


✍️ खबरी न्यूज़ | रिपोर्ट : संपादक-इन-चीफ K.C. श्रीवास्तव (एडवोकेट)
🌧️ बरसात बनी आफत – खेत बर्बाद, रास्ते ध्वस्त
चंदौली जनपद के नौगढ़ क्षेत्र में इस बार की भारी बरसात ने कहर बरपा दिया।
नरकटी बंधी के टूटने से जहां दर्जनों किसानों की धान की खड़ी फसल पानी में समा गई, वहीं जयमोहनी-हिनौतघाट मार्ग पर बना छलका पहली ही बरसात में ध्वस्त हो गया।
ग्रामीणों की मेहनत, सपने और साल भर की कमाई – सब कुछ पानी में बह गया।
🚜 किसानो की करुण पुकार – “हमारा सब कुछ खत्म हो गया”
गांव के किसान हरिहर रामआसरे, भोलानाथ, राजकुमार जैसे कई किसानों की आंखों में आंसू हैं।
वे बताते हैं –
“हमने साल भर की मेहनत धान की खेती में लगा दी। पर अब खेतों में सिर्फ पानी और बर्बादी नजर आ रही है। ये सिर्फ फसल नहीं डूबी, बल्कि हमारा भविष्य डूब गया।”
ग्रामीण बताते हैं कि अगर बंधी मजबूत होती, छलका सही तरीके से बनाया जाता, तो बरसात इतनी तबाही नहीं लाती।



🏚️ भ्रष्टाचार की पोल – छलका पहली ही बरसात में ध्वस्त
जयमोहनी गांव के पास शंकर जी मंदिर से लेकर गहिला बाबा मंदिर और नरकटी गांव के गल्ला गोदाम के समीप बने छलका और रपटे पहली ही बरसात में बह गए।
गांव वालों का आरोप है कि जिला पंचायत योजना के तहत घटिया निर्माण सामग्री और मानकहीन तकनीक से काम हुआ।
पूर्व प्रधानपति गुड्डू यादव का कहना है:
“अगर गहराई से नींव डालकर पत्थर-ईंट और मजबूत सीमेंट का उपयोग किया गया होता तो छलका इस तरह ध्वस्त नहीं होता। यह भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत है।”
🚫 सेंचुरी क्षेत्र में बिना अनुमति निर्माण – बड़ा खुलासा
पर्यावरणविद् बलिराम सिंह ने इस पूरी घटना को बेहद गंभीर बताते हुए बड़ा आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि नौगढ़ तहसील का यह इलाका सेंचुरी क्षेत्र में आता है।
यहां किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य बिना विशेष अनुमति और NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के संभव ही नहीं है।
फिर भी जिला पंचायत ने यहां छलका निर्माण कराया।
बलिराम सिंह कहते हैं –
“यह न सिर्फ भ्रष्टाचार है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के साथ खिलवाड़ भी है। पहली ही बारिश ने घटिया काम को उजागर कर दिया। यह वन्यजीवों और ग्रामीणों दोनों के लिए खतरा है।”
🚧 रास्ते बंद – गांव का जीवन ठप
जयमोहनी गांव के शंकर जी मंदिर के पास छलका टूटने से मुख्य मार्ग पूरी तरह बंद हो गया।
गहिला बाबा मंदिर के समीप चन्द्रप्रभा नदी पर बना रपटा भी जर्जर हो चुका है।
दोनों किनारों की सड़क टूट गई है, जिससे आवागमन बाधित है।
ग्रामीण अब गांव से बाहर आने-जाने में भी असमर्थ हैं।
ग्राम प्रधानपति संतोष यादव बताते हैं:
“गहिला बाबा मंदिर के पास सड़क ध्वस्त हो गई है। लोग पैदल निकलना भी मुश्किल समझ रहे हैं। कई बार अधिकारियों को बताया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं।”

😡 ग्रामीणों का गुस्सा – “अधिकारियों ने हमें धोखा दिया”
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार जिला पंचायत और स्थानीय प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया।
पर अफसरों ने केवल कागजों में फाइल चलाई, जमीनी हकीकत किसी ने नहीं देखी।
अब जब बरसात ने सब उजागर कर दिया, तो गांव वाले सड़कों पर हैं, खेतों में खड़े होकर रो रहे हैं।
यह सिर्फ सड़क और छलका टूटने की कहानी नहीं है, यह व्यवस्था की नाकामी और भ्रष्टाचार की गवाही है।
🌊 नरकटी बंधी टूटने का डरावना मंजर
नरकटी गांव के पास बनी बंधी बरसात में टूट गई।
लाखों लीटर पानी धान के खेतों में भर गया।
सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न हो गए।
किसान खेत में खड़े होकर अपनी किस्मत को कोस रहे हैं।
बारिश थमी तो, लेकिन उनके जीवन में अंधेरा छोड़ गई।
🕯️ सवालों के घेरे में जिला पंचायत
- क्यों बिना NOC के सेंचुरी क्षेत्र में निर्माण कराया गया?
- क्यों मानकहीन सामग्री का प्रयोग हुआ?
- क्यों पहली ही बारिश में सब ढह गया?
- क्यों ग्रामीणों की सुनवाई नहीं हुई?
इन सवालों ने जिला पंचायत की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है।

🔔 अब आगे क्या?
ग्रामीणों की मांग है कि:
- तुरंत मुआवजा दिया जाए।
- घटिया निर्माण कराने वाले ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
- नया, मजबूत और मानक के अनुसार निर्माण कराया जाए।
वरना यह समस्या हर बरसात में ग्रामीणों का जीवन तबाह करती रहेगी।
✍️ खबरी न्यूज़ की पुकार
यह घटना सिर्फ नौगढ़ की नहीं, बल्कि पूरे जिले की आंखें खोलने वाली है।
जब भ्रष्टाचार और लापरवाही की कीमत किसान अपनी मेहनत और भविष्य से चुकाते हैं, तो यह लोकतंत्र और प्रशासन दोनों के लिए शर्मनाक है।
खबरी न्यूज़ मांग करता है –
👉 प्रशासन तुरंत जांच करे।
👉 दोषियों पर कार्रवाई हो।
👉 किसानों को न्याय और राहत मिले।
📌 निष्कर्ष
बरसात आई और चली गई, लेकिन नरकटी बंधी और छलका की तबाही ने दर्जनों परिवारों को जिंदगीभर का घाव दे दिया।
ग्रामीण पूछ रहे हैं –
“हमारा कसूर क्या था? मेहनत की, खेती की, पर भ्रष्टाचारियों ने सब डुबो दिया।”
यह सवाल सिर्फ किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे समाज का है –
👉 आखिर कब तक सिस्टम की लापरवाही और भ्रष्टाचार से आम आदमी का जीवन तबाह होता रहेगा?
🔥 खबरी न्यूज़ की यह रिपोर्ट किसानों की पीड़ा की आवाज है। इसे पढ़िए, साझा कीजिए और सवाल उठाइए। क्योंकि सवाल ही बदलाव की पहली सीढ़ी है।



