
Khabari News की तीसरी रिपोर्ट के बाद उठे सवाल: क्या अब जागेगा स्वास्थ्य विभाग?❞
🟥 Khabari News की स्पेशल रिपोर्ट✍️
📍स्थान: नौगढ़, चंदौली | प्रकाशित: Khabari News Social Media Wave Portal पर विशेष



“डॉक्टर नहीं हैं, बेटी का इलाज किससे कराएं?”
ये सवाल सिर्फ नौगढ़ की रामप्यारी देवी का नहीं है, बल्कि दर्जनों गांवों की उन तमाम माताओं, बहनों और बेटियों का है, जिन्हें हर महीने या किसी विशेष परिस्थिति में महिला डॉक्टर की जरूरत पड़ती है — लेकिन नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 6 महीनों से महिला OPD पर ताला लटक रहा है।
🔴 पहले दो रिपोर्ट्स से मचा था हड़कंप… अब तीसरी रिपोर्ट और भी खौफनाक हकीकत खोलती है!
Khabari News की विशेष पड़ताल में पहले भी दो रिपोर्ट्स प्रकाशित हो चुकी हैं:
1️⃣ “महिलाओं की सेहत ताले में बंद” (जनवरी 2025)
2️⃣ “प्रसूता के जीवन से खेल, डॉक्टर गायब” (मार्च 2025)
इन रिपोर्ट्स ने सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया था। अब तीसरी रिपोर्ट इस मुद्दे को और गहराई से सामने लाती है।
🔍 “OPD में ताला, इलाज के नाम पर धोखा”
जनपद चंदौली के नौगढ़ क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला संबंधित बीमारियों का इलाज लगातार ठप है।
महिला चिकित्सक डॉ. रश्मि सिंह पिछले 01 जनवरी से चाईल्ड केयर लीव (बाल्य देखभाल अवकाश) पर हैं।
लेकिन सवाल ये है कि अस्पताल में उनकी गैरमौजूदगी की जगह किसी दूसरी महिला डॉक्टर की तैनाती क्यों नहीं की गई?
💔 “बेटियों को लेकर भटक रहे अभिभावक, निजी झोलाछाप डॉक्टर बना मजबूरी!”
रामचंद्र, गोरख, अमित कुमार, सुनील, पंकज, मोहनलाल, लालसाहब, रामकेश, राजेश, कैलाश, बाबूलाल, राजेन्द्र जैसे स्थानीय ग्रामीणों की लंबी फेहरिस्त है, जिनके परिजन महिला डॉक्टर न होने के कारण झोलाछापों या सुदूर स्थानों पर इलाज कराने मजबूर हैं।
❝नौगढ़ से रॉबर्ट्सगंज, चकिया या वाराणसी जाना हर बार संभव नहीं… कई बार कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ता है।❞ — ग्रामीण, बाबूलाल
🚨 “गरीबी में लाचारी, इलाज के लिए कर्ज की नौबत”
नौगढ़ एक अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र है। यहाँ के अधिकांश लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
महिलाओं को इलाज के लिए 50-70 किमी दूर जाना पड़ता है।
बस भाड़ा, दवा, डॉक्टर फीस, खान-पान — ये सब मिलाकर 2,000-3,000 रुपये का खर्च एक बार की विज़िट में हो जाता है।
❝इतना पैसा कहां से लाएं? एक बार बेटी की तबियत खराब थी, कर्ज लेकर वाराणसी ले गए थे।❞ — गांववासी, रामकेश
⚠️ प्रशासन जानता है, फिर भी मौन क्यों?
जब Khabari News ने इस बारे में उपजिलाधिकारी (SDM) आलोक कुमार से बात की, तो उन्होंने बताया:
❝महिला डॉक्टर की गैरमौजूदगी की जानकारी मिली है। CMO को रिपोर्ट भेजी गई है।❞
वहीं, अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवधेश कुमार सिंह पटेल का कहना है कि डॉक्टर डॉ. रश्मि सिंह छुट्टी पर हैं — लेकिन छह महीनों में एक बार भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई!
❓ क्या सिर्फ बाल देखभाल अवकाश लेना ही समाधान है?
यह बात सभी समझते हैं कि चाईल्ड केयर लीव एक संवेदनशील विषय है। लेकिन क्या इसका अर्थ ये है कि पूरे क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं को इलाज से वंचित कर दिया जाए?
❝अगर स्कूलों में किसी टीचर की छुट्टी हो जाती है, तो दूसरे शिक्षक क्लास लेते हैं… अस्पताल में ऐसा क्यों नहीं?❞ — Khabari News की संपादकीय टीम का सवाल
🔥 “Khabari News” की रिपोर्ट से बढ़ा जनदबाव, अब मांग उठी महिला डॉक्टर की तत्काल तैनाती की
ग्रामीणों की मांग है कि:
- तुरंत किसी दूसरी महिला चिकित्सक की तैनाती की जाए
- महिला OPD फिर से खोली जाए
- अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर जांच और कार्यवाही हो
- झोलाछाप डॉक्टरों की निगरानी और रोकथाम हो
💬 सुनिए ग्रामीणों की जुबानी…
❝मेरी बहू को महिला रोग है, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं है। मजबूरी में एक नीम-हकीम से दवा ली, हालत और बिगड़ गई।❞ — लालसाहब
❝सरकारी अस्पताल इसलिए है कि गरीबों को राहत मिले, लेकिन यहां तो मजबूरी ही मजबूरी है।❞ — राजेन्द्र
📢 जनता पूछ रही है — “स्वास्थ्य विभाग क्या सिर्फ आंकड़ों में काम करता है?”
चंदौली जैसे पिछड़े जिले में, जहाँ ग्रामीण आज भी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं, वहां महिला डॉक्टर का छह महीनों से गैरहाजिर रहना एक गंभीर प्रशासनिक चूक है।
Khabari News की टीम पूछती है:
🔹 क्या महिला डॉक्टर की छुट्टी से पूरे स्वास्थ्य सिस्टम को ताला लग जाएगा?
🔹 क्या प्रशासन सिर्फ रिपोर्ट फाइल करने तक सीमित रहेगा?
🔹 क्या गरीब महिलाओं की सेहत किसी की प्राथमिकता नहीं?
🚨 Khabari News की चेतावनी: अब नहीं चेते तो होगा बड़ा जनांदोलन!
अगर जल्द ही महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई, तो Khabari News गांव-गांव जाकर हस्ताक्षर अभियान, जनचेतना रैली और सोशल मीडिया अभियान शुरू करेगा।
📌 Khabari News की अपील
👉 CMO चंदौली और स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश से मांग है कि:
- नौगढ़ CHC पर नई महिला चिकित्सक की तत्काल तैनाती हो
- जांच कमेटी गठित कर लापरवाह अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए
- हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बैकअप स्टाफ की नीति लागू की जाए
🟦 अंत में — ये सिर्फ रिपोर्ट नहीं, एक सवाल है सिस्टम से…
“क्या महिलाओं की सेहत को आप सिर्फ अवकाश का विषय मानते हैं?”
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📌 More updates coming soon — हम रहेंगे जनता की आवाज़!
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📣 Khabari News की अपील: आवाज़ उठाइए, नहीं तो सिस्टम आपको कुचलता रहेगा!
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नौगढ़ की बहनों को उनका हक़ दिलवाना हमारा सामूहिक कर्तव्य है।
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