
🚨 खबरी न्यूज़ स्पेशल रिपोर्ट 🚨
✍️ खबरी न्यूज़ | चकिया‚चन्दौली।


आदत जो जानलेवा बन गई…
हाय रे आदमी!
सहूलियतें मिलने पर इंसान उन्हें अपना हक़ समझ लेता है, और जब वही सहूलियत ज़िम्मेदारी में बदलने लगती है, तो अचानक उसे बोझ लगने लगता है। यही आदतें धीरे-धीरे लाचारी बन जाती हैं। लेकिन अगर यही आदत किसी की ज़िंदगी के लिए खतरा बन जाए तो?
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं चकिया नगर पंचायत के मुख्य मार्गों की—विशेषकर उस हिस्से की जिसे लोग “चकिया का हार्ट मार्केट” कहते हैं। पुल से लेकर मस्जिद तक का इलाका, जहाँ सुबह से रात तक हज़ारों लोगों की भीड़ उमड़ती है, खरीदारी होती है, बच्चे-सुबह स्कूल जाते हैं, और बुज़ुर्ग टहलते हैं।
लेकिन, अफसोस! यही सड़क आजकल लापरवाही का अड्डा बन चुकी है। लोग नगर पंचायत के बार-बार अनुरोध के बाद भी अपने कूड़े को कूड़ेदान में डालने के बजाय छत से सड़क पर फेंकना अपनी आदत बना चुके हैं।



“कूड़ा फेंकने की प्रतियोगिता” – इंसानियत कहाँ है?
यह सिर्फ कूड़ा फेंकना नहीं, बल्कि खतरनाक अपराध है।
लोग आपस में मानो कम्पटीशन कर रहे हों – “कौन पहले और कौन ज़्यादा कूड़ा सड़क पर फेंकेगा”। किसी को इस बात से फर्क ही नहीं पड़ता कि उस कूड़े से किसी का पैर फिसल सकता है, कोई राहगीर घायल हो सकता है, या फिर जिंदगी और मौत के बीच का फासला सिर्फ एक कदम का रह सकता है।
हादसा जिसने सबको हिला दिया…
तीन दिन पहले, यही लापरवाही चकिया नगर पंचायत अध्यक्ष गौरव श्रीवास्तव की जिंदगी पर भारी पड़ गई।
रात लगभग 11 बजकर 57 मिनट, जब वे अपने लान से बाइक पर बैठकर आवास की तरफ लौट रहे थे, तभी अचानक आसमान से मानो मौत बरस पड़ी।
छत से गिरा प्लास्टिक बैग में भरा कूड़ा सीधे उनकी बाइक के सामने आ गिरा।
गौरव श्रीवास्तव की बाइक बुरी तरह फिसल गई और वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
उस वक़्त तो किसी को कुछ समझ नहीं आया कि आखिर यह हुआ क्या? लेकिन जब सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया, तो सच्चाई ने सबको हिला दिया। साफ़ दिख रहा था कि किसी ने छत से बेपरवाही में कूड़े का पैकेट सड़क पर फेंका था।
सोचिए! अगर चेयरमैन की जगह कोई आम नागरिक, कोई बच्चा या बुज़ुर्ग वहां से गुजर रहा होता तो? क्या उसकी जान भी चली जाती?
एफआईआर की जगह जागरूकता का रास्ता – चेयरमैन की भावुक अपील
इस हादसे के बाद पूरा शहर सकते में है।
लोगों ने सोचा था कि नगर पंचायत अध्यक्ष उस व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज कराएंगे, लेकिन गौरव श्रीवास्तव ने सबको चौंकाते हुए कहा:
👉 “नहीं, हमें कोई एफआईआर नहीं करनी है। हम अपने ही लोगों पर मुकदमा क्यों करें? हमें अपने नगरवासियों को जागरूक करना है, ताकि ऐसा हादसा फिर किसी और के साथ न हो।”
उनकी यह बात सुनकर खबरी न्यूज़ की टीम भी भावुक हो गई।
सोचिए, जिस इंसान की जान इस लापरवाही से खतरे में आई, वह सज़ा नहीं, बल्कि सुधार की बात कर रहा है।
जनता से सीधी अपील – अब बदलना ही होगा!
गौरव श्रीवास्तव ने चकिया नगरवासियों से हाथ जोड़कर अपील की:
👉 “भाइयों-बहनों, यह शहर हमारा है। ये सड़कें हमारी हैं। यहाँ हमारे बच्चे चलते हैं, बुज़ुर्ग चलते हैं, हमारी बेटियाँ और माताएँ चलती हैं।
अगर हम ही अपनी आदतें नहीं बदलेंगे, तो ये सड़कें कब्रगाह बन जाएंगी।
कृपया कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में डालें। यह सिर्फ सफाई का मामला नहीं, बल्कि ज़िंदगी और मौत का सवाल है।”
चेतावनी – अब बर्दाश्त नहीं होगी लापरवाही
चेयरमैन ने साथ ही एक सख्त चेतावनी भी दी है:
➡️ “अगर अब कोई भी छत से या खुले में कूड़ा फेंकता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है। सफाई कर्मचारी नियमित चेक करेंगे और जो नियम तोड़ेगा, उस पर कड़ी कार्यवाही होगी।”
खबरी न्यूज़ का संदेश ✍️
खबरी न्यूज़ अपने सभी पाठकों से यही कहना चाहता है –
आज नहीं तो कल, यह हादसा आपके साथ भी हो सकता है।
सोचिए, रात को लौटते समय आपके बेटे की बाइक के सामने अगर यही कूड़े का पैकेट आ जाए तो?
अगर आपकी बेटी फिसलकर चोटिल हो जाए तो?
क्या तब भी आप चुप रहेंगे?
👉 अब वक्त है कि हम सब अपनी जिम्मेदारी समझें।
👉 कूड़ा छत से फेंकने की आदत छोड़ें।
👉 बच्चों और अगली पीढ़ी को भी साफ-सफाई और जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाएँ।
🌍 शहर बदलता है, जब लोग बदलते हैं
नगर पंचायत चाहे जितनी मेहनत कर ले, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब हम सब मिलकर अपनी आदतें बदलेंगे।
सिर्फ एक कदम… सिर्फ इतना कि कूड़ा सड़क पर नहीं, कूड़ेदान में डालना है।
यही कदम कल किसी की जान बचा सकता है।
📢 खबरी न्यूज़ की अपील:
आइए, मिलकर संकल्प लें –
➡️ “अब हम कूड़ा कभी सड़क पर नहीं फेंकेंगे।”
➡️ “हम दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करेंगे।”
➡️ “चकिया को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाएंगे।”
💡 याद रखिए – कूड़ा आपकी आदत है, लेकिन किसी के लिए मौत बन सकता है।
✍️ खबरी न्यूज़
एडिटर-इन-चीफ़ : के.सी. श्रीवास्तव (एडवोकेट)




