
मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया व खबरी न्यूज़ द्वारा आयोजित ऐतिहासिक जनसजागरूकता कार्यक्रम—छात्राओं की उत्सुकता, शिक्षकों की गंभीरता और लोकतंत्र की धड़कन एक साथ धड़की

🔵 प्रस्तावना: जहाँ शिक्षा और लोकतंत्र ने हाथ मिलाया…
डी डी यू नगर, चंदौली।
4दिसम्बर गुरुवार की दोपहर—एक साधारण दिन नहीं।
लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विशाल सभागार में आज हवा में कुछ अलग था।
एक ऐसी ऊर्जा… जिसे महसूस किया जा सकता था, अनदेखा नहीं।
सभागार की दीवारों पर लगी सूचनाएँ चीख-चीखकर कह रही थीं—
“आज सिर्फ कार्यक्रम नहीं, लोकतंत्र की नई शुरुआत है।”
मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया और खबरी न्यूज़ द्वारा चलाए जा रहे
SIR—Special Intensive Revision मतदाता जागरूकता अभियान के तहत
यह ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें
छात्र-छात्राओं की भारी भीड़, शिक्षकों की गंभीर उपस्थिति,
और प्रशासनिक अधिकारियों की दृढ़ आवाज़ ने इस दिन को यादगार बना दिया।

माँ सरस्वती के तैल-चित्र पर माल्यार्पण—और शुरुआत एक पवित्र ध्वनि से
कार्यक्रम का आरंभ कुछ ऐसे हुआ, मानो माँ सरस्वती स्वयं इस प्रांगण में अवतरित हों।
छात्राओं की टीम ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की—
मधुर, कोमल, भावपूर्ण…
पूरा सभागार जैसे स्थिर हो गया।
दीप प्रज्वलन के बाद सभागार में उपस्थित हर व्यक्ति ने महसूस किया—
“आज यहाँ कुछ बड़ा होने वाला है।”
मुख्य वक्ताओं का आगमन—और हलचल बढ़ गई
कार्यक्रम में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों का आना किसी महाकाव्य की तरह लगा—
✔ चंदौली के चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर एवं स्वीप आइकॉन, वृक्ष बंधु डॉ. परशुराम सिंह
जिन्हें पूरा जनपद लोकतंत्र का प्रहरी मानता है।।
✔ अधिशासी अधिकारी (पीडीडीयू नगर) राजीव सक्सेना
साफ-सुथरी प्रशासनिक व्यवस्था के ज्ञाता।
✔ क्षेत्र की ‘मदर टेरेसा’ कही जाने वाली—
डॉ. गीता शुक्ला
जिनकी आवाज़ में संवेदना है, बातों में गहराई और उपस्थिति में अपनापन।
✔ और सबसे खास उपस्थिति—
मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सचिव एवं
खबरी न्यूज़ के चीफ एडिटर
के.सी. श्रीवास्तव एड०
जिन्होंने पूरे कार्यक्रम की आत्मा में जान डाल दी।

सभागार गूंज उठा—जब बोले डॉ. परशुराम सिंह
स्वीप आइकॉन और चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर के रूप में
डॉ. सिंह का हर शब्द सभागार के दिल तक पहुँचा।
उन्होंने कहा—
“मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना राष्ट्र निर्माण का पहला कदम है।
मत चूकिए, मत रुकीए—लोकतंत्र आपका इंतज़ार कर रहा है।”
उनकी बातों में ऐसी आग थी कि पहली पंक्ति में बैठी छात्राएँ तक
सीधे खड़ी होकर सुनने लगीं।
उन्होंने ईसीआई एप की प्रक्रिया समझाई—
फॉर्म-6, फॉर्म-7, फॉर्म-8 और 8A—
जितनी सरलता से उन्होंने बताया, उतना शायद ही किसी ने समझाया हो।

‘मदर टेरेसा ऑफ मुगलसराय’—डॉ. गीता शुक्ला की भावुक अपील
उनका नाम लिया गया और सभागार की आंखें उन पर टिक गईं।
मानो करुणा चलकर मंच पर आ गई हो।
उन्होंने रुँधे स्वर में कहा—
“लोकतंत्र वही है, जहाँ युवा जागे।
आपका नाम ना हो तो आपकी आवाज़ ही नहीं।”
छात्राएँ उनके शब्द सुनकर भावुक हो उठीं।
उनकी सादगी, उनका प्रेम, और समाज के लिए उनका समर्पण—
वहां मौजूद हर दिल को छू गया।

⚡ ईओ राजीव सक्सेना—पारदर्शिता का संदेश
उन्होंने कहा—
“एक गलत नाम, एक गलत प्रविष्टि—पूरी प्रक्रिया को प्रभावित कर देती है।
आज आपने जागरूकता सीखी है, अब इसे दूसरों तक पहुँचाना आपकी ड्यूटी है।”
महाविद्यालय के
प्रो. संजय कुमार पांडे,
डॉ. विजय सिंह,
युवराज,
अरुण पांडे,
प्रो. भावना
ने भी अपने विचार रखे।

सभी ने एक बात पर जोर दिया—
“युवा जागरूक होंगे तो समाज बदलेगा।”
यही वह क्षण था जब सभागार का तापमान बदल गया।
जैसे ही उन्होंने माइक संभाला—
तुमुल तालियों ने पूरा वातावरण हिला दिया।
सचिव, मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया
और
खबरी न्यूज़ के चीफ एडिटर के रूप में
उनके शब्दों में आग भी थी और प्रेरणा भी।
उन्होंने कहा—
“हमारी पहचान—हमारा वोट।
जब तुम लोकतंत्र की कतार में खड़े होते हो,
तब भारत तुममें खड़ा होता है।”
उनकी बातों में वह भावनात्मक ऊर्जा थी
जो युवाओं के दिलों को झकझोर गई।
उन्होंने पूरे सभागार को मतदाता जागरूकता की शपथ दिलाई—
और हर छात्र ने हाथ उठाकर कहा—
“हम अपना नाम मतदाता सूची में अवश्य दर्ज कराएंगे।”
जब माइक छात्राओं की ओर बढ़ा
तो जैसे बाँध टूट गया हो।
एक से बढ़कर एक सवाल—
जीवन, अधिकार, कर्तव्य और भविष्य को लेकर।
हर अधिकारी ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया।
कई छात्राएँ तो इतनी उत्साहित थीं
कि शिक्षकों ने उन्हें शांत कराने में समय लिया।
आज साफ दिख रहा था—
छात्राएँ अब सिर्फ पढ़ने नहीं, समाज बदलने आई हैं।
वहां मौजूद थे—
रामजस चौबे
सुधांशु किशोर
विनय कुमार पांडे
अजय (शिवजी)
ताजीमुद्दीन
और हर सदस्य ने कार्यक्रम के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

🎵 राष्ट्रगान—और ऐसा समापन जिसे कोई भूल न पाए
कार्यक्रम का अंत राष्ट्रगान के साथ हुआ।
पूरा सभागार एक स्वर में गूंजा—
“जन गण मन…”
हर चेहरे पर गर्व था,
हर आँख में चमक थी,
हर हृदय में राष्ट्र के प्रति भावनाएँ उमड़ रही थीं।
आज एलबीएस कॉलेज में सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं हुआ—
आज युवा जागे,
समाज जागा,
और लोकतंत्र ने नई सांस ली।
आज यह संदेश देश तक पहुँचा—
“मुगलसराय का युवा तैयार है…
लोकतंत्र को सबसे ऊंचाई तक ले जाने के लिए।”


