
🔥 88 उपनिबंधकों और 114 कनिष्ठ सहायकों का ट्रांसफर सीएम योगी ने किया रद्द – अब होगी कड़ी जांच!



✍️ रिपोर्ट: Khabari News ब्यूरो लखनऊ ।
👉 उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं पंजीयन विभाग में मची अफसरशाही की भगदड़ अब खुलकर सामने आ गई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवर और जीरो टॉलरेंस की नीति का सीधा असर दिखाई दिया है जब सभी 202 स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिए गए हैं। ये वो ट्रांसफर थे जिनमें भारी भ्रष्टाचार, सिफारिश और रिश्वतखोरी की बू आने लगी थी।
⚡ क्या है पूरा मामला?
राज्य के स्टांप एवं पंजीयन विभाग में हाल ही में बड़े स्तर पर स्थानांतरण किए गए थे।
- 59 कार्यरत और 29 नव-प्रोन्नत उपनिबंधक
- 114 कनिष्ठ सहायक
इन सभी को प्रदेश भर में इधर-उधर किया गया। लेकिन जैसे ही स्थानीय और विभागीय स्तर पर शिकायतों की बाढ़ आई, मंत्री रवीन्द्र जायसवाल तक बात पहुंची।
😠 IAS समीर वर्मा पर लगे गंभीर आरोप
इन तबादलों की जड़ में एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है – IAS अधिकारी समीर वर्मा, IG स्टांप।
सूत्रों के अनुसार, कई स्थानों पर मलाईदार पोस्टिंग के लिए मोटी रकम का खेल हुआ, जिसकी रिपोर्ट खुद स्टांप मंत्री ने सीएम योगी तक पहुंचाई।
👉 सीएम ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे स्थानांतरण पर ब्रेक लगा दिया और जांच के आदेश दिए।

🚨 202 ट्रांसफर निरस्त – हड़कंप मच गया!
सोमवार को प्रमुख सचिव स्टांप की ओर से आधिकारिक शासनादेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि
❝स्थानांतरण में गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए सभी 202 ट्रांसफर तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाते हैं।❞
इस आदेश के साथ ही मुख्यालय से लेकर जिलों तक अफसरों में हड़कंप मच गया है।
💸 रिश्वत लेकर पोस्टिंग पाने वालों की कुर्सी डगमगाई
सूत्रों की मानें तो कई अफसरों ने भारी रकम देकर मनचाही पोस्टिंग पाई थी।
अब उन सभी की गोपनीय समीक्षा शुरू हो चुकी है।
👉 विभागीय मंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि –
🗣️ “जो भी अफसर रिश्वत देकर कुर्सी तक पहुंचे हैं या काम में लापरवाह हैं, उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
🧠 मुख्यमंत्री का ‘एक्शन मोड’ – जीरो टॉलरेंस फिर दिखा ताकतवर
सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशासनिक सख्ती और पारदर्शिता की छवि एक बार फिर मजबूत हुई है।
👉 बिना देरी किए, मंत्री की लिखित शिकायत पर तत्काल संज्ञान लिया गया।
👉 ट्रांसफर पर फुल स्टॉप लगाते हुए सिस्टम को साफ करने का निर्देश दिया गया।

🔎 अब कौन-कौन आएगा जांच के घेरे में?
सूत्रों के अनुसार, जांच के दायरे में होंगे:
- सभी 202 स्थानांतरण से जुड़े फाइलों के अनुमोदनकर्ता
- IG स्टांप समीर वर्मा की भूमिका
- जिलों के रजिस्ट्री कार्यालयों में नियुक्त अफसर, जिन पर लेनदेन के आरोप हैं
- जिन अफसरों ने मोटी रकम देकर पोस्टिंग ली, उनकी संपत्ति और संपर्कों की जांच भी संभव है
🗣️ जनता और कर्मचारी वर्ग में क्या है माहौल?
इस फैसले के बाद विभागीय कर्मचारियों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
- जिनकी पोस्टिंग निष्पक्ष थी, वे हतोत्साहित हैं
- जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों की नींद उड़ गई है
वहीं आम जनता को इस बात से राहत मिली है कि
👉 योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर फिर सर्जिकल स्ट्राइक किया है।
📌 अब आगे क्या?
- उच्चस्तरीय जांच टीम की घोषणा जल्द
- समीर वर्मा सहित संदिग्ध अधिकारियों की कॉल डिटेल, लेन-देन और अघोषित संपत्ति की जांच
- भविष्य में स्थानांतरण प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने की दिशा में बदलाव संभव
📣 Khabari News की अपील:
👉 जनता से जुड़ी हर नियुक्ति और तबादले में पारदर्शिता जरूरी है।
👉 जो अधिकारी “रिश्वत देकर कुर्सी” तक पहुंचे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए।
👉 योगी सरकार से उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को कठोर सजा मिलेगी।
📢 Khabari News इस पूरे घटनाक्रम की निगरानी करता रहेगा। अगली रिपोर्ट में हम लाएंगे –
🔍 “IAS समीर वर्मा की प्रोफाइल, आरोपों का विश्लेषण और विभागीय सेटिंग का पूरा काला चिट्ठा”
✅ पढ़ते रहिए – Khabari News
📲 Follow us on Facebook | Instagram | YouTube
✒️ Chief Editor: K.C. Shrivastava (Advocate)
🛡️ सच के साथ, प्रशासन की आंखों में आंख डालकर!


