डॉ. विवेक प्रताप सिंह ने बच्चों में भरा ‘कभी न हारने’ का जज्बा, मैदान बना मिनी ओलंपिक
Khabari News | चकिया (चंदौली)
Editor-in-Chief: K. C. Srivastava (Advocate)
23 दिसंबर 2025 की सुबह चकिया के बुढ़वल क्षेत्र में स्थित डालिम्स सनबीम स्कूल का विशाल प्रांगण किसी पर्व स्थल से कम नहीं दिख रहा था। हल्की ठंड, कोहरे की चादर और उसी के बीच रंग-बिरंगे झंडों से सजा मैदान — मानो Mini Olympics चकिया की धरती पर उतर आया हो। तालियों की गूंज, बच्चों के उत्साह और शिक्षकों की मुस्कान ने पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर दिया।
यह आयोजन सिर्फ एक Sports Day नहीं था, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास, अनुशासन, टीम भावना और संघर्षशील सोच का जीवंत प्रदर्शन था।


डॉ. विवेक प्रताप सिंह: शिक्षा को जीवन से जोड़ने वाली सोच
कार्यक्रम के केंद्र में रहे विद्यालय के प्रबंधक डॉ. विवेक प्रताप सिंह। उनका संबोधन औपचारिक भाषण नहीं, बल्कि बच्चों के लिए एक जीवन-संदेश था।
उन्होंने कहा—
“आज का समय सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है।
जो बच्चा मैदान में हारकर फिर उठना सीखता है,
वही जीवन में सच्चा विजेता बनता है।
खेल हमें दबाव में संतुलन और असफलता से सीखने की ताकत देते हैं।”
डॉ. विवेक प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया कि विद्यालय का उद्देश्य केवल अंक या डिग्री देना नहीं, बल्कि ऐसे नागरिक तैयार करना है जिनके भीतर मजबूत मानसिकता, आत्मअनुशासन और देश के प्रति जिम्मेदारी हो।
उनके शब्द ‘कभी हार मत मानो’ बच्चों के दिल में उतरते नजर आए।
मुख्य अतिथि गौरव श्रीवास्तव और अध्यक्ष डॉ. वी.पी. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम का शुभारंभ चकिया नगर पंचायत अध्यक्ष गौरव श्रीवास्तव एवं विद्यालय अध्यक्ष डॉ. वी.पी. सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
March Past के दौरान बच्चों का अनुशासन देख मुख्य अतिथि ने खुले मंच से प्रशंसा की।
गौरव श्रीवास्तव ने कहा—
“ऐसे आयोजन बच्चों को केवल खिलाड़ी नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी बनाते हैं।”
डॉ. वी.पी. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि खेल बच्चों को सामाजिक रूप से सक्रिय, भावनात्मक रूप से मजबूत और मानसिक रूप से संतुलित बनाते हैं।

ट्रैक पर रफ्तार, मैदान में जज्बा
रेस की सीटी बजते ही पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा।
100 मीटर दौड़ में
चांदनी, रिद्धि सोनकर, सौरभ यादव और सौम्या
ने अपनी रफ्तार से दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
वहीं मोहनीश, मानी और श्रेया मौर्या ने गोल्ड मेडल जीतकर यह साबित कर दिया कि मेहनत और अभ्यास कभी व्यर्थ नहीं जाते।
कबड्डी: जहाँ टीम भावना ने जीत दिलाई
कबड्डी के मैदान में सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि रणनीति और तालमेल देखने को मिला।
सीनियर गर्ल्स विजेता टीम
रिद्धि, वर्तिका, सोनाली, स्वरा, आँचल, श्वेता, आयुषी और अर्पिता
ने शानदार समन्वय के साथ खिताब अपने नाम किया।
जूनियर वर्ग (कक्षा 3–5)
विजेता टीम —
सौम्या, आकांक्षा, मनी, निष्ठा, अर्पिता, पंखुरी, दिव्यांशी, रिया और अक्षानुरी
उपविजेता —
एकांश, सिद्धार्थ और पीयूष
इन नन्हे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भविष्य के बड़े मंचों की झलक दे रहा था।

रिले रेस और फुटबॉल ने बढ़ाया रोमांच
रिले रेस में
अनिकिता, आर्या जायसवाल, प्रज्ञा, आरुषि
और
शुभम, हर्षित, सोनू, अंश
ने यह साबित किया कि जीत अकेले नहीं, टीम से मिलती है।
फुटबॉल मुकाबले में
आर्यन सिंह, आदर्श, हर्षित, सत्यम, अमन, समर त्रिपाठी और जाकिर
ने खेल भावना और रोमांच का शानदार प्रदर्शन किया।
आयोजन की सफलता के मजबूत स्तंभ
इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में
उप प्रधानाचार्य अभय त्रिपाठी
और खेल शिक्षक शरद सिंह के साथ
संजय उपाध्याय, इमरान अहमद, सोनू कुमार, मोनिका सिंह, निधि पाठक, अभिषेक, अमित और माधुरी श्रीवास्तव
की अहम भूमिका रही।

✍️ संपादकीय दृष्टिकोण
K. C. Srivastava (Advocate), Editor-in-Chief, Khabari News
“आज के डिजिटल दौर में जब बच्चे स्क्रीन तक सीमित होते जा रहे हैं, ऐसे समय में डालिम्स सनबीम स्कूल का Sports Day एक सकारात्मक और प्रेरक उदाहरण है। खेल बच्चों के चरित्र, धैर्य और सामाजिक चेतना को मजबूत करते हैं। डॉ. विवेक प्रताप सिंह द्वारा बच्चों में ‘कभी न हारने’ का संस्कार भविष्य में समाज और राष्ट्र के लिए मजबूत आधार बनेगा।”
डालिम्स सनबीम स्कूल का यह Sports Day यह संदेश देकर गया कि यहाँ बच्चे केवल पढ़ते नहीं, बल्कि जीतना, हार स्वीकार करना और आगे बढ़ना सीखते हैं।
यह आयोजन भविष्य के जिम्मेदार, आत्मविश्वासी और अनुशासित नागरिकों के निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ।chakia-dalims-sunbeam-school-sports-day-2025
