
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क . दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) में ठंड की तीखी सुबह, कोहरे की चादर और सड़कों पर पसरी सन्नाटे भरी खामोशी के बीच एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने इंसानियत को नई ऊर्जा दी। समाज को हर सुबह खबरों से जगाने वाले, अंधेरे में अपने कर्तव्य पर निकल पड़ने वाले समाचार पत्र वितरकों (हाकर्स) के चेहरों पर उस वक्त मुस्कान दिखी, जब भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी ने उनके बीच कम्बल वितरण कर न सिर्फ ठंड से राहत दी, बल्कि सम्मान और अपनत्व का भाव भी जगाया।
यह केवल कम्बल वितरण का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उन कर्मयोगियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर था, जिनके बिना समाज की सूचना व्यवस्था अधूरी है। जिनके हाथों से अखबार घर-घर पहुंचता है, लेकिन जिनके संघर्ष और कठिनाइयों पर अक्सर समाज की नजर नहीं जाती।


अंधेरे में निकलने वाले उजाले के सिपाही
सुबह चार-पांच बजे, जब शहर गहरी नींद में होता है, जब ठंड हड्डियों तक चुभ रही होती है, उसी समय समाचार पत्र वितरक अपनी साइकिल या दोपहिया वाहनों पर अखबारों की गठरी लादे निकल पड़ते हैं। बारिश हो या ठंड, धुंध हो या गर्मी—उनकी दिनचर्या कभी नहीं बदलती।
भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी ने इसी भावना को शब्द देते हुए कहा—
“समाचार पत्र वितरक समाज की सूचना व्यवस्था की रीढ़ हैं। ये वो लोग हैं, जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते। समाज को जागरूक रखने में इनकी भूमिका अमूल्य है। यह छोटा सा प्रयास उनके सम्मान और सेवा के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है।”
उनकी इस बात पर मौजूद हाकर्स की आंखों में संतोष और आत्मगौरव साफ दिखाई दे रहा था।
सम्मान का भाव, सेवा की सोच
कार्यक्रम के दौरान यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि समाज की असली मजबूती उन्हीं लोगों से आती है, जो चुपचाप अपने दायित्व निभाते हैं। कम्बल वितरण के साथ-साथ हाकर्स से संवाद किया गया, उनकी समस्याएं सुनी गईं और यह भरोसा दिलाया गया कि समाज उनके साथ है।
वरिष्ठ समाजसेवी सतीश जिंदल ने कहा—
“हम हर सुबह अखबार पढ़ते हैं, लेकिन यह शायद ही सोचते हैं कि इसे हम तक पहुंचाने वाला व्यक्ति किस ठंड और संघर्ष से गुजरता है। आज का यह कार्यक्रम समाज को आत्ममंथन करने का संदेश देता है।”
समाचार पत्र वितरक: समाज के सच्चे कर्मवीर
कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने समाचार पत्र वितरकों को “समाज का सच्चा कर्मवीर” बताया।
जिलाध्यक्ष समाचार पत्र विक्रेता संघ, चन्दौली विजय जायसवाल ने भावुक होते हुए कहा—
“यह पहली बार नहीं है, जब समाजसेवियों ने हमारी सुध ली हो, लेकिन जिस आत्मीयता के साथ आज सम्मान दिया गया, वह हमारे मनोबल को और मजबूत करता है। इससे हमें लगता है कि हमारा परिश्रम व्यर्थ नहीं जाता।”
सामूहिक सहभागिता, सामाजिक एकता का संदेश
कार्यक्रम में भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी के साथ वरिष्ठ समाजसेवी सतीश जिंदल, शिवशंकर कनोडीया, भागवत चौरसिया, विजय जायसवाल, अनिल सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सभी ने एक स्वर में यह माना कि समाज की असली प्रगति तभी संभव है, जब अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को भी सम्मान और सहयोग मिले।

ठंड से राहत, मन से जुड़ाव
कम्बल पाकर हाकर्स के चेहरों पर जो संतोष दिखा, वह इस कार्यक्रम की असली सफलता थी। किसी ने कहा—
“आज सिर्फ कम्बल नहीं मिला, आज हमें यह एहसास मिला कि हम भी समाज के लिए जरूरी हैं।”
यह शब्द उस मानसिक सुकून को दर्शाते हैं, जिसकी जरूरत हर मेहनतकश को होती है।
राजनीति से ऊपर समाज सेवा
कार्यक्रम में यह बात भी उभरकर सामने आई कि यह पहल किसी राजनीतिक प्रदर्शन का हिस्सा नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना का उदाहरण है।
सूर्यमुनी तिवारी ने स्पष्ट कहा—
“सेवा कोई पद या राजनीति नहीं देखती। सेवा केवल इंसानियत देखती है। समाज के हर वर्ग का सम्मान करना ही सच्ची राष्ट्रसेवा है।”
आगे भी जारी रहेगी सेवा की यह श्रृंखला
कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित लोगों ने यह संकल्प लिया कि समाज सेवा और सहयोग की यह श्रृंखला आगे भी निरंतर जारी रहेगी। चाहे ठंड हो, गर्मी हो या कोई अन्य आपदा—समाज के कमजोर और मेहनतकश वर्ग के साथ खड़े रहना ही प्राथमिकता होगी।
छोटी पहल, बड़ा संदेश
पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर में आयोजित यह कम्बल वितरण कार्यक्रम अपने आप में एक बड़ा संदेश छोड़ गया—
कि समाज को चलाने वाले असली नायक वही हैं, जो बिना किसी शोर-शराबे के अपने कर्तव्य निभाते हैं।
समाचार पत्र वितरकों के प्रति यह सम्मान न सिर्फ उन्हें गर्माहट दे गया, बल्कि समाज को भी यह सोचने पर मजबूर कर गया कि हमें अपने आसपास के कर्मयोगियों को कितना पहचानते हैं।
यह कार्यक्रम एक उदाहरण बन गया—
संवेदना की राजनीति, सम्मान की संस्कृति और सेवा की सच्ची भावना का।


