
Koilarava Hanuman Ji
Koilarava Hanuman Ji संकटमोचन के दरबार की महिमा
“संकट कटै, मिटे सब पीड़ा.. जो सुमिरे हनुमत बलबीरा” — यह चौपाई केवल एक पंक्ति नहीं, बल्कि असंख्य भक्तों की भावनाओं का सार है। हिंदू धर्म में हनुमान जी को बल, बुद्धि, विद्या और भक्ति का प्रतीक माना गया है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार माता सीता ने उन्हें अजर-अमर होने का वरदान दिया था। आज भी वह सजीव हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
ऐसे ही Koilarava Hanuman Ji का मंदिर उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील के गुठौली नामक घने जंगल में स्थित है, जहां हनुमान जी बाल रूप में साक्षात विराजमान हैं। इस स्थान को पूर्वांचल का संकटमोचन धाम कहा जाता है।

स्थान की विशेषता और पहुंच मार्ग
Koilarava Hanuman Ji का मंदिर प्रकृति की गोद में, ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों और घने जंगलों के बीच बसा है। यह स्थान आध्यात्मिक शांति और भक्ति का केंद्र है। अगर आप वहां जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी:
- लतीफशाह डैम से दूरी – लगभग 18 किलोमीटर
- राजदरी-देवदरी जलप्रपात से दूरी – लगभग 12 किलोमीटर
- चंद्रप्रभा डैम से दूरी – करीब 20 किलोमीटर
- मूसाखाड़ डैम से दूरी – लगभग 25 किलोमीटर
- औरवताड डैम से दूरी – करीब 30 किलोमीटर
- वाराणसी से दूरी – करीब 75 किलोमीटर
- मुगलसराय से दूरी – करीब 54 किलोमीटर
Distance from Latifshah Dam – Approximately 18 kilometers
Distance from Rajdari-Devdari Waterfall – Approximately 12 kilometers
Distance from Chandraprabha Dam – Around 20 kilometers
Distance from Musakhand Dam – Approximately 25 kilometers
Distance from Aurvatad Dam – Around 30 kilometers
Distance from Varanasi – Around 75 kilometers
Distance from Mughalsarai – Around 54 kilometers
इन प्रमुख पर्यटन स्थलों के नजदीक स्थित Koilarava Hanuman Ji का मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि प्राकृतिक सुंदरता से भी भरपूर है।
https://youtu.be/muhHIxZU3e8?si=r_1l7LG5qCXacZGy
मंदिर की महिमा और मान्यताएं
Koilarava Hanuman Ji के संबंध में अनेक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से आता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है।
यहां हनुमान जी की मूर्ति बाल रूप में दक्षिणमुखी है। यह अपने आप में बहुत दुर्लभ है क्योंकि अधिकतर हनुमान जी की मूर्तियाँ उत्तर या पूर्व दिशा की ओर देखती हैं।
भक्तों का विश्वास है कि Koilarava Hanuman Ji की प्रतिमा स्वयंभू (स्वतः प्रकट) है और यह स्थान हजारों वर्षों से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
कोइलरवा का भव्य कार्तिक मेला
हर वर्ष Koilarava Hanuman Ji के मंदिर में कार्तिक मास की एकादशी से शुरू होकर पांच दिनों तक चलने वाला भव्य मेला आयोजित होता है। इस मेले में:
- तुलसी विवाह के आयोजन से शुरुआत होती है।
- अखंड हरिकीर्तन और श्रीरामचरितमानस पाठ का आयोजन होता है।
- हजारों श्रद्धालु मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ से आते हैं।
श्रद्धा और नियमों का महत्व
Koilarava Hanuman Ji के दर्शन करने आने वालों के लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं:
- मंदिर परिसर में रहते हुए सात्विक भोजन करें।
- मांस, मदिरा और किसी भी तरह की नशीली चीज़ों से दूर रहें।
- मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध रहकर ही मंदिर में प्रवेश करें।
- पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से दर्शन करें।
भक्तों की परंपरा: बाटी-चोखा का प्रसाद
यह परंपरा है कि Koilarava Hanuman Ji के मंदिर में मन्नत पूरी होने के बाद भक्त परिवार सहित बाटी-चोखा बनाकर भोग लगाते हैं और सभी को प्रसाद के रूप में वितरित करते हैं। यह एक प्रकार से उनकी कृतज्ञता और आभार प्रकट करने का माध्यम होता है।
Koilarava Hanuman Ji के दर्शन का विशेष अनुभव
ऐसे अनेक लोग हैं जिन्होंने Koilarava Hanuman Ji से जुड़े अद्भुत अनुभव साझा किए हैं:
- एक महिला जो वर्षों से संतानहीन थी, उसने यहां आकर संतान सुख प्राप्त किया।
- एक युवक जो नौकरी न मिलने से परेशान था, उसने यहां मन्नत मांगी और कुछ ही महीनों में सरकारी नौकरी प्राप्त की।
- एक बुजुर्ग दंपती जिनके ऊपर तंत्र-मंत्र का प्रभाव था, वह यहां आकर पूर्णतः स्वस्थ हो गए।
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📸 प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम
Koilarava Hanuman Ji का मंदिर पहाड़ों की गोद में बसा है, जिसके चारों ओर हरियाली, झरने और प्राकृतिक झीलें हैं। पास के डैम और जलप्रपात इस स्थान को पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।
- लतीफशाह डैम और चंद्रप्रभा डैम की जलधारा
- राजदरी-देवदरी जलप्रपात की गूंज
- मूसाखाड़ और औरवताड डैम का मनमोहक दृश्य
इन सबके बीच जब संकटमोचन का मंत्र गूंजता है — “जय जय जय हनुमान गोसाईं”, तो लगता है जैसे स्वयं ब्रह्मांड की शक्तियां भक्तों को आशीर्वाद दे रही हों।
🧭 Koilarava Hanuman Ji तक कैसे पहुंचे?
अगर आप बाहर से आ रहे हैं, तो:
- निकटतम रेलवे स्टेशन: चंदौली या दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन
- निकटतम हवाई अड्डा: वाराणसी (लगभग 90 किमी)
- वहां से आप टैक्सी या लोकल बस द्वारा नौगढ़ पहुंच सकते हैं और फिर गुठौली के लिए जीप या बाइक किराए पर ले सकते हैं।
बार-बार बुलाते हैं कोइलरवा हनुमान जी
एक बार जब कोई Koilarava Hanuman Ji के दरबार में आ जाता है, तो वह बार-बार यहां आने को विवश हो जाता है। यह स्थान केवल मंदिर नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र है।
यहां की हवा में श्रद्धा है, मिट्टी में विश्वास है और वातावरण में भक्ति का भाव। इस स्थान पर आकर मन को जिस शांति की अनुभूति होती है, वह कहीं और संभव नहीं।