गोआश्रय स्थलों में लापरवाही अब नहीं चलेगी—जिलाधिकारी का स्पष्ट और कड़ा संदेश
चंदौली |
कड़ाके की ठंड, शीतलहर और गिरते तापमान के बीच जनपद चंदौली में गोवंश संरक्षण को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में नजर आया। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित गोवंश आश्रय स्थलों की संचालन व समीक्षा बैठक न केवल एक प्रशासनिक बैठक थी, बल्कि यह संवेदना, जिम्मेदारी और सख्त अनुशासन का स्पष्ट संदेश भी लेकर आई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग ने दो टूक शब्दों में कहा—
“जानवरों के हेल्थ से कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गौशालाओं में ठंड से बचाव की हर व्यवस्था जमीन पर दिखनी चाहिए, कागजों में नहीं।”
यह वाक्य पूरे सभागार में गूंज उठा—और यही इस बैठक की आत्मा थी।


शीतलहर में गोवंश की सुरक्षा सर्वोपरि
जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद के सभी गोआश्रय स्थलों में ठंड से बचाव की समुचित व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए। उन्होंने विशेष रूप से निम्न बिंदुओं पर सख्त अमल का आदेश दिया—
- 🔥 अलाव की व्यवस्था – हर गौशाला में नियमित रूप से
- 🟫 पुआल बिछावन – फर्श पर पर्याप्त मात्रा में
- 🏚️ शेड पर पर्दे/तिरपाल – ठंडी हवा रोकने के लिए
- 🧥 काऊ कोट (ऊनी वस्त्र) – विशेषकर कमजोर व बीमार गायों के लिए
- 🚿 स्वच्छ पेयजल और साफ-सफाई – ठंड में संक्रमण रोकने हेतु
उन्होंने कहा कि शीतलहर के दौरान एक भी गौवंश को नुकसान हुआ, तो जिम्मेदारी तय होगी।
बैठक के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की मॉनिटरिंग व्यवस्था में शिथिलता पाए जाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
विशेष रूप से कठौरी क्षेत्र के पशु चिकित्सक द्वारा प्रतिदिन भ्रमण न किए जाने पर जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा—
“यह संवेदनशील जिम्मेदारी है। यदि समय पर इलाज नहीं हुआ, तो यह प्रशासनिक नहीं बल्कि नैतिक विफलता होगी।”
उन्होंने निर्देश दिया कि—
- सभी बीमार पशुओं का तत्काल उपचार हो
- नियमित हेल्थ चेकअप रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए
- दवाओं की उपलब्धता हर गौशाला में सुनिश्चित रहे
📋 निरीक्षण, रजिस्टर और जवाबदेही—अब कोई ढिलाई नहीं
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि हर गौशाला का निरीक्षण सप्ताह में कम से कम एक बार अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि—
- सभी अभिलेख/रजिस्टर अपडेट रहें
- चारा, दवा, इलाज, मृत्यु, भर्ती—हर चीज का रिकॉर्ड पारदर्शी हो
- निरीक्षण केवल औपचारिक न होकर ग्राउंड रियलिटी पर आधारित हो
उन्होंने कहा—
“किसी भी गौशाला में कमी अगर मेरे संज्ञान में आई, तो सीधे कार्रवाई होगी।”
🚛 सड़कों पर घूमते निराश्रित पशुओं के लिए ठोस योजना
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जनपद में सड़कों पर घूम रहे निराश्रित पशुओं को सुरक्षित रूप से पकड़ने के लिए—
- कैटिल कैचर (पशु पकड़ने वाली गाड़ी) का सक्रिय उपयोग
- दुर्घटना संभावित हॉटस्पॉट चिन्हित किए जाएं
- पकड़े गए पशुओं को तत्काल गौशालाओं में शिफ्ट किया जाए
यह कदम न केवल पशुओं की सुरक्षा के लिए, बल्कि आमजन की जान-माल की रक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक बताया गया।
🌱 हरा चारा और नेपियर बुवाई की समीक्षा
गौवंश के पोषण पर विशेष ध्यान देते हुए जिलाधिकारी ने—
- हरा चारा उपलब्धता
- नेपियर घास की बुवाई की स्थिति
की विस्तार से समीक्षा की।
उन्होंने निर्देश दिया कि गौशालाएं केवल आश्रय स्थल न रहें, बल्कि उन्हें मॉडल गौशालाओं के रूप में विकसित किया जाए—जहां संरक्षण, पोषण और स्वच्छता तीनों का संतुलन हो।
🏛️ उपस्थित अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में—
- मुख्य विकास अधिकारी आर. जगत
- मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
- खंड विकास अधिकारीगण
- अपर मुख्य पशु चिकित्साधिकारीगण
उपस्थित रहे।

🔥 Khabari News विश्लेषण
यह बैठक केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं थी। यह स्पष्ट संकेत है कि चंदौली प्रशासन गोवंश संरक्षण को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रहा है।
जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग का यह रुख न सिर्फ अधिकारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि समाज के लिए एक संदेश भी—
“जिस समाज में जानवर सुरक्षित हैं, वही समाज वास्तव में संवेदनशील है।”
📣 जनता से अपील
यदि आपके क्षेत्र की किसी गौशाला में—
- ठंड से बचाव की व्यवस्था नहीं
- बीमार पशुओं का इलाज नहीं
- साफ-सफाई में लापरवाही
तो आवाज उठाइए।
यह सिर्फ खबर नहीं—यह जिम्मेदारी है।
#GauvanshSuraksha #ChandauliDM #ModelGaushala #AnimalWelfare #KhabariNews #GroundReport #ShitlaharAlert #AdministrativeAction


