

E Riksha Challan: चन्दौली में ई-रिक्शा पर बड़ी कार्रवाई!”184 अवैध ई-रिक्शा चालान, 50 जब्त |सख्ती।
बिना लाइसेंस वालों को नहीं मिलेगा पंजीकरण
खबरी न्यूज़ नेटवर्क
01 अप्रैल से चल रहे विशेष अभियान में बड़ी संख्या में नाबालिग चालक और बिना वैध कागजों वाले ई-रिक्शा पकड़े गए | 12 लाख रुपये की वसूली का अनुमान | नए पंजीकरण के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य किया गया
चंदौली।
विशेष रिपोर्ट | खबरी न्यूज़| चन्दौली से
(EXCLUSIVE BY Khabari News)
चन्दौली जनपद में अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा के खिलाफ एक बड़े और निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 23 मार्च 2025 को सम्पन्न उच्चस्तरीय बैठक में ई-रिक्शा के अव्यवस्थित संचालन और उससे उत्पन्न हो रहे कानून-व्यवस्था के संकट को गंभीरता से लिया गया। उसी के निर्देश पर परिवहन विभाग चन्दौली ने 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया है, जिसके तहत अब तक कुल 184 ई-रिक्शा का चालान और 50 ई-रिक्शा को थानों में बंद किया जा चुका है।
सड़क पर अनियंत्रित हो चुके थे ई-रिक्शा
जनपद के प्रमुख क्षेत्र – मुगलसराय, रामनगर और चन्दौली शहर में ई-रिक्शा की संख्या तो बढ़ी, लेकिन उनके संचालन में नियमों की घोर अनदेखी हो रही थी। सबसे चिंताजनक बात यह सामने आई कि बड़ी संख्या में ई-रिक्शा नाबालिग लड़कों द्वारा चलाए जा रहे थे, जिनके पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस था और न ही कोई प्रशिक्षण। यही नहीं, कई वाहन बिना फिटनेस, बीमा, परमिट और रजिस्ट्रेशन के भी सड़कों पर दौड़ रहे थे।
184 चालान, 50 वाहन जब्त, 12 लाख की संभावित वसूली
परिवहन विभाग ने जारी आंकड़ों के अनुसार, 16 अप्रैल 2025 तक कुल 184 ई-रिक्शा वाहनों का चालान किया गया। इनमें से कई चालान बिना फिटनेस, बिना बीमा और बिना वैध कागजात के चलने वाले वाहनों पर किए गए। इसके साथ ही 50 ई-रिक्शा को जब्त कर स्थानीय थानों में निरूद्ध किया गया, जिन्हें अब विधिक प्रक्रिया के बाद ही छोड़ा जाएगा।
इन कार्रवाईयों से कुल लगभग 12 लाख रुपये का प्रशमन शुल्क (penalty amount) सरकार को प्राप्त होने की संभावना है, जिससे एक ओर शासन को आर्थिक संबल मिलेगा तो वहीं दूसरी ओर लोगों को एक मजबूत संदेश भी गया है।


फैक्ट्री निर्मित नहीं, फिर भी बिक रहे थे ई-रिक्शा
एक और गंभीर समस्या यह पाई गई कि कई विक्रेता ऐसे ई-रिक्शा बेच रहे थे जो फैक्ट्री में नहीं बने थे, बल्कि उन्हें स्थानीय स्तर पर जोड़-तोड़ कर तैयार किया गया था। इन वाहनों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान है और ये न तो रोड सेफ्टी के मानकों पर खरे उतरते हैं, न ही यात्री सुरक्षा की गारंटी दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुआ एक्शन
23 मार्च को हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त लहजे में कहा था कि “सड़क सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अवैध ई-रिक्शा पर तत्काल कार्रवाई हो और हर जिले में प्रवर्तन टीम सक्रिय की जाए।” चन्दौली प्रशासन ने इस निर्देश का तत्काल अनुपालन करते हुए सघन जांच अभियान शुरू किया और उसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आ रहे हैं।
जनता को मिल रही राहत, यातायात हुआ सुगम
चन्दौली की आम जनता, खासकर स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों और व्यापारियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि पहले ई-रिक्शा वाले मनमाने ढंग से कहीं भी गाड़ी रोक देते थे जिससे जाम, एक्सीडेंट और ट्रैफिक अव्यवस्था आम हो गई थी। लेकिन अब जब बिना कागजात वाले वाहन हटाए जा रहे हैं, तो यातायात पहले से कहीं अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित नजर आ रहा है।
नए ई-रिक्शा पंजीकरण पर सख्ती: ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य
परिवहन विभाग ने सिर्फ मौजूदा ई-रिक्शा ही नहीं, बल्कि नए पंजीकरण को लेकर भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब कोई भी व्यक्ति बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के ई-रिक्शा पंजीकरण नहीं करा सकेगा। यह निर्णय इसलिए आवश्यक समझा गया क्योंकि बहुत से लोग केवल गाड़ी खरीदकर बिना किसी जिम्मेदारी के उसे नाबालिग या अनट्रेंड ड्राइवर के हवाले कर देते थे।
इस नए नियम से यह सुनिश्चित होगा कि केवल प्रशिक्षित, जिम्मेदार और नियमों का पालन करने वाले ड्राइवर ही ई-रिक्शा चला सकें।
स्थानीय व्यापारियों को चेतावनी
ई-रिक्शा विक्रेताओं को भी निर्देशित किया गया है कि वे केवल फैक्ट्री में बने, प्रमाणित और वैध ई-रिक्शा ही बेचें। यदि कोई विक्रेता अवैध, जोड़-तोड़ वाले या अनधिकृत मॉडल बेचते हुए पाया गया तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन विभाग द्वारा व्यापारियों को लिखित निर्देश जारी कर दिए गए हैं और साथ ही नियमित निरीक्षण का क्रम भी शुरू कर दिया गया है।
सुरक्षा के साथ रोजगार संतुलन की पहल
यह भी ध्यान देने योग्य है कि ई-रिक्शा कई लोगों के लिए रोजगार का मुख्य साधन है। इसलिए सरकार की मंशा उन लोगों के खिलाफ नहीं है जो नियमों के दायरे में रहकर काम कर रहे हैं। बल्कि यह कार्रवाई सिर्फ उन लोगों के विरुद्ध है जो सुरक्षा, कानून और व्यवस्था की अनदेखी कर रहे हैं।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि वैध कागजात, लाइसेंस और फिटनेस प्रमाणपत्र रखने वाले चालकों को पूरी छूट और सहयोग मिलेगा।
परिवहन विभाग की अपील
चन्दौली परिवहन कार्यालय की ओर से आम जनता और ई-रिक्शा चालकों से अपील की गई है कि –
- ई-रिक्शा के सभी वैध दस्तावेज तैयार रखें।
- नाबालिगों को वाहन न चलाने दें।
- बिना बीमा और फिटनेस के वाहन न चलाएं।
- वाहन खरीदने से पहले उसके प्रमाणपत्र और निर्माण फैक्ट्री की जानकारी लें।
- नए पंजीकरण हेतु लाइसेंस बनवाएं और प्रशिक्षण प्राप्त करें।
बहाली की ओर एक ठोस कदम
ई-रिक्शा एक सुलभ, सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल यातायात का साधन है, लेकिन इसके अनियंत्रित संचालन ने कानून-व्यवस्था के साथ-साथ सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर दिया था। चन्दौली में परिवहन विभाग की यह सक्रियता न केवल एक उदाहरण है, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों के लिए एक मॉडल एक्शन प्लान के रूप में भी देखा जा सकता है।
खबरी न्यूज़ इस अभियान को एक सकारात्मक पहल मानते हुए यह उम्मीद करता है कि आने वाले दिनों में परिवहन व्यवस्था और अधिक अनुशासित, सुरक्षित और जनहितैषी बनकर उभरेगी।
