
(Editor-in-Chief : K.C. Shrivastava, Advocate)
🌸 प्रस्तावना – Teachers’ Day: गुरुओं को समर्पित एक दिन
5 सितम्बर… भारत में यह दिन केवल कैलेंडर की तारीख नहीं है, बल्कि यह वह क्षण है जब पूरा देश अपने गुरुओं, शिक्षकों, मार्गदर्शकों और ज्ञान-दाताओं को नमन करता है। यह वही दिन है जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है—वह महापुरुष जिन्होंने कहा था कि “यदि मुझे सम्मानित करना है तो उसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाइए।”
आज जब हम 2025 की दुनिया में खड़े हैं, तो सवाल सिर्फ यह नहीं है कि शिक्षक हमें पढ़ा रहे हैं, बल्कि यह भी है कि शिक्षक हमें किस ओर ले जा रहे हैं?
👉 क्या वे हमें आदर्श जीवन की ओर बढ़ा रहे हैं?
👉 क्या वे हमारे बच्चों के सपनों को पंख लगा रहे हैं?
👉 या फिर कुछ ऐसे भी हैं जो अपने स्वार्थ से इस पेशे की गरिमा को गिरा रहे हैं?

✨ Guru Ki Mahima – Teacher’s Legacy Beyond Limits
भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर से भी ऊँचा स्थान दिया गया है –
“गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरः।
गुरु साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः॥”
गुरु का काम केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि जीवन गढ़ना होता है।
इतिहास में हमें ऐसे असंख्य शिक्षक मिले जिन्होंने स्वयं उस मुकाम को नहीं पाया, परंतु अपने शिष्यों को वहाँ तक पहुँचाया जहाँ तक वे खुद नहीं पहुँच सके।
👉 चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को गढ़ा।
👉 रामकृष्ण परमहंस ने विवेकानंद को बनाया।
👉 डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया।


🌍 Unsung Heroes – गाँव-गाँव के वो गुरु
शहरों की चकाचौंध में शायद उनकी कहानियाँ खो जाती हैं, परंतु असली शिक्षक वे हैं जो
⚡ मिट्टी के फर्श पर बैठाकर बच्चों को ABCD और Ka-Kha सिखाते हैं।
⚡ अपनी तनख्वाह का हिस्सा किताबें खरीदने में खर्च कर देते हैं।
⚡ जिनकी आँखों में चमक तब आती है जब उनका कोई छात्र सरकारी नौकरी पा जाता है या डॉक्टर बनकर गाँव लौटता है।
ये वही अनजाने नायक (Unsung Heroes) हैं, जो बिना किसी सम्मान, बिना किसी पुरस्कार के भी जीवन बदल रहे हैं।



⚡ The Dark Side – जब Teacher बना Profession का Kalank
लेकिन सच से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता।
👉 कुछ शिक्षक ऐसे भी हुए जिन्होंने रिश्वत लेकर बच्चों को पास किया।
👉 कुछ ने ट्यूशन माफिया खड़ा कर शिक्षा को व्यापार बना दिया।
👉 और कुछ तो ऐसे भी शर्मनाक किस्सों में फँसे कि समाज का सिर झुक गया।
शिक्षक दिवस पर जब हम महान शिक्षकों को याद करते हैं, तो हमें इस काले धब्बे को भी उजागर करना चाहिए, ताकि समाज यह समझ सके कि “एक बुरा शिक्षक” हज़ार अच्छे शिक्षकों की मेहनत पर प्रश्नचिह्न लगा देता है।
🎓 Inspirational Stories – Students Who Outshined Their Teachers’ Dreams
कभी-कभी शिक्षक खुद अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते, लेकिन उनके शिष्य उन्हें पूरा करते हैं।
- डॉ. कलाम और उनके Science Teacher – कलाम बताते थे कि उनके शिक्षक ने कहा था – “Science is the key to future”। आज पूरा विश्व कलाम को “Missile Man of India” कहकर याद करता है।
- आनंद कुमार (Super 30) – खुद IIT नहीं जा पाए, लेकिन अपने छात्रों को IIT तक पहुँचाकर शिक्षा की परिभाषा बदल दी।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर – समाज ने रोका, परिस्थितियाँ प्रतिकूल थीं, परंतु उनके गुरुओं ने उन्हें खड़ा किया और वे संविधान निर्माता बने।
🕯️ Teachers’ Day Celebration – सिर्फ समारोह नहीं, संकल्प होना चाहिए
आजकल स्कूलों-कॉलेजों में टीचर्स डे एक Event बनकर रह गया है।
बच्चे गुलाब देते हैं, स्टेज पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, फोटो खिंचवाए जाते हैं और फिर सब खत्म।
पर असली Teacher’s Day Celebration तब होगा जब –
👉 कोई छात्र अपने गुरु से सीखे हुए संस्कारों को जीवन में अपनाए।
👉 कोई युवक अपने गाँव लौटकर बच्चों को पढ़ाए।
👉 कोई लड़की कहे – “मेरे Teacher ने मुझे हिम्मत दी, इसलिए मैं यहाँ हूँ।”

💔 The Bitter Truth – जब System ने Teachers को तोड़ दिया
शिक्षक सिर्फ आदर्श नहीं हैं, वे भी इंसान हैं।
👉 उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलता।
👉 कभी-कभी ट्रांसफर पॉलिटिक्स से परेशान रहते हैं।
👉 ग्रामीण इलाकों में एक ही शिक्षक को 5 क्लासों को पढ़ाना पड़ता है।
यह कड़वा सच है कि आज का सिस्टम कई सच्चे गुरुओं को तोड़ रहा है।
और जब गुरु टूट जाता है, तो उसके शिष्य भी खो जाते हैं।
🌟 Role of Teacher in New India – Nation Builders of Tomorrow
“A Teacher today is a Nation tomorrow.”
नया भारत, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल भारत – यह केवल सरकार के स्लोगन से नहीं बनेगा, यह तभी बनेगा जब –
👉 हमारे शिक्षक बच्चों को सिर्फ नकल नहीं, नवाचार (Innovation) सिखाएँ।
👉 बच्चों को सिर्फ नौकरी नहीं, नेतृत्व (Leadership) का मार्ग दिखाएँ।
👉 शिक्षा को केवल डिग्री नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण (Character Building) से जोड़ा जाए।
🏆 Real vs Fake Respect – समाज को तय करना होगा
आज समाज को एक फैसला करना होगा –
👉 क्या हम केवल उन्हीं गुरुओं को सम्मान देंगे जो चमकदार समारोहों में मंच पर बैठे हैं?
👉 या उन अनसुने गुरुओं को भी पहचानेंगे जो गाँव के अंधेरे कमरे में लालटेन की रोशनी में बच्चों का भविष्य गढ़ रहे हैं?
Respect is not about stage, it is about sacrifice.
🔥 Teachers’ Day 2025 – Aaj Ka Sankalp, Kal Ka Samman
इस बार का टीचर्स डे हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि –
👉 गुरु बिना समाज अंधा है।
👉 सच्चे गुरुओं का सम्मान सिर्फ 5 सितम्बर को नहीं, हर दिन होना चाहिए।
👉 और झूठे, भ्रष्ट व बेईमान शिक्षकों को समाज से बेनकाब करना होगा।
🌺 समापन – Salute to the Torchbearers of Knowledge
आज, जब हम अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की बात करते हैं, तो याद रखिए –
⚡ डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, नेता, अफसर, वैज्ञानिक – कोई भी गुरु की गोद से बाहर नहीं निकला।
⚡ हर उपलब्धि के पीछे कहीं न कहीं एक शिक्षक खड़ा है, जिसने बिना किसी स्वार्थ के अपना सब कुछ दिया।
Teachers are not just professionals – they are Nation Builders, Dream Makers, and Life Changers.
Khabari News की ओर से सम्पूर्ण शिक्षकों को प्रणाम और सम्मान।
(Editor-in-Chief K.C. Shrivastava, Advocate)


