
“जनता की पुकार और जनप्रतिनिधियों का संकल्प जब एक हो जाए, तो परिवर्तन अवश्य होता है।”
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चकिया ‚चंदौली । नगर में वह ऐतिहासिक क्षण आ गया है जब वर्षों से बदहाल, उपेक्षित और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा चकिया रोडवेज बस स्टेशन अब अपने पुनरुद्धार की ओर अग्रसर हो चुका है। यह सिर्फ एक बस स्टेशन का कायाकल्प नहीं, बल्कि चकिया की अस्मिता और नागरिक सुविधा का पुनर्जन्म है — और इसके पीछे हैं दो प्रमुख चेहरे: विधायक कैलाश आचार्य और नगर चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव।



🏛️ ढाई करोड़ की स्वीकृति – परिवर्तन की पहली सीढ़ी
चकिया विधायक कैलाश आचार्य एवं चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव ने लंबे समय से उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री श्री दयाशंकर सिंह से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। जनभावनाओं और ज़मीनी सच्चाई को समझते हुए मंत्री ने तुरंत प्रभाव से ₹2.5 करोड़ की राशि स्वीकृत की और निर्देश जारी किया कि:
“चकिया रोडवेज बस स्टेशन का तत्काल निरीक्षण कर प्रस्ताव बनाकर शासन को इस्टीमेट भेजा जाए।”
🧾 मंगलवार को हुआ ग्राउंड इंस्पेक्शन – चेयरमैन ने दिए विस्तृत दिशा-निर्देश
मंगलवार को परिवहन विभाग की टीम चकिया पहुंची। निरीक्षण के दौरान चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव ने अधिकारियों को एक सुव्यवस्थित रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने निम्न सुविधाओं की आवश्यकता पर जोर दिया:
- ✅ टीनशेड का निर्माण
- ✅ डीलक्स शौचालय की स्थापना
- ✅ इंटरलॉकिंग फर्श
- ✅ वॉटर कूलर व शुद्ध पेयजल की सुविधा
- ✅ मुख्य गेट (लोहे का) का निर्माण
- ✅ रूफबेंच व वेटिंग एरिया
- ✅ बिल्डिंग रिनोवेशन (पेंटिंग, दीवार मरम्मत आदि)
- ✅ ग्रीनरी – फाउंडेशन के साथ पौधारोपण
“चकिया की जनता को अब छांव मिलेगी, सुविधा मिलेगी, और एक गौरवशाली प्रतीक मिलेगा जो आधुनिकता और सौंदर्य का मिश्रण होगा।” – गौरव श्रीवास्तव, चेयरमैन, चकिया नगर पंचायत
🏗️ जल्द होगी टेंडर प्रक्रिया पूरी – कार्यदाई संस्था C/N/D/S को जिम्मेदारी
निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने संकेत दिए कि संपूर्ण कार्य योजना बन चुकी है और जल्द ही कार्यदाई संस्था C/N/D/S के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
📸 जमीनी हकीकत: इंस्पेक्शन के दौरान मौजूद रहे ये अधिकारी
निरीक्षण के इस अहम मौके पर चकिया रोडवेज परिसर में कई महत्वपूर्ण हस्तियाँ और अधिकारी मौजूद रहे:
- 👉 ए.आर.एम उमाशंकर त्रिपाठी
- 👉 कर्मचारी अरविंद कुमार गोंड
- 👉 मीडिया प्रभारी शुभम मोदनवाल
- 👉 समाजसेवी दीपक चौहान
💬 जनता की भावनाएं – उम्मीद से भरोसे की ओर
बाजार के दुकानदार हों या आम नागरिक – हर किसी की जुबान पर एक ही बात है: “अभी तक तो बस पुरानी दीवारें और धूल मिली थी, अब शायद वाकई कुछ बदलेगा।”
चकिया के बुजुर्गों का कहना है कि यह बस स्टेशन कभी इलाके की जान हुआ करता था, लेकिन वर्षों की उपेक्षा से इसकी सूरत बिगड़ गई थी। अब उम्मीद है कि नए स्वरूप में यह बस अड्डा चकिया की नई पहचान बनेगा।
🎯 विचारणीय बिंदु – ये सिर्फ विकास नहीं, एक दृष्टिकोण है
इस परिवर्तन के पीछे सिर्फ सरकारी बजट नहीं, बल्कि एक सोच, एक विजन और जनता के लिए समर्पण की भावना है। चकिया के लोग अब गर्व के साथ कह सकते हैं — हमारा रोडवेज भी अब स्मार्ट बनेगा।
“परिवर्तन तब आता है जब नेतृत्व सिर्फ कुर्सी नहीं, जिम्मेदारी समझे।” – K.C. Shrivastava, एडिटर-इन-चीफ, Khabari News
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