महिला आयोग सदस्य के दौरे के बाद चन्दौली कोतवाली में तीन घंटे तक बवाल
“पुलिस मुर्दाबाद” के नारे, धक्का-मुक्की, सरकारी संपत्ति को नुकसान
CCTV बना गवाह, गिरफ्तारी तय – पुलिस का सख्त ऐलान
चन्दौली।
बुधवार की वह रात… जब कानून की चौखट पर कानून को ही चुनौती दे दी गई।
जब एक कोतवाली, जो आम आदमी के लिए न्याय का आखिरी दरवाज़ा होती है, वही तीन घंटे तक अराजक भीड़ के कब्जे में रही।
जब “पुलिस मुर्दाबाद” के नारे गूंजे, वर्दी से हाथापाई हुई, और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचा।
यह कोई फिल्मी दृश्य नहीं था।
यह चन्दौली कोतवाली की हकीकत थी।
राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता श्रीवास्तव के जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दौरान उपजा विवाद, रात होते-होते एक भीषण प्रशासनिक संकट में तब्दील हो गया।
महिला आयोग का दौरा… और वहीं से सुलगती चिंगारी
17 दिसंबर की शाम।
महिला आयोग सदस्य सुनीता श्रीवास्तव कस्तूरबा बालिका विद्यालय के निरीक्षण के बाद सूचना पर केजी नंदा अस्पताल पहुँचीं।
अस्पताल परिसर में पहले से बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।
शिकायतें थीं, सवाल थे, आक्रोश था।
आयोग सदस्य महिलाओं की समस्याएं सुन ही रही थीं कि माहौल अचानक गर्म हो गया।
बात-बात में आवाज़ें ऊँची होने लगीं, आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए और देखते ही देखते मामला अस्पताल की चारदीवारी से बाहर निकल गया।
अस्पताल से कोतवाली तक… भीड़ का उग्र मार्च
कुछ ही देर में केजी नंदा अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोग –
आयुष चिकित्सक एवं संचालक डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में
करीब 150 महिला-पुरुषों की भीड़ को साथ लेकर सीधे कोतवाली चन्दौली जा पहुँचे।
रात करीब आठ बजे।
कोतवाली परिसर में अचानक भारी भीड़ का प्रवेश।
न कोई अनुमति, न कोई संयम।
“पुलिस मुर्दाबाद”… वर्दी से धक्का-मुक्की
पुलिस के अनुसार, भीड़ ने थाना परिसर में घुसते ही
– “पुलिस मुर्दाबाद”
– “थाना प्रशासन मुर्दाबाद”
जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए।
लोक सेवकों से धक्का-मुक्की हुई।
अभद्र भाषा का खुला प्रयोग किया गया।
महिला पुलिसकर्मियों तक को नहीं बख्शा गया।
सूत्रों की मानें तो इस दौरान
सीओ और कोतवाल से भी हाथापाई की स्थिति बन गई थी।
हालांकि पुलिस ने हालात बिगड़ने से पहले मोर्चा संभाल लिया।
सरकारी संपत्ति को नुकसान, कोतवाली ठप
हंगामे के दौरान
थाना परिसर में मौजूद सरकारी संपत्ति को क्षति पहुँचाने का भी आरोप है।
तीन घंटे तक –
✔ फरियादियों का काम रुका रहा
✔ कोतवाली का नियमित कार्य ठप रहा
✔ कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई
यह कोई सामान्य हंगामा नहीं था,
यह राज्य की कानून व्यवस्था को खुली चुनौती थी।
CCTV में कैद हुआ पूरा सच
भीड़ शायद यह भूल गई थी कि
कोतवाली में हर कोना CCTV की नजर में है।
सरकारी कैमरों में
– नारेबाजी
– धक्का-मुक्की
– भीड़ की आक्रामक गतिविधियाँ
सब कुछ रिकॉर्ड हो गया।
यही फुटेज अब
सबसे बड़ा सबूत बनकर आरोपियों के खिलाफ खड़ा है।
पुलिस का पलटवार – दर्ज हुआ बड़ा मुकदमा
घटना की गंभीरता को देखते हुए
पुलिस ने पूरे मामले की जांच के बाद
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 के तहत
कुल 9 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
13 नामजद, 150 अज्ञात – कौन-कौन शामिल
पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे में
13 नामजद आरोपी हैं, जिनमें प्रमुख रूप से –
- डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी (आयुष चिकित्सक, केजी नंदा अस्पताल)
- भुलाई तिवारी
- अमन तिवारी
- प्रदीप मिश्रा
- अजीत कुमार पांडेय
- सतीश मिश्रा
- सतेंद्र यादव
- छोटू प्रजापति
- मिंटू पांडेय
- वीर यादव
- प्रमोद (ड्राइवर)
सहित अन्य शामिल हैं।
इसके अलावा
करीब 150 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
इन 9 धाराओं में होगी गिरफ्तारी
पुलिस ने जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, वे हैं –
✔ गैरकानूनी जमाव
✔ लोक सेवक के कर्तव्य में बाधा
✔ लोक सेवक पर हमला
✔ बल प्रयोग
✔ सरकारी संपत्ति को नुकसान
✔ शांति भंग करने का प्रयास
✔ सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करना
(सभी धाराएं BNS 2023 के तहत)
इन सभी धाराओं में
गिरफ्तारी का स्पष्ट प्रावधान है।
सीओ का सख्त बयान – “दोषी नहीं बचेंगे”
घटना वाले दिन ही
क्षेत्राधिकारी (सीओ) ने स्पष्ट शब्दों में कहा था –
“कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
चाहे कोई भी हो, दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।”
अब CCTV फुटेज सामने आने के बाद
पुलिस की कार्रवाई और तेज हो गई है।
पहचान जारी, जल्द होगी गिरफ्तारी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार –
✔ CCTV फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है
✔ अज्ञात आरोपियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है
✔ जल्द ही ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां होंगी
स्पष्ट संकेत है कि
यह मामला अब आर-पार की लड़ाई में बदल चुका है।
सवाल जो सिस्टम से पूछे जा रहे हैं
– क्या किसी भीड़ को कोतवाली में घुसकर हंगामा करने का अधिकार है?
– क्या महिला आयोग के दौरे की आड़ में कानून को बंधक बनाया जा सकता है?
– क्या “पुलिस मुर्दाबाद” के नारे लगाकर व्यवस्था को डराया जा सकता है?
उत्तर एक ही है – नहीं।
खबरी न्यूज की स्पष्ट राय
चन्दौली की यह घटना
सिर्फ एक हंगामा नहीं,
बल्कि कानून व्यवस्था की अग्निपरीक्षा है।
यदि ऐसे मामलों में
सख्त और त्वरित कार्रवाई नहीं हुई,
तो अराजक तत्वों के हौसले और बुलंद होंगे।
लेकिन इस बार संकेत साफ हैं –
✔ पुलिस पीछे हटने वाली नहीं
✔ कानून अपना काम करेगा
✔ दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे जाना ही होगा
खबरी न्यूज नजर रखे हुए है।
हर गिरफ्तारी, हर कार्रवाई, हर अपडेट –
सबसे पहले, सबसे सटीक।
यह सिर्फ खबर नहीं… यह कानून की लड़ाई है।
