
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चकिया‚चंदौली।
📍स्थान: चंदौली, उत्तर प्रदेश | रिपोर्ट: Khabari News Chakia Bureau
शनिवार की दोपहर चकिया वन प्रभाग के सपही जंगल में उस वक्त हाहाकार मच गया, जब जंगल की हरियाली की रक्षा करने पहुंची वन विभाग की टीम खुद हिंसा की चपेट में आ गई।
पेड़ बचाने निकले हरियाली के सिपाही अचानक ही ग्रामीणों की भीड़ के निशाने पर आ गए।
लकड़ी कटाई की सूचना पर पहुंची टीम ने जैसे ही अवैध कटान रोकने की कोशिश की, माहौल एकाएक तनाव और दहशत में बदल गया।


🌲 “जहां पेड़ों को बचाने गए थे, वहीं अपनी जान बचानी पड़ी”
चकिया रेंज के सपही जंगल में यह घटना किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं थी।
टीम को सूचना मिली थी कि लालपुर गांव के पास बड़े पैमाने पर अवैध कटान चल रहा है — हरे पेड़ों को काटकर ‘बोटा’ तैयार किया जा रहा है।
वनरक्षक मोहम्मद आजाद अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
जैसे ही उन्होंने ट्रक्टर और आरी मशीनें देखीं, उन्होंने तत्काल कटान रुकवाने और मशीनें जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की।
पर तभी, ग्रामीणों का एक गुट वहां पहुंचा — प्रधान पति प्रदीप उर्फ सोनू के नेतृत्व में।
गुस्से और दुस्साहस से भरे इन लोगों ने बिना कुछ सोचे-समझे वनकर्मियों पर हमला बोल दिया।
लात-घूसे, लाठी-डंडे, और पत्थरों से लैस भीड़ ने टीम को घेर लिया।
वनकर्मी किसी तरह जान बचाकर भागे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
💥 “वनरक्षक आजाद पर वार, गाड़ी में तोड़फोड़, चाबी छीनी गई”
हमले में वनरक्षक मोहम्मद आजाद गंभीर रूप से घायल हो गए।
उनकी गर्दन पर गहरी चोट आई है।
इसके अलावा तीन अन्य वनकर्मी — रामविलास, जयकिशन और अभिषेक — भी घायल हुए हैं।
हमलावरों ने वन विभाग की सरकारी गाड़ी में तोड़फोड़ की और उसकी चाबी छीन ली।
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस हरकत में आई।
कोतवाल अर्जुन सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसी तरह स्थिति को काबू में किया।
घायल वनकर्मियों को तत्काल चकिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां उनका उपचार जारी है।



⚖️ “वनकर्मी बोले – पेड़ बचाने निकले थे, अब खुद को बचाने की नौबत आ गई”
घायल वनरक्षक मोहम्मद आजाद‚हरिकिशन ‚जशवंत सिंह वनरक्षक ने अस्पताल में Khabari News टीम से बातचीत में कहा
“हम तो बस जंगल की रक्षा करने निकले थे। वहां पहुंचकर देखा कि दर्जनों पेड़ काटे जा चुके हैं। जब रोकने गए, तो प्रधान पति और उसके साथी टूट पड़े। हमें जान से मारने की कोशिश की गई। गाड़ी तोड़ दी, चाबी छीनी, यहां तक कि गालियां देकर धमकाया गया कि आगे कभी जंगल की तरफ मत आना…”
आजाद की आंखों में दर्द था, लेकिन आवाज में दृढ़ता—
“हम डरेंगे नहीं। ये जंगल जनता का है, अपराधियों का नहीं।”
🌳 “हरियाली का दुश्मन बना राजनीति का चेहरा?”
स्थानीय सूत्रों के अनुसार प्रधान पति प्रदीप उर्फ सोनू कोई नया नाम नहीं है।
उसके खिलाफ पहले से ही वन अधिनियम के तहत आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
फिर भी, उसका प्रभाव इतना है कि लोग उसके डर से जुबान खोलने से हिचकते हैं।
गांव के ही एक व्यक्ति (नाम न बताने की शर्त पर) ने बताया —
“यह सब सुनियोजित काम है। पेड़ काटे जाते हैं, बोटा तैयार होता है और फिर रात में गाड़ियां जंगल से बाहर निकल जाती हैं। कई बार वनकर्मी रोकते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है।”
🚨 “कोतवाली पुलिस सक्रिय — मुकदमा दर्ज होने की तैयारी‚ गिरफ्तारी की तैयारी”
“वनरक्षक मोहम्मद आजाद की तहरीर पर प्रधान पति प्रदीप उर्फ सोनू और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश भी दी जा सकती हैं ।
जंगल क्षेत्र में सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
🔥 “सवाल उठता है – क्या अब जंगलों की रक्षा करना गुनाह हो गया?”
घटना ने जिले में व्यवस्था और कानून की संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
जिन वनकर्मियों का काम पेड़ों की रक्षा करना है, वही आज गुंडों की लाठी से पिट रहे हैं।
लोग कह रहे हैं –
“अगर वन विभाग की टीम पर ही हमला हो जाएगा, तो आम आदमी कैसे बोलेगा? जंगल बचाने वालों को सुरक्षा कौन देगा?”
Khabari News ने जब चकिया के कुछ पर्यावरण प्रेमियों से बात की तो उन्होंने इस घटना को “हरियाली पर हमला” बताया।
“यह सिर्फ चार लोगों पर हमला नहीं, बल्कि पर्यावरण पर हमला है,”
कहा पर्यावरणविद डॉ परशुराम सिंह ने कहा कि ।
“जंगल को काटना विकास नहीं, विनाश का पहला कदम है। सरकार को ऐसे तत्वों पर तुरंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।”
🌿 “सपही जंगल की हरियाली अब सिसक रही है”
एक वक्त था जब सपही जंगल की पहचान थी — घना वन, स्वच्छ हवा और वन्यजीवों का ठिकाना।
आज वहीं जंगल अवैध कटान का अड्डा बन गया है।
लकड़ी माफिया और सत्ता के संरक्षण में यह हरी संपत्ति रोज़-रोज़ खून बहा रही है।
गांव के बुजुर्ग रामनाथ यादव की आवाज में गुस्सा था —
“पहले जंगल में हरियाली थी, अब खामोशी है। दिन में पेड़ काटे जा रहे हैं, रात में गाड़ियां जा रही हैं। अगर सरकार ने अब नहीं देखा, तो आने वाले सालों में हमारे बच्चे पेड़ की छांव भी तरस जाएंगे।”
💔 “वनकर्मियों के जज़्बे को सलाम”
जख्मी होने के बावजूद वनरक्षक मोहम्मद आजाद और उनकी टीम ने कहा है कि वे पीछे नहीं हटेंगे।
“हमारी वर्दी जंगल की रक्षा के लिए है, डरने के लिए नहीं।”
उनकी यह बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
लोग #SaveSaphaiForest और #JusticeForForesters के नाम से अभियान चला रहे हैं।
⚡ Khabari News की मांग
- प्रधान पति प्रदीप उर्फ सोनू की तत्काल गिरफ्तारी।
- सपही जंगल में सुरक्षा बलों की स्थायी तैनाती।
- जंगल क्षेत्र में CCTV और ड्रोन सर्विलांस की व्यवस्था।
- घायल वनकर्मियों को सरकारी मुआवजा और सुरक्षा कवच।
✊ “जंगल सिर्फ पेड़ नहीं, हमारी सांसें हैं…”
यह घटना चंदौली के लोगों के लिए एक चेतावनी है —
अगर आज हमने जंगल नहीं बचाया, तो कल हवा खरीदनी पड़ेगी।
वनकर्मी सिर्फ कर्मचारी नहीं, हमारी सांसों के सिपाही हैं।
Khabari News परिवार की ओर से Editor-in-Chief ने कहा —
“हम इस घटना की निंदा करते हैं। यह सिर्फ प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि जंगल और संविधान दोनों पर हमला है। दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए, वरना जनता की अदालत में सवाल उठेंगे।”
📢 Khabari News का संदेश:
👉 जंगल पर हमला, देश पर हमला है।
👉 पेड़ बचाना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, हर नागरिक का धर्म है।
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