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📍Editor-in-Chief: Advocate K.C. Shrivastava | Ground Report from DDU Yard
डीडीयू यार्ड में ठेका मज़दूर अजहरूद्दीन की करंट से मौत, साथी कर्मियों का फूटा गुस्सा – ‘लापरवाही से गई जान’



खबरी न्यूज डीडीयू नगर, चंदौली |
रेल पटरी से भी ज़्यादा खतरनाक हो गया है अब रेलवे का यार्ड… जहां मौत बिना सायरन दिए दस्तक देती है। मंगलवार को एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला हादसा पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के मालगोदाम यार्ड में हुआ, जिसने मजदूरों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए।
💀 एक झटका… और खामोश हो गई अजहरूद्दीन की ज़िंदगी
चंदौली के मधुपुर गांव निवासी अजहरूद्दीन (25) मंगलवार को रोज़ की तरह अपने ड्यूटी पर यार्ड पहुंचा था। वह ठेका प्रथा पर मालगाड़ी के डिब्बों की मरम्मत के काम में लगा था। काम के दौरान जैसे ही वह सीढ़ी पर चढ़ा, एक झटका लगा और वह नीचे गिर पड़ा।
उसने गिरते समय केवल एक बात कही –
🗣️ “यहां करंट आ रहा है…!”
🧤 फटे ग्लब्स और टूटी सुरक्षा – मौत को न्योता देने वाला सिस्टम
साथी मजदूरों ने बताया कि अजहरूद्दीन के हाथों में जो ग्लब्स थे, वे फटे हुए थे। उसी के कारण बिजली के संपर्क में आते ही वह करंट की चपेट में आ गया।
उसका एक साथी जैसे ही उसे उठाने दौड़ा, उसे भी करंट लग गया। यानि वहां की वायरिंग पूरी तरह खतरनाक स्थिति में थी।
आख़िरकार अन्य कर्मचारियों ने किसी तरह उसे खींचकर अलग किया और भोगवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
🚨 न कोई ठेकेदार, न कोई अफसर – मज़दूरों को मरने के लिए छोड़ दिया गया!
इस दर्दनाक हादसे के बाद जो सबसे ज्यादा शर्मनाक पहलू सामने आया, वो था – प्रशासनिक और संविदा कंपनी की खामोशी।
- घंटों बीत गए लेकिन न तो कोई रेलवे अधिकारी मौके पर आया,
- और न ही ठेकेदार की तरफ़ से कोई पूछने तक पहुंचा।
- शव काफी देर तक अस्पताल में पड़ा रहा।
इंसान मर गया, लेकिन सिस्टम ने मुंह फेर लिया।
🔥 साथी कर्मियों का फूटा गुस्सा – ‘हमें खुद खरीदने पड़ते हैं सेफ्टी उपकरण’
मौके पर मौजूद एक साथी मज़दूर ने बताया:
“हम लोगों के ग्लब्स, हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट – सब पुराने और टूटे-फूटे हैं। कई बार कहा, लेकिन नई चीज़ें नहीं दी गईं। खुद ही अपनी जान की हिफ़ाजत के लिए जेब से पैसे लगाकर चीज़ें खरीदनी पड़ती हैं।”
“जहां-जहां वायरिंग कटी है, वहां टेप तक नहीं मिलती। हमने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं। आज एक की जान गई, कल किसी और की जा सकती है।”
⚖️ पुलिस कार्रवाई शुरू, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
Khabari News ने जब अलीनगर थाने से संपर्क किया, तो मौके पर मौजूद अधिकारी राहुल ने बताया कि:
“शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
लेकिन साथ ही उन्होंने यह नहीं बताया कि ठेकेदार या कंपनी के खिलाफ कोई FIR दर्ज हुई है या नहीं।
👨👩👧👦 घर का इकलौता सहारा चला गया… परिवार की चीखें यार्ड की मशीनों से तेज थीं
अजहरूद्दीन के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। वह घर का इकलौता कमाने वाला था। मां, पिता, भाई-बहन सभी अस्पताल में बेसुध होकर गिरते पड़ते चिल्लाते रहे –
“हमरा बेटा मज़दूरी करता था साहब… साजो-सामान के बिना कैसे काम करेगा!”
🧾 खामोश संविदा कंपनी और लापरवाह रेलवे – कौन देगा जवाब?
- क्या इस यार्ड में सेफ्टी ऑडिट होता है?
- कौन जिम्मेदार है इस लापरवाही के लिए?
- क्या ठेकेदार को सुरक्षा उपकरण देने का आदेश नहीं था?
- और क्या यह पहला मामला है?
इन सवालों का जवाब आज नहीं मिला, लेकिन मज़दूरों की आंखों में डर साफ़ झलकता है।
📢 Khabari News की मांग – दोषियों पर FIR हो, और मज़दूरों को सुरक्षा मिले
Khabari News के संपादक एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव ने प्रशासन से मांग की है:
“रेलवे प्रशासन और ठेका कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ IPC और लेबर लॉ के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही मजदूरों को PPE, सेफ्टी गियर और बीमा की सुविधा तत्काल दी जाए।”
🚩 मज़दूरों की जान की कीमत सिर्फ ठेके की बोली नहीं हो सकती!
इस मौत को बस आंकड़ा न बनने दें… आज अजहरूद्दीन गया, कल कोई और हो सकता है।
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✍️ रिपोर्टिंग: Khabari News Social Media Team |


