



📍 🌧️ Khabari News Exclusive Ground Report
✍️ संपादक: K.C. Shrivastava (Advocate)
चंदौली से खबरी रिपोर्ट:
बारिश जब कहर बरपाती है, तो आसमान से गिरती हर बूंद एक कहानी कह जाती है — उम्मीदों की, संघर्ष की और इंसानियत की।
चंदौली जनपद का शहाबगंज ब्लॉक क्षेत्र इन दिनों पानी में डूबा नहीं, बल्कि प्रकृति और प्रशासन की परीक्षा में खड़ा है।
जहां ग्रामीणों के आंसू बह रहे हैं, वहीं अधिकारियों के रेनकोट भी कीचड़ में सने हैं — ये रिपोर्ट उसी जमीनी सच्चाई की गवाही देती है।
🌊 तियरा गांव में सड़क जाम — जब पानी ने गांव घेरा, जनता ने सड़क पकड़ी
लगातार बारिश से तियरा गांव के घरों में पानी घुस गया।
नाली की निकासी बंद, खेत झील बन गए, और लोग गांव में फंसे हुए महसूस करने लगे।
थक-हारकर ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर जाम लगा दिया।
सैकड़ों की संख्या में लोग प्रशासन से एक ही मांग करने लगे — “साहब! पानी निकालो, वरना हम डूब जाएंगे।”
सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष अशोक कुमार मिश्रा और उनकी टीम मौके पर पहुंची।
उन्होंने न सिर्फ भीड़ को शांत कराया बल्कि पानी निकासी के लिए तत्काल रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी।
कुछ ही घंटों में राजस्व विभाग की टीम भी सक्रिय हुई।
थानाध्यक्ष मिश्रा ने कहा —
“जनता की समस्या हमारी प्राथमिकता है। पानी निकासी की व्यवस्था तेज़ी से कराई जा रही है।”
🏚️ चकिया ब्लॉक में तबाही — पंचवनिया और धनावल कलां में गिरी उम्मीदों की दीवारें
जहां देखो, वहां टूटी दीवारें और भीगी आंखें…
चकिया ब्लॉक के पंचवनिया गांव में आधा दर्जन से अधिक घर बारिश के प्रहार से ढह गए।
वहीं धनावल कलां में एक दर्जन से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं।
बारिश की रातें अब डरावनी बन चुकी हैं।
गांव के लोग घर छोड़कर स्कूलों, पंचायत भवनों और ऊँचे चबूतरों पर शरण ले रहे हैं।
सावित्री देवी कहती हैं —
“बचवा के गोद में लेके बाहर भागल बानी, दीवार गिर गइल। अब रहन के ठिकाना ना मिलत।”




⚠️ इलिया कस्बा डूबा — थाना, पीएचसी और सहकारी समिति सब पानी में
इलिया कस्बा का हाल किसी जलनगर से कम नहीं।
थाना परिसर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) अब तालाब जैसे नजर आ रहे हैं।
घुटनों तक पानी, गाड़ियों का इंजन बंद, और मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाने में भी दिक्कत।
पीएचसी प्रभारी डॉ. अरविंद पांडे बताते हैं —
“टीम लगातार जल निकासी कर रही है, पंप सेट लगाए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाएं किसी तरह जारी रखी गई हैं ताकि मरीजों को परेशानी न हो।”
इधर, सहकारी समिति इलिया में कमरभर पानी भरने से एक टन डीएपी और सौ बोरा यूरिया बर्बाद हो गया है।
सचिव भोला यादव ने बताया — “बारिश ने सब कुछ डुबो दिया, लेकिन प्रशासन ने तुरंत नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है।”
💧 मूसाखाड़ और लतीफ शाह डैम बना मुसीबत का कारण — गांवों में बढ़ा जलस्तर
लतीफ शाह डैम से छोड़ा गया पानी अब गांवों तक पहुंच चुका है।
मूसाखाड़ नदी उफान पर है और आसपास के गांवों — तियरा, धनावल, पंचवनिया, इलिया — में हालात चिंताजनक हैं।
लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने नाव और राहत दल तैनात किए हैं।
लेखपालों और ग्राम सचिवों की संयुक्त टीमें प्रभावित गांवों में पहुंचकर राहत सामग्री का सर्वे कर रही हैं।
तहसीलदार देवेंद्र यादव ने बताया —
“प्रत्येक गांव में टीम तैनात की गई है। जहां जरूरत होगी, वहां तत्काल राहत सामग्री और मुआवजा दिया जाएगा।”
🚜 खेती चौपट, लेकिन प्रशासन ने बनाईं राहत योजनाएं
धान की फसल पूरी तरह जलमग्न है, कई किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं।
लेकिन इसी बीच कृषि विभाग और पंचायत कर्मी भी सक्रिय हैं।
बीज वितरण, राहत शिविर और चारा आपूर्ति योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
खण्ड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा —
“हमारी टीमें लगातार गांवों में हैं। जो भी किसान या परिवार प्रभावित है, उसे सरकारी मदद से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।”
🏢 विधायक का दौरा — राहत का भरोसा और जमीनी हकीकत का निरीक्षण
घटना की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य स्वयं गांव पहुंचे।
उन्होंने तियरा, धनावल और पंचवनिया के प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
ढह चुके घरों का निरीक्षण किया और कहा —
“प्रशासन के साथ सरकार हर पीड़ित के साथ खड़ी है।
मुआवजा, पुनर्निर्माण और जल निकासी के उपाय जल्द सुनिश्चित किए जाएंगे।”
विधायक ने स्थानीय युवाओं और स्वयंसेवकों को राहत कार्य में शामिल होने की अपील की।
उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन निरीक्षण किया और जलस्तर घटाने के लिए ड्रेनेज चैनल खोलने के निर्देश दिए।
🙏 जनता का दर्द और प्रशासन का संघर्ष — दोनों जमीनी हैं, दोनों सच्चे हैं
इस बार की बारिश ने जनता की नींव और प्रशासन की नींद दोनों हिला दी है।
एक ओर लोग अपने टूटे घरों को देख कर बिलख रहे हैं,
तो दूसरी ओर अधिकारी लगातार भीगते हुए फील्ड में गश्त कर रहे हैं।
खबरी न्यूज़ टीम ने रात 10 बजे इलिया थाना के पास थानाध्यक्ष को खुद पानी में खड़े देखा,
जब वे अपनी टीम के साथ सड़कों पर जमे पानी का रुख बदलवा रहे थे।
ऐसे में यह कहना गलत न होगा कि यह जंग सिर्फ जनता की नहीं, बल्कि प्रशासन की भी है।
💬 ग्रामीण बोले — “हमसे वादा निभाइए, हम भरोसा नहीं खोना चाहते”
तियरा के रामलखन यादव ने कहा —
“पानी में सब कुछ चला गया, लेकिन अगर सरकार साथ रही तो हम फिर से खड़ा होब।”
इसी उम्मीद के साथ कई गांवों के लोग अब सरकारी सर्वे टीमों का इंतज़ार कर रहे हैं।
राहत सामग्री कुछ जगहों पर पहुंचनी शुरू हो गई है,
लेकिन अब भी कई घर ऐसे हैं जहाँ सिर्फ “पानी और प्रतीक्षा” का साया है।
🧱 Khabari News की अपील — “मानवता पहले, राजनीति बाद में”
हमारी खबरी टीम की ज़मीन से यह अपील है कि
इस संकट में सब एक साथ खड़े हों — अधिकारी, नेता, आम नागरिक और स्वयंसेवी संगठन।
क्योंकि यह वक्त आरोप-प्रत्यारोप का नहीं, सहयोग का है।
🗣️ Editor-in-Chief K.C. Shrivastava (Advocate) का विशेष संदेश:
“यह बारिश सिर्फ मौसम की नहीं, व्यवस्था की भी परीक्षा है।
हमने देखा कि अधिकारी भी कीचड़ में फंसे लोगों के बीच काम कर रहे हैं।
जनता को चाहिए कि वो प्रशासन पर भरोसा रखे और प्रशासन को चाहिए कि वो जनता के भरोसे को बनाए रखे।
खबरी न्यूज़ हर पीड़ित तक प्रशासन की आवाज़ पहुंचाने का माध्यम बना रहेगा।”
💔 अंतिम दृश्य — उम्मीदें अभी बाकी हैं…
रात गहराती है, गांवों में अब भी पानी की लहरें हैं।
लेकिन उन लहरों के बीच एक दीपक जल रहा है — उम्मीद का।
लोग जानते हैं कि बारिश थमेगी, आसमान साफ होगा,
और वही टूटी दीवारें फिर से खड़ी होंगी, क्योंकि गांव की मिट्टी हारना नहीं जानती।
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📍 रिपोर्ट — Khabari News Chandauli Bureau