एक सिस्टम, कई सवाल: क्या महिला की सुरक्षा केवल कानून की किताबों में है?
खबरी न्यूज़ नेशनल नेटवर्क
बाराबंकी।
सन्नाटे में घुली चीखें: जब रिश्तों ने ही धोखा दिया
बाराबंकी जिले के असंद्रा थाना क्षेत्र से आई एक दिल दहला देने वाली वारदात ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक विवाहिता ने अपने ही पति पर हैवानियत की सारी हदें पार करने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि उसका पति न केवल शादी के बाद लगातार उसके साथ जबरन अनैतिक संबंध बनाता रहा, बल्कि उसके नाजुक अंगों को सिगरेट से जलाता था। विरोध करने पर उसे मायके भेज दिया गया, लेकिन यातनाओं का सिलसिला यहीं नहीं रुका।
……. जब दर्द का दूसरा अध्याय शुरू हुआ
पीड़िता ने कोर्ट में दिए अपने बयान में बताया कि 6 मार्च 2025 को वह दवा लेने के लिए रामसनेहीघाट से हैदरगढ़ जा रही थी। तभी सूरजपुर फार्म के पास एक कार अचानक उसके पास आकर रुकी और कार से उसका पति नीरज कुमार उतरा। बिना कुछ कहे, उसने महिला को जबरन कार में घसीटा और अपहरण कर लिया।
कार में उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। फिर पति ने उसके नाजुक अंगों पर किसी तरल ज्वलनशील रसायन को डाला, जिससे वह दर्द के मारे बेहोश हो गई। इसके बाद नीरज ने उसे चलती कार से बाहर फेंक दिया और फरार हो गया।
पहले भी थी यातना की पटकथा तैयार: शादी के बाद से ही शुरू हो गया था अत्याचार
32 वर्षीय पीड़िता रामसनेही घाट कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की निवासी है। उसने एसीजेएम कोर्ट संख्या-2 में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई। महिला ने बताया कि उसका विवाह लखनऊ जिले के गोसाईगंज क्षेत्र के नीरज कुमार से हुआ था, जो पहले से ही अपने गांव की एक महिला के साथ अवैध संबंधों में लिप्त था।
विवाह के बाद वह उस पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार करता रहा। उसके साथ जबरन अनैतिक संबंध बनाए जाते। हर बार विरोध करने पर उसकी पिटाई होती और सिगरेट से उसके संवेदनशील अंगों को जलाया जाता था।
थाना भी बना ‘तमाशबीन’: दो महीने तक टरकाते रहे पुलिसकर्मी
पीड़िता का आरोप है कि घटना के बाद वह और उसका भाई कई बार असंद्रा थाने गए। उन्होंने विस्तार से पूरी आपबीती बताई लेकिन थाने की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस सिर्फ रिपोर्ट लिखने की बात कहकर टालती रही। महिला की हालत खराब होती गई, लेकिन पुलिस के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
Silver Bells
कोर्ट ने दिखाई रहनुमाई, तब जाकर दर्ज हुआ मुकदमा
आखिरकार महिला ने न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाया। एसीजेएम कोर्ट संख्या-2 ने मामले की गंभीरता को देखते हुए असंद्रा पुलिस को तत्काल केस दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के निर्देश के बाद असंद्रा थाना प्रभारी आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आरोपी पति की तलाश की जा रही है।
एक सिस्टम, कई सवाल: क्या महिला की सुरक्षा केवल कानून की किताबों में है?
इस वारदात ने एक बार फिर यूपी की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या पुलिस थानों में महिला सुरक्षा सिर्फ फाइलों तक सीमित है?
जब तक कोर्ट का डंडा न चले, तब तक एफआईआर भी न लिखी जाए?
क्या एक महिला को बार-बार प्रताड़ित होकर भी न्याय की भीख मांगनी होगी?
न्याय की गुहार: पीड़िता की हालत गंभीर, इंसाफ की राह मुश्किल
पीड़िता की मानसिक और शारीरिक हालत नाजुक बनी हुई है। फिलहाल उसे स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। उसने कोर्ट से आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
महिला आयोग और मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मामले पर संज्ञान लेने की तैयारी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं और आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
पुलिस के लिए अब अग्निपरीक्षा का समय
असंद्रा थाना पुलिस पर यह एक गंभीर जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करे और आरोपी को सजा दिलवाए। वरना यह केस भी उन हजारों मामलों की तरह दफन हो जाएगा जो केवल अदालतों की तारीखों में खो जाते हैं।
आखिरी बात: ये केवल एक महिला की कहानी नहीं, यह पूरे सिस्टम का आइना है
बाराबंकी की यह घटना हमें बताती है कि महिलाएं आज भी घर, रिश्तों और समाज तीनों से सुरक्षित नहीं हैं। जब तक न्याय व्यवस्था में संवेदनशीलता नहीं आएगी और पुलिस निष्क्रियता नहीं छोड़ेगी, तब तक ऐसी चीखें सन्नाटों में गुम होती रहेंगी।