
📍 डीडीयू नगर, चंदौली | संवाददाता: सरदार महेंद्र सिंह
रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इन दिनों GRP पर उठते सवालों के बीच डीडीयू रेलवे स्टेशन पर कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे स्टेशन परिसर में खलबली मचा दी। जीआरपी (Government Railway Police) ने एकाएक छापा मारा और 18 अवैध वेंडरों को धर दबोचा। इनमें से कई वेंडरों ने आईआरसीटीसी की ड्रेस पहन रखी थी, जिससे वे वैध प्रतीत हों।



🚨 GRP का अचानक चालाकी भरा ऑपरेशन
सूत्रों के अनुसार GRP यह छापा अचानक नहीं, बल्कि रणनीतिक तरीके से लाई गई चाल थी। दरअसल, शराब तस्करी पर आरपीएफ की सख्ती के बाद जीआरपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे। खबरी न्यूज को सूत्रों से पता चला है कि आरपीएफ और GRP के बीच अंदरूनी खींचतान भी इस कार्रवाई की बड़ी वजह है।
इस छापे के बाद जहां स्टेशन परिसर पर अवैध गतिविधियों पर लगाम लगी है, वहीं सवाल ये भी उठने लगे हैं कि क्या ये महज़ एक ‘Image-Building’ अभियान है या फिर कोई वाकई सुधार की पहल?
🚆 वेंडर, शराब और यात्री: सबसे बड़ी चिंता
GRP निरीक्षक सुनील कुमार सिंह के अनुसार लंबे समय से यात्रियों की ओर से यह शिकायत मिल रही थी कि बिना लाइसेंस वाले वेंडर स्टेशन परिसर में घटिया गुणवत्ता का खाद्य और पेय पदार्थ बेच रहे हैं, जिससे यात्रियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
मंगलवार को जब GRP ने एकाएक स्टेशन परिसर में अभियान चलाया, तो आईआरसीटीसी ड्रेस में छिपे कई नकली वेंडर भागने लगे। लेकिन GRP की टीम ने सभी को पकड़कर आरपीएफ के हवाले कर दिया। अब इन पर रेलवे अधिनियम की धाराओं में चालान की कार्यवाही हो रही है।
💣 अंदर की बात: पुलिस के भीतर की जंग?
खास बात यह है कि जबसे आरपीएफ ने शराब तस्करी पर नकेल कसी है,GRP पर निष्क्रियता के आरोप लगे हैं। ऐसे में यह अचानक की गई कार्रवाई कहीं न कहीं अपनी साख बचाने की कवायद भी मानी जा रही है।
“वेंडर की आड़ में कई संदिग्ध गतिविधियां हो रही थीं। इसीलिए हमने एक-एक को चिह्नित कर पकड़ा है।”
— सुनील कुमार सिंह, GRP निरीक्षक
🎙️ यात्रियों की राय: “हमें साफ-सफाई और सुरक्षा दोनों चाहिए!”
खबरी न्यूज की टीम ने जब यात्रियों से बात की, तो कई ने बताया कि वेंडर न सिर्फ ओवररेटेड सामान बेचते हैं, बल्कि स्वच्छता के नाम पर जीरो हैं।
“कभी जहर जैसा पानी मिलता है तो कभी बदबूदार समोसे। ऐसे में अगर GRP कार्रवाई कर रही है, तो वह सराहनीय है।”
🔍 खबरी न्यूज की खोजी नज़र:
- क्या वेंडरों के लाइसेंस की नियमित जांच होती है?
- नकली ड्रेस पहनकर व्यापार करने वाले कब पकड़े जाएंगे?
- GRP -आरपीएफ के टकराव का असर आम यात्री पर क्यों?
- क्या GRP शराब तस्करी पर भी उतनी ही तत्परता दिखाएगी?
📢 निष्कर्ष: अब भी सवाल बाक़ी हैं!
GRP और आरपीएफ दोनों रेलवे परिसर की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन जब इनकी आपसी सामंजस्य नहीं होता, तो यात्री फंसते हैं।
“सवाल ये नहीं कि 18 वेंडर पकड़े गए… सवाल ये है कि इतने वर्षों से ये वेंडर खुलेआम व्यापार कैसे कर रहे थे?”
🔎 Khabari News Exclusive Impact:
खबरी न्यूज की इस रिपोर्ट के बाद कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर GRP से सवाल पूछे हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार अवैध वेंडरों के नेटवर्क को लेकर एक नई जांच की फाइल खुलने वाली है। आने वाले दिनों में यह भी देखा जाएगा कि वाकई में तस्करी और घोटालों के जड़ तक पहुंचा जाता है या नहीं।


