



Editor-in-Chief K.C. Shrivastava (Advocate) की रिपोर्ट
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क
चकिया‚चन्दौली। शिकारगंज क्षेत्र के नौडीहा ग्राम सभा में बुधवार सुबह एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जिसने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। 18 वर्षीय विवाहिता जहाना अपने मायके में रह रही थी, और अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी पर लटकी मिली। यह खबर सुनते ही गांव में मातम छा गया और आसपास के ग्रामीणों में भारी आक्रोश और सहानुभूति की लहर दौड़ गई।
परिवार की दर्दनाक कहानी
जहाना, पिता मुहम्मदीन की सबसे छोटी बेटी थी। उनके परिवार में तीन बेटे और एक बेटी थी। वह गूंगी (बोल नहीं पाती) थी और अपनी मासूमियत और सरलता के लिए पूरे गांव में जानी जाती थी। लगभग दो साल पहले, सोनभद्र के पन्नुगंज थाना अंतर्गत बनौरा गांव निवासी मुरादु, पिता फेक्कु के यहां विवाह हुई थी।
जहाना का एक साल का छोटा बेटा भी था, जिसका नाम मुजाहिद रखा गया। छोटी उम्र में ही विवाह, एक छोटे बच्चे की जिम्मेदारी और अपने परिवार की चिंता – ये सब जहाना के लिए आसान नहीं था। परिवार के लोग बताते हैं कि जहाना हमेशा अपने बच्चे की देखभाल में लगी रहती थी और गांव के लोगों के साथ भी सरल स्वभाव के लिए जाने जाती थी।

अंतिम खोज और मौत की भयावह घटना
पिता मुहम्मदीन ने बताया कि मंगलवार शाम लगभग 7:00 बजे जहाना घर से गायब हो गई थी। पूरे परिवार ने खोजबीन की, लेकिन किसी तरह का पता नहीं चला। रात भर चिंता में बिताने के बाद, बुधवार सुबह करीब 4:00 बजे गांव के लोग एक भयावह दृश्य के सामने आ गए।
जहाना को गांव में एक आम के पेड़ से दुपट्टे के फंदे पर लटके हुए देखा गया। इस दृश्य ने सभी को झकझोर कर रख दिया। जहाना अपनी पूरी मासूमियत और भोली मुस्कान के साथ हमेशा अपने परिवार के लिए जीवन जी रही थी, और आज वह उनके बीच नहीं रही।
पुलिस का प्रारंभिक बयान
चकिया कोतवाल अर्जुन सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में यह सामने आया कि पति-पत्नी में अनबन बनी हुई थी। संभवत: इसी तनाव के चलते जहाना ने आत्महत्या का निर्णय लिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई जारी है।
गांव में मातम और भावनाओं की भारी लहर
जहाना की मौत की खबर सुनते ही गांव में मातम छा गया। परिवार के लोग, रिश्तेदार और पड़ोसी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। किसी के चेहरे पर दुख, किसी की आँखों में आँसू – इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया।
गांव के लोग बताते हैं कि जहाना हमेशा दूसरों की मदद करती थी। वह अपने बच्चे की देखभाल के साथ-साथ घर के काम में भी मदद करती थी। उसके बिना यह घर और यह गांव अधूरा सा लग रहा है।

मासूम बेटे मुजाहिद की हालत
जहाना की मौत के बाद उसका एक साल का बेटा मुजाहिद अकेला रह गया है। पिता मुहम्मदीन ने बताया कि अब उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। लेकिन एक छोटे बच्चे की जिंदगी में मां की अनुपस्थिति ने सभी को चिंतित कर दिया है।
सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत दुख नहीं है, बल्कि सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर सवाल उठाती है। युवाओं में तनाव, पारिवारिक दबाव और भावनात्मक असुरक्षा ऐसे मामलों की वजह बन सकते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समुदाय और प्रशासन को मिलकर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और पारिवारिक परामर्श की व्यवस्था करनी चाहिए।
पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी
चकिया पुलिस और स्थानीय प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि इस घटना की गहन जांच हो। फांसी जैसी स्थितियों के पीछे किसी भी तरह की सामाजिक या पारिवारिक मजबूरी, घरेलू तनाव या दबाव की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में कहा है कि यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। लेकिन Khabari News की टीम लगातार इस मामले की विशेष रिपोर्टिंग कर रही है और हर पहलू से खबर लाने का प्रयास करेगी।
Khabari News की नजर में यह घटना
यह केवल एक परिवार का दुःख नहीं, बल्कि पूरे समाज को झकझोरने वाला संदेश है। छोटे बच्चों और युवाओं की मानसिक सुरक्षा और परिवार में संवाद की अहमियत इस दुखद कहानी में साफ दिखाई देती है।
हम Khabari News के तौर पर परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ प्रकट करते हैं और प्रशासन से अपील करते हैं कि ऐसे मामलों की जांच-परख और रोकथाम पर विशेष ध्यान दें।
निष्कर्ष
जहाना की मौत ने नौडीहा, शिकारगंज को झकझोर कर रख दिया है। परिवार, गांव और प्रशासन सभी के लिए यह एक चेतावनी और गंभीर चुनौती है। हमें इस दर्दनाक घटना से सीख लेकर सामाजिक, मानसिक और पारिवारिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
Khabari News इस मामले की गहन रिपोर्टिंग करता रहेगा और हर अपडेट आपके पास लाता रहेगा।



