Jyothy Labs Story: आज हम आपको एक ऐसे बिज़नेस की कहानी बताने जा रहे हैं, जिससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। यह कहानी है उजाला नील की। उजाला नील भारत का सबसे लोकप्रिय नीला रंग का साबुन है। इसका इस्तेमाल लगभग हर घर में होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उजाला नील बनने के पीछे एक बहुत ही प्रेरणादायक कहानी छिपी है?
आज के इस लेख में हम उजाला नील बनाने वाली कंपनी Jyothy Labs Story के बारे में जानेंगे और इनके फाउंडर एम.पी. रामचंद्रन जी के बारे में जानेंगे कि कैसे उन्होंने इस कंपनी को शुरू किया और आज इतनी बड़ी करोड़ों की कंपनी बना दी |
Jyothy Labs का Idea कैसे आया?
एम.पी. रामचंद्रन भारत के केरल राज्य के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद अकाउंटेंट के रूप में जॉब करना शुरू किया था। लेकिन बचपन से ही उनका सपना था कि अपना खुद का बिज़नेस करें। और बिज़नेस में कुछ नया, लोगो से हटकर कुछ लाना चाहते थे।
एक दिन रामचंद्रन अपने घर में बैठे हुए थे। तभी उन्हें एक विचार आया कि मार्केट में अभी तक कोई भी कपड़ों के लिए अच्छा व्हाइटनर नहीं है। क्यों ना मैं एक नया व्हाइटनर बनाऊँ जिससे कपड़े अच्छे तरीके से धुल सकें और इसी से मैं अपना एक बिज़नेस भी शुरू करूँ।
इस विचार के साथ ही रामचंद्रन ने अपने किचन से ही व्हाइटनर बनाने का सफर शुरू कर दिया। व्हाइटनर बनाते समय उन्हें कई बार असफलता मिली। लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। कुछ सालों की मेहनत के बाद उन्हें एक ऐसा फार्मूला मिल गया जिससे मार्केट में एक नया व्हाइटनर लाया जा सकता था।
रामचंद्रन ने अपने नए व्हाइटनर को “ज्योति” नाम दिया। उन्होंने अपने व्हाइटनर को मार्केट में लाने के लिए एक कंपनी बनाई जिसका नाम उन्होंने “ज्योति लैब्स” रखा। ज्योति व्हाइटनर मार्केट में आते ही लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ। ज्योति लैब्स भारत की सबसे बड़ी होम केमिकल कंपनी बन गई।
Jyoti Labs: ₹5000 से ₹14,000 करोड़ का सफर
केरल के त्रिशूर में जन्मे एमपी रामचंद्रन एक सफल अकाउंटेंट थे। लेकिन उन्हें हमेशा से अपने खुद के बिजनेस करने का सपना था। 1983 में, उन्होंने अपने भाई से 5,000 रुपये उधार लेकर केरल में एक छोटी सी कंपनी शुरू की। कंपनी का नाम उन्होंने अपनी बेटी ज्योति के नाम पर रखा, जिसे आज हम ज्योति लैब्स के नाम से जानते हैं।
रामचंद्रन हमेशा से अपने कपड़े खुद धोते थे। उन्हें लगता था कि बाजार में उपलब्ध फैब्रिक व्हाइटनर से कपड़ों को पूरी तरह से सफेद नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने तजुर्बे और फॉर्मूले की मदद से एक नया फैब्रिक व्हाइटनर बनाया, जिसका नाम उन्होंने “उजाला सुप्रीम” रखा।
उजाला सुप्रीम बाजार में आते ही एक हिट हो गया। रामचंद्रन की मेहनत और लगन से ज्योति लैब्स एक सफल कंपनी बन गई। आज, ज्योति लैब्स भारत की सबसे बड़ी होम केयर उत्पादों की कंपनियों में से एक है। कंपनी का सालाना कारोबार 14,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
घर-घर जाकर बेचे थे प्रोडक्ट
ज्योति लैब्स की शुरुआत 1982 में हुई थी। कंपनी के संस्थापक रामचंद्रन थे। शुरुआत में कंपनी में सिर्फ 6 लोग थे। इन 6 लोगों ने मिलकर कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की।कंपनी ने 1984 में उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक व्हाइटनर लॉन्च किया। इस प्रोडक्ट को लॉन्च करने के बाद कंपनी ने इसे घर-घर जाकर बेचना शुरू किया।
उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक व्हाइटनर एक बेहतरीन प्रोडक्ट था। यह कपड़ों को सफेद और चमकदार बनाता था। इसलिए लोगों ने इस प्रोडक्ट को बहुत पसंद किया।कुछ समय बाद उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक व्हाइटनर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुका था। लोग इसे खुद ही खरीदने लगे थे।
उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक व्हाइटनर ने ज्योति लैब्स को सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया। इस प्रोडक्ट की सफलता के बाद कंपनी ने कई अन्य प्रोडक्ट्स भी लॉन्च किए।
आज बन चुकी हैं 14000 करोड़ की कंपनी
“उजाला” ने बाजार में धूम मचा दी। यह उत्पाद बहुत जल्दी लोकप्रिय हो गया। ज्योति लेबोरटरीज ने भारत में लिक्विड फैब्रिक इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन गया।
रामचंद्रन की मेहनत और लगन के कारण ज्योति लेबोरटरीज आज एक 14,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है। कंपनी का मुख्यालय भारत के चेन्नई में स्थित है। ज्योति लेबोरटरीज भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी अपने उत्पाद बेचती है। रामचंद्रन ने आज भी कंपनी में चेयरमैन की पोजीशन बरकरार रखी है और उनकी बेटी मोठेदाथ ज्योति कंपनी की CEO हैं।
Jyothy Labs Story Overview
Article Title | Jyothy Labs Story |
Startup Name | Jyothy Labs Limited |
Founder | Moothedath Panjan Ramachandran |
Homeplace | Kerala, India |
CEO (2023) | Moothedath Jyothy |
Official Website | https://jyothylabs.com/ |
Jyothy Labs Story Interview
निष्कर्ष – रामचंद्रन की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने एक छोटे से सपने को हकीकत में बदल दिया और एक सफल उद्यमी बनकर देश का नाम रोशन किया।
हम उम्मीद करते की इस पोस्ट से आपको Jyothy Labs Story के बारे मे पूरी जानकारी मिल गई होगी | यह आपको पोस्ट पसंद आया तो आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करे ताकि वह Jyothy Labs Story के बारे में जानकारी पा सके। ऐसे ही ओर भी Startups और बिज़नेस की कहानियां पढ़ने के लिए हमारे ‘Business’ पेज पर जरूर जाए।
Jyothy Labs Story FAQ
ज्योति लैब्स की शुरुआत कब हुई थी?
ज्योति लैब्स की शुरुआत 1982 में हुई थी
ज्योति लैब्स कंपनी के संस्थापक कौन थे ?
ज्योति लैब्स कंपनी के संस्थापक रामचंद्रन थे
कितने करोड़ की ज्योति लैब्स कंपनी बन चुकी हैं ?
रामचंद्रन की मेहनत और लगन के कारण ज्योति लेबोरटरीज आज एक 14,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है।
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