

- सरकार का फोकस – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास
- S.R.V.S. महिला महाविद्यालय में बाबा साहब पर संगोष्ठी का आयोजन
- मंत्री अनिल राजभर का प्रेरणादायक संबोधन।
Dr. Bhim Rao Ambedakar
खबरी न्यूज़ नेशनल नेटवर्क
चंदौली। Dr. Bhim Rao Ambedakar का जीवन प्रेरणा है—शिक्षा, संघर्ष और समर्पण का संगम।”
ये शब्द थे उत्तर प्रदेश शासन के श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय मंत्री अनिल राजभर के, जो चंदौली में आयोजित बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।


राजनीतिक संदेश के साथ सामाजिक चेतना
एस.आर.वी.एस. महिला महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित इस संगोष्ठी में मंत्री श्री राजभर ने बाबा साहब की जीवन यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा:
“Dr. Bhim Rao Ambedakar सिर्फ संविधान निर्माता नहीं थे, वे सामाजिक न्याय और समानता के सशक्त प्रतीक थे।”
उन्होंने कहा कि सरकार उनके सिद्धांतों को ज़मीन पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने खास तौर पर श्रमिकों, युवाओं, महिलाओं और वंचित वर्गों के लिए चलाई जा रही राज्य सरकार की योजनाओं को रेखांकित किया।
राजनीतिक प्रतिनिधियों की एकजुटता
इस कार्यक्रम में विधायक सैय्यदराजा सुशील सिंह, विधायक मुगलसराय रमेश जायसवाल, विधायक चकिया कैलाश आचार्य और अध्यक्ष काशीनाथ सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि शामिल रहे। सभी ने बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करने और युवाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करने की बात कही।
युवाओं के लिए संदेश
विधायकों और मंत्रियों ने मंच से युवाओं को आह्वान किया कि –
“शिक्षा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाएं, और समाज में समरसता व परिवर्तन की मशाल खुद थामें।”
जनभागीदारी और संकल्प
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और स्थानीय लोगों की भी भागीदारी रही। संगोष्ठी का समापन बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करने और समाज में समानता और जागरूकता फैलाने के संकल्प के साथ हुआ।
Dr. Bhim Rao Ambedakar पर आधारित यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता और न्याय के नए विमर्श की दस्तक है। मा. अनिल राजभर द्वारा दिया गया संदेश इस बात का प्रमाण है कि सरकार डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को केवल मंच पर नहीं, बल्कि योजनाओं और नीति में भी जीवंत रखना चाहती है।
