


Tragic Death of Two Innocent Boys
खबरी न्यूज़ नेशनल नेटवर्क
चकिया, चंदौली।(Excl. Report):
कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत भरेहटा खुर्द गांव में उस वक्त कोहराम मच गया, जब दो अबोध बालकों की चंद्रप्रभा नदी में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। ये दोनों मासूम बिना किसी को बताए नहाने के लिए नदी की ओर निकल गए थे। कुछ ही पलों में ये हंसी-खुशी खेलने वाले चेहरे पानी की गहराई में खो गए और गांव में मातम पसरा गया।
Ghar Se Bina Bataye Nadi Gaye The Dono | पैर फिसलने से डूबे
जानकारी के अनुसार, भरेहटा खुर्द गांव निवासी धनंजय यादव का 12 वर्षीय पुत्र गोलू यादव और नौशाद का 13 वर्षीय पुत्र हासिल सलमानी, सुबह अपने घर वालों को बिना बताए गांव के किनारे बहने वाली चंद्रप्रभा नदी में नहाने के लिए निकल गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों बच्चे गहरे पानी में चले गए और एकाएक उनका पैर फिसल गया जिससे वे संभल नहीं पाए और पानी में समा गए।
Rescue Efforts हुए लेकिन नहीं बच सकी जान
घटना के बाद जब गांव वालों को इस बात की जानकारी मिली, तब तक काफी देर हो चुकी थी। स्थानीय लोग तुरंत नदी की ओर दौड़े और रेस्क्यू कर दोनों बच्चों को चकिया स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय (SDH) ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
“Both were brought dead,” – ऐसा डॉक्टरों का बयान रहा। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया।
Parivaar Mein Macha Kohram | रो-रो कर बेहाल परिजन
अस्पताल में जब परिजनों को बच्चों की मौत की खबर मिली, तो वहां का माहौल बेहद हृदय विदारक हो गया। मां-बाप की चीखें सुन हर किसी की आंखें नम हो गईं। गोलू और हासिल के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। जो बच्चे सुबह तक हंसते-खेलते नजर आ रहे थे, वो अब सदा के लिए आंखें मूंद चुके थे।


चकिया पुलिस ने संभाला मोर्चा Postmortem के लिए भेजे गए शव
सूचना मिलते ही चकिया कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है और स्थानीय प्रशासन द्वारा भी रिपोर्ट तलब की जा चुकी है।
Nadi Mein Nahana Ban Sakta Hai Khatarnaak | सुरक्षा के इंतजाम नदारद
स्थानीय लोगों ने इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन से मांग की है कि नदी के आसपास सुरक्षा संबंधी इंतजाम किए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
नदी में कोई चेतावनी बोर्ड नहीं है, न ही कोई बाड़बंदी की गई है,” – ग्रामीणों का कहना है।
बच्चे अक्सर गर्मियों में नहाने के लिए नदी का रुख करते हैं, लेकिन वहां सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं, जो अब सवालों के घेरे में है।
Parents Appeal for Awareness | बाल सुरक्षा पर उठे सवाल
गोलू और हासिल की मौत के बाद एक बार फिर बाल सुरक्षा और जन-जागरूकता पर सवाल उठने लगे हैं। परिजनों ने प्रशासन से अपील की है कि स्कूलों और गांवों में जल सुरक्षा पर विशेष कैंपेन चलाया जाए ताकि बच्चे ऐसी जानलेवा गलती न दोहराएं।
School, Samajik Sangathanon Ka Shok Vyakt | मौन श्रद्धांजलि
गोलू यादव और हासिल सलमानी दोनों गांव के ही विद्यालय में कक्षा 6 और 7 में पढ़ते थे। स्कूल प्रशासन ने शोक व्यक्त करते हुए एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी।
स्थानीय समाजसेवियों ने एकत्र होकर दोनों बच्चों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
- अगर थोड़ी सी सतर्कता होती तो ये मासूम आज हमारे साथ होते।”
- हम प्रशासन से मांग करते हैं कि नदी के किनारे चेतावनी बोर्ड और गार्ड की व्यवस्था हो।”
खबरी न्यूज़ ने कहा कि हादसा सिर्फ एक गांव या परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक लापरवाही की मार्मिक तस्वीर है। हर साल गर्मियों में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी और स्थानीय स्तर पर जागरूकता की कमी इन मौतों को रोक नहीं पा रही है।
अब वक्त है कि नदियों और तालाबों को ‘खतरनाक क्षेत्र’ घोषित कर सावधानी बरती जाए। बच्चों को स्कूलों में जल सुरक्षा की जानकारी दी जाए और गांव स्तर पर स्वयंसेवी संगठन सक्रिय हों।
अंतिम शब्द:गोलू और हासिल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका जाना हमें ये सिखा गया कि मासूम उत्सुकता और हमारी लापरवाही के बीच एक खतरनाक रिश्ता है, जिसे तोड़ना बेहद जरूरी है।
