⏰ नर्सरी से कक्षा 08 तक सभी स्कूलों का समय बदला
📢 आदेश तत्काल प्रभाव से लागू
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क चंदौली।
जनपद में ठंड अब केवल मौसम नहीं, आपदा का रूप ले चुकी है। गिरता तापमान, घना कोहरा और बर्फीली हवाओं ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे ज्यादा असर पड़ा है नन्हे-मुन्ने स्कूली बच्चों पर, जिन्हें सुबह-सुबह ठिठुरते हुए विद्यालय जाना पड़ रहा था।
इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने जनहित में बड़ा, साहसिक और संवेदनशील निर्णय लेते हुए विद्यालयों के समय में परिवर्तन का आदेश जारी कर दिया है।

📅 आदेश की आधिकारिक घोषणा
दिनांक 18 दिसम्बर 2025 को
जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग के निर्देशानुसार
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने आदेश जारी करते हुए बताया कि—
👉 शीत लहर के बढ़ते प्रकोप
👉 तापमान में अत्यधिक गिरावट
👉 बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव
को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है।

🏫 किन-किन विद्यालयों पर लागू होगा आदेश?
यह आदेश जनपद के—
✔️ बेसिक शिक्षा परिषद के समस्त विद्यालय
✔️ अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय
✔️ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय
✔️ समस्त बोर्ड के सरकारी एवं गैर-सरकारी विद्यालय
में नर्सरी से कक्षा 08 तक की कक्षाओं पर लागू होगा।
⏰ नया विद्यालय समय
📌 दिनांक 19.12.2026 से अग्रिम आदेश तक
🕙 प्रातः 10:00 बजे से
🕒 अपरान्ह 03:00 बजे तक
विद्यालय संचालित किए जाएंगे।
प्रधानाध्यापकों को सख्त निर्देश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि—
“समस्त प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य यह सुनिश्चित करें कि आदेश का कड़ाई से अनुपालन हो। किसी भी प्रकार की लापरवाही या उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
यह संदेश साफ है कि यह आदेश केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर लागू किया जाने वाला निर्णय है।

🌡️ हालात क्यों बने गंभीर?
पिछले कई दिनों से—
- तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे
- सुबह 6 से 9 बजे तक घना कोहरा
- ग्रामीण इलाकों में शीत लहर का सीधा असर
- बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार और निमोनिया का खतरा
लगातार सामने आ रहा था। कई अभिभावक मजबूरी में बच्चों को ठंड में स्कूल भेज रहे थे।
👨👩👧👦 अभिभावकों में राहत की सांस
इस आदेश के बाद अभिभावकों में राहत साफ नजर आ रही है। लोगों का कहना है—
🗣️ “अब बच्चों को अंधेरे और ठंड में नहीं भेजना पड़ेगा।”
🗣️ “प्रशासन ने सही समय पर सही फैसला लिया।”
🗣️ “यह फैसला बच्चों की जान बचाने वाला है।”
Editor-in-Chief खबरी न्यूज़ का बड़ा बयान
🖋️ खबरी न्यूज़ के Editor-in-Chief एवं वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव ने इस आदेश का खुलकर स्वागत करते हुए इसे संविधान सम्मत, मानवीय और कानूनन आवश्यक निर्णय बताया।
एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव ने कहा—
“शीत लहर के इस भयावह दौर में बच्चों को सुबह-सुबह घर से निकालना उनके स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार पर सीधा हमला था। जिलाधिकारी द्वारा लिया गया यह फैसला केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना से जुड़ा निर्णय है।”
उन्होंने आगे कहा—
“भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जीवन और स्वास्थ्य का अधिकार देता है। बच्चों के मामले में यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ऐसे हालात में विद्यालय समय परिवर्तन एक अनिवार्य कदम था।”
🚨 उल्लंघन पर चेतावनी
Editor-in-Chief एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव ने विद्यालय प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा—
“अभिभावक सजग रहें। यदि कहीं आदेश का उल्लंघन हो रहा है तो उसकी सूचना तत्काल प्रशासन और मीडिया को दें।”
🗣️ खबरी न्यूज़ की स्पष्ट राय
खबरी न्यूज़ का मानना है कि—
✔️ शिक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन जीवन उससे कहीं अधिक
✔️ प्रशासन का यह फैसला समय की मांग था
✔️ अब जरूरत है सख्त निगरानी और पूर्ण अनुपालन की
सिर्फ आदेश जारी करना ही नहीं, बल्कि उसे धरातल पर लागू करना असली परीक्षा है।
✍️ शीत लहर के बीच लिया गया यह फैसला बताता है कि जब प्रशासन, कानून और मीडिया एक ही दिशा में सोचते हैं, तो जनहित सुरक्षित होता है।
बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं।
और इस बार प्रशासन ने यही संदेश पूरे जनपद को दिया है।
📍 खबरी न्यूज़ | जनहित की आवाज़
Editor-in-Chief: एडवोकेट के.सी. श्रीवास्तव


