
खबरी न्यूज़ नेशनल नेटवर्क चंदौली।
लोको पायलट की पत्नी से पूछे जाएंगे ‘नींद’ के सवाल!
रेलवे का नया फरमान– पत्नी करेगी साइन, तभी पायलट मानेगा फिट?
पत्नी से पूछा जाएगा– “पति ठीक से सोए थे या नहीं?”
रेलवे ने एक ऐसा अजीबो-गरीब फैसला लिया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। अब ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए लोको पायलट की बीवी से पूछा जाएगा कि उसने अपने पति को घर में अच्छी नींद लेने दी या नहीं!
जी हां! रेलवे ने अब लोको पायलटों की पत्नियों की “Quality Rest काउंसिलिंग” शुरू की है। यानी अब उनकी पत्नी से पूछा जाएगा कि क्या उनके पति मोबाइल-TV से दूर रहकर 6 घंटे की नींद ले पाए? और इसके बाद उनसे एक साइन वाली पावती भी ली जाएगी!



घर में आकर होंगे सवाल– “नींद पूरी हुई?” “टीवी बंद रहा?”
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि
- रेलवे के अधिकारी (मुख्य लोको निरीक्षक) घर-घर जाकर
- लोको पायलट की मौजूदगी में
- उनकी पत्नी या घर के किसी सदस्य से
नींद, तनाव, मोबाइल यूज़ और नशे जैसे विषयों पर बात करेंगे।
और फिर उनसे लिखित रूप में सहमति ली जाएगी।
**रेलवे का तर्क– “सुरक्षा पहले!”
पर परिवार बोला– “हमारे घर में सरकारी दखल क्यों?”**
रेलवे का कहना है कि कई हादसे लोको पायलट की नींद पूरी न होने की वजह से हुए हैं। इसलिए अब घरवालों से बात करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोको पायलट आराम करके ही ड्यूटी पर आए।
लेकिन लोको पायलट और उनके परिवार गुस्से में हैं। उनका कहना है:
“हम पूरी ईमानदारी से दिन-रात ड्यूटी करते हैं। अब रेलवे हमारे घर की चौखट लांघकर हमारी बीवियों से पूछताछ कर रहा है। क्या हम अपराधी हैं?”
लोको पायलट बोले– “हम घर चला रहे हैं, जांच घर पर मत लाओ!”
रेलवे के इस कदम के खिलाफ कई लोको पायलटों ने विरोध जताया है।
प्रयागराज के अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा गया है:
- “हम पहले ही 12 से 14 घंटे की ड्यूटी में मानसिक और शारीरिक थकावट झेलते हैं।”
- “अब हमारे परिवार को भी तनाव में डाला जा रहा है।”
- “घर के अंदर काउंसिलिंग निजता का हनन है।”
विरोध करने वालों में शामिल हैं:
शशिकांत दुबे, अनुराग मौर्य, गौरव कुमार, शिवम श्रीवास्तव, रहीम अली, सुमित राज, प्रवीश यादव, डीके भाष्कर, आईए अंसारी, दीपक कुमार आदि।
इमोशनल सवाल– “अब रेल चलाने से पहले बीवी से NOC लेनी पड़ेगी?”
एक लोको पायलट की पत्नी ने कहा:
“वो थक कर जब घर आता है तो मैं खुद उसे कहती हूं कि सो जाओ, चैन लो।
लेकिन अब रेलवे मुझसे पूछेगा कि नींद हुई या नहीं?
कल को ये भी पूछेगा कि झगड़ा तो नहीं हुआ?”
इस बात ने हर आम गृहिणी और पति-पत्नी के रिश्ते में एक नई टेंशन ला दी है।
**सोशल मीडिया पर बवाल –
“क्या पत्नी अब HR मैनेजर बनेगी?”**
रेलवे का ये आदेश सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है।
लोग कह रहे हैं:
“अब बीवी बताएगी कि पति सोया कि नहीं, और रेलवे मानेगा कि वो फिट है या नहीं!”
“ये ट्रेनों की सुरक्षा नहीं, घर की शांति बिगाड़ने वाला आदेश है।”
“कल को रेलवे कहेगा कि बच्चों से पूछो– पापा गुस्से में तो नहीं हैं?”
क्या इसका हल यही था?
विशेषज्ञों का मानना है कि लोको पायलट की थकान वाकई चिंता का विषय है।
लेकिन इसका हल है–
- अच्छी ड्यूटी रोस्टर
- पर्याप्त रेस्ट टाइम
- रनिंग रूम की सुविधाएं
- काउंसलर और डॉक्टर
पत्नी से पावती लेना ना इंसाफी है, जो न परिवार के लिए सही है और न कर्मचारी के लिए।
Khabari News की Appeal
रेलवे की मंशा पर सवाल नहीं, लेकिन तरीका ऐसा नहीं होना चाहिए जिससे कर्मचारी और उसका परिवार अपमानित महसूस करे।
हर लोको पायलट हर रोज़ सैकड़ों ज़िंदगियों की जिम्मेदारी उठाता है, लेकिन वो भी एक इंसान है, मशीन नहीं। और उसके घर में उसकी बीवी उसकी सहकर्मी नहीं, जीवनसाथी है।
**तो पूछिए आप भी–
क्या अब ट्रेन चलेगी तभी जब बीवी बोलेगी– “हाँ, ठीक से सोए थे!”**
#TrainSafetyOrPrivacy
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#रेलवे_का_नया_फरमान
आप क्या सोचते हैं?
ट्रेन की सुरक्षा के लिए पत्नी की काउंसलिंग जरूरी है या
ये फैसला सीधे परिवार की स्वतंत्रता और सम्मान पर वार है?
अपनी राय ज़रूर बताएं…



