
— An Explosive Editorial on Operation Sindoor by K.C. Shrivastava, Ad., in Khabari’s Bold Voice 🇮🇳
🇮🇳 “ENOUGH IS ENOUGH — INDIA WILL HIT BACK HARDER NOW!”
पहले उड़ी, फिर पुलवामा और अब पहलगाम। ये महज आतंकी हमले नहीं हैं, ये हमारे संप्रभुता के विरुद्ध युद्ध हैं। इन हमलों में हमारे निर्दोष नागरिकों, जवानों और माताओं की चीखें दबी हैं, और यही चीखें अब एक रणघोष बन चुकी हैं—“अब नहीं सहेंगे!” भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब हर हमले का जवाब गोली से नहीं, ‘गर्जना’ से दिया जाएगा।
🔥 ऑपरेशन सिंदूर: 25 मिनट में पाकिस्तान के पाले हुए आतंक की कब्र
भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय की तरह दर्ज हो गया है। केवल 25 मिनट में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे नापाक संगठनों के 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए गए। सटीक हमले, सधे हुए निशाने और अडिग इरादों ने दिखा दिया कि भारत अब महज़ चेतावनी नहीं देता—अब करारा बदला लेता है।
💥 पाकिस्तान के लिए यह महज़ एक जवाब नहीं, चेतावनी थी
भारत की कार्रवाई उस फौजी नीति का हिस्सा है जो अब ‘सामरिक धैर्य’ नहीं बल्कि ‘सटीक प्रतिघात’ को अपनाती है। यह कार्रवाई बताती है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय दबावों की परवाह किए बिना अपने नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता देगा। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि भारत अब पहले की तरह सहनशील नहीं है।
🇵🇰 आतंक के जनक असीम मुनीर को भारत का करारा तमाचा
पाकिस्तानी सेना की कमान असीम मुनीर जैसे कठमुल्ले और कट्टर सोच वाले जनरल के हाथों में है। यह वही मुनीर है जिसने भारत को कश्मीर में अस्थिर करने के लिए ‘प्रॉक्सी वॉर’ की नीति को नए सिरे से शुरू किया है। मगर भारत ने पहलगाम हमले के बाद यह दिखा दिया कि अब हर ‘प्रॉक्सी’ का जवाब ‘डायरेक्ट एक्शन’ से मिलेगा।
🌍 कूटनीति के मोर्चे पर भी भारत का पलड़ा भारी
भारत ने इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट कर दिया है कि उसने पाकिस्तान पर नहीं, बल्कि आतंकवाद पर हमला किया है। इसका असर ये हुआ है कि विश्व समुदाय भारत के साथ खड़ा दिख रहा है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और रूस जैसे देश भारत की कार्रवाई को आत्मरक्षा का अधिकार बता रहे हैं। पाकिस्तान की ‘विक्टिम कार्ड’ की चाल इस बार नाकाम हो गई है।
🇮🇳 सर्वदलीय एकता: राष्ट्र सर्वोपरि
सरकार ने जवाबी कार्रवाई के बाद तुरंत सर्वदलीय बैठक बुला कर यह सिद्ध कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में कहा—”हमारी सेना के साथ हैं, हर कार्रवाई का समर्थन करते हैं।”
📡 एलओसी पर पाकिस्तानी दुस्साहस और भारतीय सेना की जवाबी गरज
कुपवाड़ा के करनाह सेक्टर में पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाना यह दिखाता है कि वह अब बौखला गया है। लेकिन भारतीय सेना ने जिस दृढ़ता से जवाब दिया, उसने पाकिस्तान को यह एहसास करा दिया कि अब भारत ‘अनप्रोवोक्ड’ हमलों को सहन नहीं करेगा।
🛡️ भविष्य की रणनीति: ‘डॉक्ट्रिन ऑफ डिसिजन’
भारत अब “डॉक्ट्रिन ऑफ स्ट्रैटेजिक रेस्पॉन्स” की ओर बढ़ रहा है:
- प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक नीति – अगर कोई खतरा महसूस हुआ, भारत पहले मारेगा।
- डिप्लोमैटिक आइसोलेशन ऑफ पाकिस्तान – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना।
- आंतरिक सुरक्षा को अभेद बनाना – इंटेलिजेंस नेटवर्क और साइबर मॉनिटरिंग को अपग्रेड करना।
- सीमा सुरक्षा के लिए ‘इंटेलिजेंट डिफेंस ग्रीड’ – एलओसी पर डिजिटल निगरानी और ड्रोन रक्षा प्रणाली।
- अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटरीच – भारत को आतंक से पीड़ित और पाकिस्तान को आतंक का प्रायोजक दिखाना।
💡 भारत को अब क्या करना चाहिए?
- एक निर्णायक नीति घोषित की जाए, जिसमें साफ तौर पर कहा जाए कि भारत आतंकवाद को ‘युद्ध’ मानता है और हर ‘वार’ का जवाब ‘तबाही’ से देगा।
- आतंकी हमलों पर संयुक्त राष्ट्र और G20 जैसे मंचों पर विशेष सत्र बुलाया जाए, ताकि वैश्विक दबाव बढ़े।
- आंतरिक सुरक्षा सुधार, जिसमें जासूसी तंत्र को पूरी तरह आधुनिक बनाया जाए।
- ‘सामाजिक प्रतिकार नीति’, जिसके तहत सोशल मीडिया और प्रचार माध्यमों से पाकिस्तान की कुत्सित मानसिकता को बेनकाब किया जाए।
📌 पाकिस्तान के लिए सबक
पाकिस्तान को समझना होगा कि:
- दुनिया बदल चुकी है, अब आतंकवाद का समर्थन करने वालों को सहानुभूति नहीं, घृणा मिलती है।
- भारत अब वैश्विक मंचों पर केवल सुनता नहीं, बोलता है—और मारता भी है।
- अब ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ या ‘एयर स्ट्राइक’ केवल विकल्प नहीं, प्राथमिक रणनीति बन चुकी है।
🗣️ “भारत अब झुकेगा नहीं, बल्कि बढ़कर मारेगा”
हमारे शहीदों के लहू की पुकार, हमारे बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी और हमारे तिरंगे की शान अब भारत की नीति तय करेगी— ‘जय हिंद के नारे अब शब्द नहीं, संकल्प बन गए हैं।’ भारत अब न तो सहन करेगा, न ही छोड़ देगा। अब जो हमला करेगा, वह बचेगा नहीं।
🇮🇳 निष्कर्ष: अब वक्त है निर्णायक भारत का
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की बदलती सैन्य और कूटनीतिक नीति का प्रतीक है। यह वह भारत है जो अब संवाद से नहीं, निर्णय से चलता है। जो अब ‘युद्ध नीति’ में भी ‘धर्म नीति’ को संजोता है—मगर जवाब देने से हिचकता नहीं।
🚩 जय हिंद! जय भारत! — K.C. Shrivastava, Advocate (Editorial Voice of Khabari News)
“भारत को अब हर नागरिक की जरूरत है—अपनी फौज, अपने देश और अपने स्वाभिमान के साथ खड़े होइए।”
प्रस्तावना: अब सहनशीलता नहीं, निर्णायकता का समय
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस बर्बरता के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम उठाया, जो न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की बदलती रणनीतिक सोच का भी प्रतीक है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक सटीक और प्रभावी प्रतिक्रिया
7 मई 2025 को भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर 25 मिनट के भीतर सटीक हमले किए। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालयों को निशाना बनाया गया। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ये हमले केवल आतंकी ढांचे पर केंद्रित थे और पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को लक्षित नहीं किया गया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इन हमलों को ‘युद्ध का कार्य’ बताते हुए जवाबी कार्रवाई का दावा किया, जिसमें भारतीय विमानों को मार गिराने और सैनिकों को बंदी बनाने की बातें शामिल थीं। हालांकि, भारत ने इन दावों का खंडन किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और तुर्की, ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की अपील की है। The Guardian
भारत की बदलती रणनीति: ‘कोल्ड स्टार्ट’ से आगे
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की पारंपरिक ‘कोल्ड स्टार्ट’ रणनीति से एक कदम आगे बढ़कर आतंकवाद के खिलाफ एक सक्रिय और निर्णायक रुख को दर्शाता है। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब आतंकी हमलों के प्रति सहनशील नहीं रहेगा और आवश्यकतानुसार कड़ी कार्रवाई करेगा।
भविष्य की रणनीति: बहुआयामी दृष्टिकोण
- सैन्य तैयारी और सतर्कता: सीमा पर सतर्कता बढ़ाना और आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए तकनीकी और मानव संसाधनों का समुचित उपयोग।
- कूटनीतिक दबाव: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए जवाबदेह ठहराना और वैश्विक समर्थन जुटाना।
- आंतरिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण: देश के भीतर सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान को सुदृढ़ करना।
- साइबर सुरक्षा: साइबर हमलों से निपटने के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचा विकसित करना।
- जन जागरूकता: नागरिकों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना।
निष्कर्ष: एक नई दिशा की ओर
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आतंकवाद के प्रति बदलती रणनीति का प्रतीक है। यह स्पष्ट करता है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं करेगा, बल्कि आवश्यकतानुसार पूर्व-खतरों को निष्क्रिय करने के लिए भी तैयार है। यह नई रणनीति न केवल देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगी।
🛑 ✍️ Khabari के संपादक के तौर पर मेरी देशवासियों से अपील — K.C. Shrivastava (Advocate)
प्रिय देशवासियों,
आज जब हमारा देश एक बार फिर आतंक के ज़ख्मों से तड़प रहा है, तब हमें सिर्फ एक भावना, एक विचार, एक नारा अपने दिल में संजोना होगा— “हम एक हैं, और हमारी चुप्पी अब हथियार नहीं, कमजोरी है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, यह राष्ट्र के आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना है। अब वक्त आ गया है कि हम हर मोर्चे पर एकजुट हों— चाहे वो सैनिक सीमा हो, सोशल मीडिया का मंच हो, या अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का गलियारा।
➡️ मैं आप सभी से यह अपील करता हूं:
- 🧠 सोच को राष्ट्रहित में बदलिए – जाति, धर्म, दल से ऊपर उठकर ‘भारत’ को प्राथमिकता दें।
- 📢 आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ बनिए, खामोश रहना अब अपराध है।
- 🧒 अपने बच्चों को बताइए कि भारत की मिट्टी में बलिदान की परंपरा है, झुकने की नहीं।
- 🇮🇳 सेना और सरकार के साथ खड़े रहिए, मतभेद रखिए पर राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ एकजुट हो जाइए।
- 📲 सोशल मीडिया पर #OperationSindoor, #IndiaStrikesBack और #NoMoreTerror जैसे हैशटैग चलाकर एक जनमत तैयार करिए।
हमारी कलम, हमारी भाषा, हमारे शब्द और हमारी चुप्पी — सब अब राष्ट्रनिर्माण के औज़ार बन चुके हैं। आइए, देश के इस निर्णायक मोड़ पर हम सब एक स्वर में कहें:
“भारत झुका नहीं था, झुकेगा नहीं… भारत अब बढ़कर मारेगा!”
आपका,
K.C. Shrivastava ad.
Chief Editor, Khabari News
