

Chakia (Chandauli)।
राइजिंग सन वर्ल्ड स्कूल, बबुरी मवैया, ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के शिकार निर्दोष पर्यटकों की याद में एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा (Tribute Ceremony) का आयोजन किया। इस मौके पर स्कूल के बच्चों, शिक्षकों और स्टाफ ने मिलकर एक Candle March निकाला और मृतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं (Deep Condolences) व्यक्त कीं।

आतंकवाद के खिलाफ उठी एकजुटता की आवाज
कैंडल मार्च चकिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC Chakia) से प्रारंभ होकर कचहरी चौराहा होते हुए काली जी के मंदिर प्रांगण तक पहुंचा। इस दौरान छात्र-छात्राएं, शिक्षक और कर्मचारी हाथों में जलती मोमबत्तियां लिए शांति और एकता का संदेश (Message of Peace and Unity) दे रहे थे। बच्चों की नम आँखें और शांत चेहरों पर दर्द साफ झलक रहा था।
हम इस तरह की हिंसा के खिलाफ एकजुट हैं,” यह संदेश उनके मौन मार्च से पूरी तरह स्पष्ट था।
अप्रैल का आतंक: जब देश सिहर उठा
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Terror Attack in Pahalgam) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। नृशंसता की इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया और देशभर में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई।


स्कूल डायरेक्टर परवीन रुस्तम का भावुक संबोधन
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए स्कूल के डायरेक्टर परवीन रुस्तम (School Director Parveen Rustam) ने कहा:
“आतंकवाद मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है। इसका कोई धर्म नहीं होता। जो लोग निर्दोषों की जान लेते हैं, वे इंसान कहलाने लायक भी नहीं हैं। ऐसे कृत्यों के खिलाफ पूरे देश को मिलकर लड़ना होगा। हम शहीदों के परिवारों के साथ हैं और उनके दुख में शामिल हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा और मानवता के प्रचार-प्रसार के जरिए ही हम आतंक की मानसिकता को पराजित कर सकते हैं।
School Team ने निभाई मुख्य भूमिका
इस आयोजन को सफल बनाने में स्कूल के वाइस प्रिंसिपल मुकेश कुमार सिंह (Vice Principal Mukesh Kumar Singh) और शिक्षकों की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अन्य प्रमुख शिक्षकों में मनीष उपाध्याय, रितेश सिंह, प्रियंका पाण्डेय, अब्दुल करीम, मनीष त्रिपाठी, राशिद अली, अनम सिद्दीकी, नीरज त्रिपाठी, जीतेन्द्र त्रिपाठी, संजीव, धीरज गिरी, जीतेन्द्र यादव, मशिउल्लाह खान और सलीम खान शामिल रहे।
हर शिक्षक ने बच्चों को मानवता, करुणा और शांति का संदेश देने के लिए प्रेरित किया।
Candles of Hope: बच्चों ने दिखाई सच्ची संवेदना
कार्यक्रम में शामिल छोटे बच्चों ने मोमबत्तियां जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि (Tribute by Children) दी। उनके द्वारा किया गया यह छोटा-सा प्रयास एक बड़ा संदेश लेकर आया— “हिंसा का कोई स्थान नहीं, हम शांति के रास्ते पर हैं।”
We stand for Peace, not Violence”, यह भावना बच्चों के हर कदम और हर शब्द में नजर आई।
समाप्ति स्थल: चकिया काली जी मंदिर परिसर
मार्च का समापन चकिया के ऐतिहासिक काली जी मंदिर परिसर में हुआ। वहाँ सभी ने एक साथ प्रार्थना की कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और उनके परिजनों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्राप्त हो।
RiseAgainstTerror: बच्चों और शिक्षकों का शांति मार्च एक प्रतीक था कि देश का भविष्य आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से सजग है।
TributeToVictims: शहीदों के प्रति अर्पित श्रद्धा सुमन ने मानवता की ताकत को उजागर किया।
CandleMarch: अंधकार को चीरती मोमबत्तियों की कतारें उम्मीद और शांति का संदेश दे रही थीं।
Khabari News का संदेश
राइजिंग सन वर्ल्ड स्कूल द्वारा आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा और कैंडल मार्च न सिर्फ शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक प्रयास था, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे शिक्षा संस्थान भविष्य की पीढ़ियों को शांति, करुणा और एकता के रास्ते पर बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
Terrorism can kill people, but not their spirit of humanity.
हम एकजुट हैं, हम जागरूक हैं और हम आतंकवाद को हर हाल में पराजित करेंगे।
