
Chakia News
चकिया, चंदौली।
पवित्र स्थलों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले घटनाक्रम में थाना चकिया क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पचवनिया गांव स्थित रामजानकी मंदिर में चोरी की वारदात ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है। मंदिर परिसर से 2 मास्क लाइट और 1 पंखे की चोरी की सूचना जैसे ही ग्रामीणों तक पहुंची, आक्रोश और दुख का माहौल बन गया।
बताया जा रहा है कि लगभग एक महीने पूर्व जिला पंचायत की ओर से रामजानकी मंदिर में 5 पंखे और 4 मास्क लाइट लगाए गए थे ताकि श्रद्धालुओं को गर्मी और अंधेरे से राहत मिल सके। लेकिन अब इन उपकरणों की चोरी से ग्रामीणों में गंभीर असंतोष देखने को मिल रहा है।
लाइट और पंखे गायब मिलने से मचा हड़कंप
जब गांव के कुछ श्रद्धालु रोज की तरह पूजा अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि मंदिर के टीन शेड से दो मास्क लाइट और एक पंखा गायब हैं।
पचवनिया गाव के सेवा निवृत्त पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामप्रसाद चौहान ने कहा,
“हमने सोचा था कि मंदिर में ये नई चीज़ें लगने से गांव की पहचान बढ़ेगी, लेकिन अब ये सब चोरी हो जाना दुखद है। यह कोई बाहरी घटना नहीं, बल्कि गांव के ही कुछ असामाजिक तत्वों की करतूत लगती है।”
चोरी की वारदात के बाद ग्रामीणों में एक मत बनता जा रहा है कि इस चोरी के पीछे गांव के ही कुछ अशिक्षित और आवारा लड़के हैं। गांव के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि ये लड़के पहले भी छोटी-मोटी चोरी की घटनाओं में संलिप्त रहे हैं।
मंदिर के पुजारी जसवंत चौहान ने कहा,
“गांव के कुछ लड़के दोपहर और रात 8 बजे के बाद मंदिर परिसर में गाजा पीने के लिए आ जाते हैं। न उन्हें पूजा से मतलब है न मंदिर की पवित्रता से। ये घटना उन्हीं की करतूत हो सकती है।”
रामजानकी मंदिर समिति की बैठक की मांग
ग्रामीणों ने इस घटना के बाद रामजानकी मंदिर समिति से आपात बैठक बुलाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि मंदिर की देखभाल अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी बन गई है।
पूर्व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शैलेंद्र सिंह ने कहा,
“हम जल्द ही समिति के साथ बैठक करेंगे और मंदिर परिसर की सुरक्षा को लेकर ठोस नियम बनाएंगे। हो सके तो CCTV कैमरे लगाने का भी प्रस्ताव रखा जाएगा।”
देर रात में होती है हलचल
कुछ ग्रामीणों ने यह भी बताया कि देर रात में अक्सर मंदिर परिसर में हलचल सुनाई देती है। कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि रात के समय 2-3 लड़कों को आते-जाते देखा गया है, जो संभवतः चोरी में संलिप्त हो सकते हैं।
चोरी की बढ़ती घटनाएं और प्रशासन की चुप्पी
यह कोई पहली बार नहीं है जब पचवनिया गांव में चोरी हुई हो। पिछले साल भी एक किसान के घर से मोटर और पाइप की चोरी हुई थी, लेकिन पुलिस ने मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
अब जब चोरी धार्मिक स्थल से हुई है, तो ग्रामीणों की भावनाएं और भी आहत हुई हैं। उन्हें उम्मीद है कि पुलिस इस बार कार्रवाई करेगी।
आस्था का केंद्र बन रहा अपराध का ठिकाना?
रामजानकी मंदिर न केवल गांव के धार्मिक आयोजनों का केंद्र है, बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक रहा है। यहां रामनवमी, हनुमान जयंती, और नवरात्रि जैसे पर्वों पर विशेष आयोजन होते हैं।
लेकिन हाल की घटनाएं बताती हैं कि मंदिर अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है। इससे ना केवल मंदिर की गरिमा धूमिल हो रही है, बल्कि ग्रामीणों में भय और अविश्वास का वातावरण बन रहा है।
क्या कहती है महिलाएं और युवतियां?
गांव की महिलाएं और युवतियां भी अब मंदिर जाने से हिचक रही हैं। उन्हें डर है कि यदि मंदिर परिसर असुरक्षित हो गया है, तो वहां कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है।
मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत
अब यह स्पष्ट हो गया है कि मंदिर की सुरक्षा को लेकर न कोई जिम्मेदारी तय है, न कोई निगरानी तंत्र मौजूद है।
ग्रामीणों की मांग है कि:
- मंदिर परिसर में CCTV कैमरे लगाए जाएं
- रात्रि में मंदिर के आसपास गश्त की व्यवस्था हो
- मंदिर समिति द्वारा स्वयंसेवकों की निगरानी टीम बनाई जाए
- चोरी या अनधिकृत प्रवेश पर कानूनी कार्यवाही की जाए
जन जागरूकता और सामाजिक भागीदारी ही समाधान
केवल मंदिर समिति या प्रशासन पर निर्भर रहना ही समाधान नहीं है। ग्रामीणों को भी जागरूक होना पड़ेगा और हर संदिग्ध गतिविधि पर निगरानी रखनी होगी।
यदि समाज एकजुट हो जाए और असामाजिक तत्वों को बहिष्कृत किया जाए, तभी ऐसी घटनाओं पर विराम लगाया जा सकता है।
मंदिर नहीं, अब गांव की अस्मिता दांव पर
रामजानकी मंदिर केवल एक भवन नहीं, गांव की आत्मा है। यहां की हर ईंट, हर घंटी, हर आरती गांववासियों की आस्था से जुड़ी है।
अगर मंदिर ही असुरक्षित हो जाए, तो फिर गांव की संस्कृति और संस्कारों पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाता है। यह आवश्यक है कि सभी ग्रामीण एकजुट होकर इस पवित्र स्थल की रक्षा और मर्यादा के लिए आगे आएं।
विशेष आग्रह:
गांव के नौजवानों से अपील है कि वे अपनी ऊर्जा को रचनात्मक और सकारात्मक दिशा में लगाएं। मंदिर को लूटना नहीं, संवारना चाहिए।
साथ ही पुलिस प्रशासन से निवेदन है कि ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई कर उदाहरण प्रस्तुत करें, ताकि अगली बार कोई असामाजिक तत्व मंदिर की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत न कर सके।