

📢 जब संवाद विचार बन जाए और विचार संकल्प…
3 मई 2025 को चंदौली के पत्रकारिता इतिहास में एक अहम अध्याय जुड़ गया, जब जिले के प्रमुख प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और फ्रीलांसर पत्रकार एक मंच पर एकत्र हुए। अवसर था अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस का, और मंच था होटल PSK Inn, जहाँ गोष्ठी का विषय था – “आज के परिवेश में पत्रकारिता – एक चुनौती“।
इस गोष्ठी ने सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान नहीं किया, बल्कि चंदौली में “प्रेस क्लब” की स्थापना के स्वर गूंजे, जिसे सभी वरिष्ठ पत्रकारों ने समूहिक समर्थन और प्रतिबद्धता के साथ स्वीकार किया। यह आयोजन पत्रकारिता के वर्तमान यथार्थ, संघर्षों, स्वतंत्रता और पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर एक मील का पत्थर साबित हुआ।

🔍 विषय-वस्तु: पत्रकारिता – आज की चुनौती
गोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि पत्रकारिता आज केवल खबर देना नहीं रह गया, बल्कि यह सत्ता, व्यवस्था, और समाज के बीच एक संवेदनशील कड़ी है।
📌 मुख्य चर्चा बिंदु:
- पत्रकारों की सुरक्षा और संवैधानिक अधिकारों पर गहन मंथन
- स्वतंत्र पत्रकारों, यूट्यूब/डिजिटल मीडिया कर्मियों की मान्यता पर विचार
- जिले में चंदौली प्रेस क्लब की स्थापना की तत्काल आवश्यकता
- पत्रकारों की एकता, आपसी सहयोग और आवाज़ की ताकत
- ग्रामीण व तहसील स्तर पर कार्यरत पत्रकारों की चुनौतियाँ
- मीडिया में बढ़ते दबाव और सेंसरशिप को लेकर चिंता
🧑💼 सम्मानित उपस्थिति: पत्रकारिता के स्तंभ
इस गोष्ठी में जिले के पत्रकारिता जगत की जानी-मानी हस्तियाँ मौजूद थीं, जिनमें प्रमुख हैं:
- डॉ. अनिल यादव – कार्यक्रम अध्यक्ष
- डॉ०विनय कुमार वर्मा – वरिष्ठ पत्रकार व सोशल एक्टीविस्ट
- अमरेंद्र पांडेय – ब्यूरो चीफ, अमर उजाला
- धीरेन्द्र सिंह शक्ति – राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष, राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत
- सरदार महेंद्र सिंह – प्रभारी डी डी यू नगर , आप का मेट्रो
- बृजेश कुमार – संपादक, सच की दस्तक
- पवन तिवारी – पूर्व ब्यूरो चीफ, अमर उजाला
- कमलेश तिवारी – राष्ट्रीय सहारा
- आशाराम यादव – हिंदुस्तान
- राजीव जायसवाल – सन्मार्ग
- आनंद सिंह – जिला अध्यक्ष, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन
- सूर्य प्रकाश सिंह – जिला अध्यक्ष, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन
- सुभाष विश्वकर्मा – आज अखबार
- कृष्ण मोहन गुप्ता – जयदेश, कार्यक्रम संचालक
- संदीप कुमार निगम – पूर्वांचल समाचार, स्वागत/आभार
- कृष्णकान्त गुप्त – वरिष्ठ पत्रकार
सभी पत्रकारों ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए यह स्पष्ट किया कि पत्रकारिता को संगठित और संरक्षित करने का समय आ चुका है।
🏛️ चंदौली प्रेस क्लब: एक आवाज़, एक संगठन
गोष्ठी का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु था – “चंदौली प्रेस क्लब” की स्थापना पर सार्थक संवाद। लंबे समय से जिले में पत्रकारों के लिए कोई सशक्त संगठनात्मक ढांचा नहीं था। अब यह मांग केवल विचार नहीं, बल्कि एक आन्दोलन का स्वरूप ले चुकी है। सभी उपस्थित पत्रकारों ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति और समर्थन जताया, साथ ही इसके लिए सक्रिय भागीदारी का भी वादा किया।
यह प्रेस क्लब न केवल पत्रकारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगा, बल्कि समाज और प्रशासन के बीच एक जिम्मेदार संवाद का माध्यम भी बनेगा।


🗣️ पत्रकारों ने क्या कहा?
🗨️ “अब पत्रकारिता को सुरक्षित करना होगा। कलम की ताकत तभी जिंदा रहेगी जब हम एकजुट रहेंगे।” – धीरेन्द्र सिंह शक्ति
🗨️ ʺआज पत्रकार कई मोर्चों पर लड़ रहा है — मानसिक दबाव, प्रशासनिक नजरअंदाज़ी, सामाजिक असुरक्षा और आर्थिक अनिश्चितता। – डॉ विनय कुमार वर्मा
🗨️ “पत्रकार न सिर्फ खबर देता है, वह समाज का आईना होता है। हमें अपनी पहचान और गरिमा को बनाए रखने के लिए संगठित होना ही होगा।” – बृजेश कुमार
🗨️ “प्रेस क्लब सिर्फ दीवारों से नहीं बनता, वह उन लोगों की आत्मा से बनता है जो पत्रकारिता को मिशन मानते हैं।” – महेंद्र सिंह
🤝 कार्यक्रम की संरचना
- अध्यक्षता: डॉ. अनिल यादव
- संचालन: कृष्ण मोहन गुप्ता
- स्वागत/आभार: संदीप कुमार निगम
🔗 हमें क्यों चाहिए एकजुटता?
आज पत्रकार कई मोर्चों पर लड़ रहा है — मानसिक दबाव, प्रशासनिक नजरअंदाज़ी, सामाजिक असुरक्षा और आर्थिक अनिश्चितता। इन सबके बीच एक मजबूत, संगठित और सशक्त पत्रकार संगठन ही उसकी ढाल बन सकता है।
“चंदौली प्रेस क्लब” न सिर्फ एक नाम होगा, बल्कि एक संस्था, मंच और आवाज़ होगी – हर पत्रकार की।
📸 तस्वीरें कहती हैं – बदलाव की बयार है!
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