।
🌐 निष्कर्ष – अब खामोशी नहीं चलेगी!
यह घटना केवल अनुराग सैनी की नहीं है।
यह हर उस माँ की आवाज़ है जो अपने बच्चे को स्कूल भेजती है और उम्मीद करती है कि वहाँ उसे ज्ञान मिलेगा, चोट नहीं।
Khabari News प्रशासन से यह स्पष्ट कहना चाहता है –
👉 अगर शिक्षा व्यवस्था को वाकई मजबूत बनाना है, तो ऐसे मामलों में तुरंत और पारदर्शी कार्रवाई करनी होगी।
📝 👨💼 Editor-in-Chief: K.C. Shrivastava (Advocate)
