खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चकिया‚चंदौली।
उपजिलाधिकारी विनय कुमार मिश्रा, चुनाव आयोग ब्रांड एंबेसडर डॉ. परशुराम सिंह, ‘मदर टेरेसा’ डॉ. गीता शुक्ला और मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सचिव व खबरी न्यूज चीफ एडिटर K.C. श्रीवास्तव एड. ने युवाओं में जगाया लोकतांत्रिक चेतना का दीप
योगेश्वरनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय का प्रांगण मंगलवार की सुबह उस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया और खबरी न्यूज द्वारा संचालित SIR – Special Intensive Revision के अंतर्गत आयोजित विशेष मतदाता जागरूकता गोष्ठी में लोकतंत्र की नई धड़कन महसूस हुई।
न सिर्फ कॉलेज का माहौल बदला, बल्कि छात्रों के मन, समाज की सोच और भविष्य के वोटरों की दिशा भी बदलती दिखी।

इस आयोजन की सबसे विशेष बात यह रही कि मंच पर तीन ऐसे व्यक्तित्व एक साथ मौजूद थे, जिनकी पहचान ही जागरूकता, सेवा, जनहित और पारदर्शिता का प्रतीक बन चुकी है—
उपजिलाधिकारी चकिया एवं विधानसभा निर्वाचन अधिकारी श्री विनय कुमार मिश्रा,
चंदौली जिले के चुनाव आयोग कमिशन के ब्रांड एंबेसडर एवं वृक्षबंधु डॉ. परशुराम सिंह,
और सामाजिक सेवा के अद्वितीय प्रतीक, क्षेत्र की अपनी ‘मदर टेरेसा’ कही जाने वाली माता श्री डॉ. गीता शुक्ला।
इसके साथ मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया और खबरी न्यूज के द्वारा लगातार उठाई जा रही जन-जागरूकता की मशाल को संभाले हुए संगठन के सचिव और खबरी न्यूज के चीफ एडिटर, K.C. श्रीवास्तव एडवोकेट ने कार्यक्रम की पूरी आत्मा को एक नई दिशा दी।
उनकी ऊर्जावान और संवादात्मक शैली ने सभा के प्रत्येक युवा को यह महसूस कराया कि लोकतंत्र केवल अधिकार नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव और जिम्मेदारी भी है।


कार्यक्रम की शुरुआत: सरस्वती पूजन, दीप प्रज्वलन और ऊर्जा से भरी सरस्वती वंदना
महाविद्यालय के प्रांगण में स्थापित मां सरस्वती के तैल-चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
जब छात्राओं ने स्वर की पवित्रता के साथ सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, तो संपूर्ण सभागार में एक अलग ही ऊर्जा प्रवाहित हो गई।
प्राचार्य, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं, अतिथिगण—सभी के चेहरों पर यह भाव स्पष्ट दिखाई देता था कि आज का कार्यक्रम केवल एक कॉलेज इवेंट नहीं, बल्कि भविष्य के मतदाताओं की चेतना का उद्घोष बनने वाला है।



छात्राओं का प्रश्नकाल: युवा आवाज़ ने मंच को हिला दिया
इस कार्यक्रम की सबसे प्रभावशाली विशेषता रही—
छात्राओं का प्रश्नकाल।
जैसे ही माइक खुले, छात्राओं ने एक के बाद एक सवाल दाग दिए—
- वोटर लिस्ट में नाम दर्ज न होने पर क्या करें?
- फॉर्म-6 और फॉर्म-8 में क्या अंतर है?
- BLO यदि घर न आए तो प्रक्रिया कैसे आगे बढ़े?
- डिजिटल एप्लिकेशन के माध्यम से संशोधन कितने दिनों में पूरा होता है?
प्रत्येक प्रश्न में जागरूकता की प्यास थी।
और मंच पर बैठे सभी अतिथियों ने अपने-अपने अनुभव, ज्ञान और जिम्मेदारी के साथ सवालों का जवाब दिया।
महाविद्यालय की कई छात्राओं ने वहीं पर संकल्प लिया कि वे अपने मोहल्ले और गांव में जाकर कम से कम 10 लोगों को वोटर लिस्ट अपडेट कराने हेतु प्रेरित करेंगी।

उपजिलाधिकारी विनय कुमार मिश्रा का संबोधन: “मतदाता सूची लोकतंत्र की रीढ़ है”
कार्यक्रम की धुरी तब बदल गई, जब मंच पर आए
उपजिलाधिकारी चकिया एवं विधानसभा निर्वाचन अधिकारी श्री विनय कुमार मिश्रा।
उनकी वाणी में प्रशासनिक कठोरता, जिम्मेदारी और युवाओं के लिए स्नेह—तीनों झलक रहे थे।
उन्होंने कहा—
“SIR अभियान केवल वोट बढ़ाने का अभियान नहीं है।
यह लोकतंत्र को उसकी सबसे ईमानदार पहचान देने का प्रयास है।
अगर मतदाता सूची सही नहीं है, तो चुनाव भी सही नहीं हो सकता।
इसलिए आपका एक-एक नाम देश की पारदर्शिता का आधार बनता है।”
उन्होंने छात्रों को ECI के सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म,
फॉर्म-6,
फॉर्म-7,
फॉर्म-8,
और फॉर्म-8A भरने की पूरी प्रक्रिया समझाई।
उनके शब्दों में कमान की धार थी—
सटीक, सरल और प्रेरक।

डॉ. परशुराम सिंह (ब्रांड एम्बेसडर, चुनाव आयोग): “जैसे पेड़ जीवन देते हैं, वैसे जागरूक मतदाता लोकतंत्र को जीवन देते हैं”
कार्यक्रम का भावनात्मक चरम तब आया जब
चंदौली जिले के चुनाव आयोग कमीशन के ब्रांड एंबेसडर और वृक्ष बंधु डॉ. परशुराम सिंह ने मंच संभाला।
उन्होंने कहा—
“पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन नहीं देते, वह मनुष्यता को जीवित रखते हैं।
वैसे ही जागरूक मतदाता केवल वोट नहीं डालते, बल्कि देश की आत्मा को संरक्षित करते हैं।
आज यहां जो ऊर्जा देख रहा हूँ, यह चंदौली की नई पहचान बनने जा रही है।”
उनकी बातों पर सभागार गूंज उठा।
हर छात्र-छात्रा के दिल में जागरूकता की लौ जल उठी।

डॉ. गीता शुक्ला (मदर टेरेसा ऑफ चकिया): “आज जो बच्चे संकल्प ले रहे हैं, वही चंदौली का नया इतिहास लिखेंगे”
मंच पर जब आईं—
क्षेत्र की सामाजिक सेवा की मिसाल,
असहायों की आशा,
और सैकड़ों परिवारों के लिए ‘मदर टेरेसा’ बन चुकीं
माता श्री डॉ. गीता शुक्ला,
तो सभागार मौन हो गया।
उन्होंने छात्रों को भावनात्मक स्वर में कहा—
“मैंने जीवन में कभी किसी की जाति, धर्म, वर्ग नहीं देखा…
मैंने सिर्फ ज़रूरत देखी।
और आज आपकी ज़रूरत है—जागरूक बनना, दूसरों को जागरूक करना।
अगर आप एक भी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में सही दर्ज करा दें,
तो समझिए कि आपने समाज को नया जन्म दिया।”
उनकी बातों ने युवाओं की आंखों में चमक भर दी।
उनका व्यक्तित्व ही संदेश है—
सेवा ही सबसे बड़ा परिवर्तन है।

K.C. श्रीवास्तव एडवोकेट (सचिव – मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया, चीफ एडिटर – खबरी न्यूज): “अगर आप बदलेंगे… तो देश बदलेगा, और यदि आप चूकेंगे… तो लोकतंत्र भी चूक जाएगा”
कार्यक्रम का असली भावनात्मक केंद्र थे—
K.C. श्रीवास्तव एडवोकेट,
जिन्होंने न सिर्फ कार्यक्रम का संचालन किया बल्कि
पूरे आयोजन की आत्मा भी वही रहे।
अपनी तेज़, स्पष्ट, पत्रकारिता-शैली वाली आवाज़ में उन्होंने सभागार को झकझोरते हुए कहा—
“लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता नहीं…
जागरूक जनता होती है।
आप अगर आज सिर्फ अपने नाम को ठीक करा लें,
तो देश की नींव मजबूत होगी।
क्योंकि गलत मतदाता सूची देश को अंधेरे में धकेल सकती है।”
उन्होंने सभी छात्रों, शिक्षकों और सहकर्मी सदस्यों को
जागरूकता की शपथ भी दिलाई—
जिसकी गूंज सभागार से निकलकर शहाबगंज की गलियों में सुनाई देने लगी।







महाविद्यालय परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका
महाविद्यालय के प्रबंधक, प्राचार्य, प्राध्यापक—
सभी ने छात्रों को लगातार प्रेरित किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से मौजूद रहे—
रामसूचित दुबे,
कुलदीप सिंह,
डॉ. जमाल अहमद,
सरवन सिंह,
ज्ञानप्रकाश सिंह,
तथा चंद किशोर कनौजिया।
इन सभी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक व्यापक बनाया।
मीडिया ट्रस्ट ऑफ इंडिया एवं खबरी न्यूज की मजबूत टीम
जागरूकता अभियान की रीढ़ रही यह टीम—
रामयश चौबे,
अनिल द्विवेदी,
सुधांशु किशोर जायसवाल,
विनय पांडेय,
अजय उर्फ शिवजी,
ताजीमुद्दीन
तथा अन्य सदस्यों ने संगठन की जिम्मेदारी को निष्ठा से निभाया।

समापन: राष्ट्रगान की स्वर-लहरी में गूंजा संकल्प
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
छात्र खड़े थे, आँखों में गर्व,
और दिल में वह संकल्प–
जिससे लोकतंत्र की जमीन और मज़बूत होगी।
महाविद्यालय से बाहर निकलते हुए हर छात्र-छात्रा के चेहरे पर एक ही भाव था—
“अब सिर्फ वोट नहीं डालेंगे…
बल्कि हर किसी को जागरूक करेंगे।”
और यही SIR अभियान की असली सफलता है।


