एनडीआरएफ के साथ नागरिक सुरक्षा वार्डनों का ‘रियल लाइफ रेस्क्यू’ अभ्यास**
चंदौली में आपदा से पहले सुरक्षा की तैयारी, चौथे दिन दिखा जज़्बा, जुनून और ज़िम्मेदारी

चंदौली | खबरी न्यूज
आपदा कभी दरवाज़ा खटखटा कर नहीं आती। वह अचानक आती है—मलबा बनकर, चीखें बनकर, धूल और अंधेरे के बीच उम्मीद की आखिरी सांस बनकर। ऐसे में अगर कोई हाथ आगे बढ़ता है, तो वही हाथ “नागरिक सुरक्षा” का होता है।
और जब उसी हाथ को देश की सबसे प्रशिक्षित आपदा बल एनडीआरएफ की ताकत मिल जाए, तो बचाव सिर्फ प्रक्रिया नहीं, बल्कि मिशन बन जाता है।
जनपद चंदौली के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में चल रहे भारत सरकार द्वारा प्रायोजित नागरिक सुरक्षा क्षमता निर्माण प्रशिक्षण के चतुर्थ दिन कुछ ऐसा ही देखने को मिला—जहां हर वार्डन और स्वयंसेवक ने यह महसूस किया कि आपदा के वक्त वह सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि फर्स्ट रिस्पॉन्डर है।

अपर जिलाधिकारी के दिशा-निर्देशन में सशक्त होती नागरिक सुरक्षा
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) प्रभारी नागरिक सुरक्षा के स्पष्ट दिशा-निर्देशन में संचालित हो रहा है। उद्देश्य बिल्कुल साफ है—
👉 आपदा आने से पहले तैयारी
👉 हर वार्डन को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना
👉 हर स्वयंसेवक को ज़िंदगी बचाने लायक प्रशिक्षित करना
चौथे दिन का प्रशिक्षण विशेष रूप से भवन ध्वस्तीकरण (Collapsed Structure Rescue) जैसे गंभीर और जटिल विषय पर केंद्रित रहा, जहां एक छोटी सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है।
11वीं बटालियन एनडीआरएफ ने सिखाया – मलबे के नीचे ज़िंदगी कैसे खोजी जाती है
प्रशिक्षण का संचालन एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन की विशेषज्ञ टीम द्वारा किया गया। यह कोई किताबों का ज्ञान नहीं था, बल्कि ग्राउंड रियलिटी का पाठ था।
एनडीआरएफ टीम ने वार्डनों और स्वयंसेवकों को विस्तार से बताया—

🔹 भवन ध्वस्त होने के प्रकार
- आंशिक ध्वस्तीकरण
- पूर्ण ध्वस्तीकरण
- प्रोग्रेसिव कॉलैप्स
- पैनकेक और वी-शेप कॉलैप्स
🔹 ध्वस्त भवन का प्रारंभिक सर्वेक्षण
- खतरे की पहचान
- सेकेंडरी कॉलैप्स की संभावना
- पीड़ितों की संभावित स्थिति
- संरचनात्मक स्थिरता का आंकलन
🔹 सुरक्षित बचाव के तरीके
- बिना उपकरण और उपकरणों के साथ बचाव
- प्राथमिक मार्ग और वैकल्पिक मार्ग
- पीड़ितों से संपर्क के संकेत
- टीम को सुरक्षित रखते हुए ऑपरेशन
🔹 बचाव उपकरणों का उपयोग
- जैक और क्रिबिंग सिस्टम
- कटर, स्प्रेडर
- सर्च कैमरा
- रस्सी और सुरक्षा हार्नेस
🔹 भवन में प्रवेश के समय सावधानियां
- PPE का अनिवार्य प्रयोग
- गैस, बिजली और आग के जोखिम
- संकरे रास्तों में मूवमेंट
- संचार व्यवस्था का महत्व
हर बिंदु पर एनडीआरएफ के प्रशिक्षकों ने उदाहरण, अनुभव और वास्तविक घटनाओं का ज़िक्र करते हुए प्रशिक्षण को जीवंत बना दिया।

प्रशिक्षण का शुभारंभ: जिम्मेदारी की शपथ
प्रशिक्षण सत्र का विधिवत शुभारंभ वरिष्ठ सहायक सहायक उप नियंत्रक योगेश कुमार श्रीवास्तव,
नागरिक सुरक्षा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर द्वारा किया गया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा—
“आपदा में सबसे पहले वही खड़ा होता है, जिसे पहले तैयार किया गया हो। नागरिक सुरक्षा का हर वार्डन और स्वयंसेवक समाज की आखिरी उम्मीद होता है।”
उनके शब्दों में प्रशासनिक स्पष्टता के साथ मानवीय संवेदना भी झलक रही थी।
टीमवर्क की ताकत: मास्टर ट्रेनर्स और वार्डनों का योगदान
इस प्रशिक्षण को सफल बनाने में कई अनुभवी हाथों ने मिलकर काम किया—
- राजीव कुमार, वरिष्ठ सहायक नागरिक सुरक्षा
- प्रवीण कुमार यादव, मास्टर ट्रेनर
- आशीष कुमार, सेक्टर वार्डन
- नंदकुमार
- रघुवीर
- बलजीत शर्मा
इन सभी ने प्रशिक्षण के दौरान वार्डनों और स्वयंसेवकों को न सिर्फ तकनीकी जानकारी दी, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी तैयार किया कि आपदा के समय डर नहीं, डिसिप्लिन काम आता है।
चीफ वार्डन का भावुक संदेश: ‘आप हमारे रक्षक हैं’
कार्यक्रम के अंत में चीफ वार्डन राजीव गुप्ता ने 11वीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम का हृदय से आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा—
“आज जो प्रशिक्षण आपने दिया है, वही कल किसी की ज़िंदगी बचाएगा। नागरिक सुरक्षा के वार्डन और स्वयंसेवक आपके अनुभव से समृद्ध हुए हैं।”
उनके शब्दों में सम्मान भी था, और यह भरोसा भी कि चंदौली की नागरिक सुरक्षा अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है।
क्यों अहम है यह प्रशिक्षण?
चंदौली जैसे जिले में—
- भूकंप की संभावना
- पुराने भवन
- घनी आबादी
- औद्योगिक और रेलवे गतिविधियां
ऐसे में भवन ध्वस्तीकरण से जुड़ी आपदाएं किसी भी समय चुनौती बन सकती हैं। यह प्रशिक्षण उसी चुनौती से निपटने की तैयारी है।
खबरी न्यूज का विश्लेषण
यह प्रशिक्षण केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की ठोस पहल है।
एनडीआरएफ और नागरिक सुरक्षा का यह समन्वय बताता है कि प्रशासन अब रिएक्शन नहीं, प्रिवेंशन और प्रिपेयर्डनेस पर काम कर रहा है।
**जब अगली बार मलबा गिरेगा…
तो चंदौली अकेली नहीं होगी,
नागरिक सुरक्षा तैयार खड़ी होगी।**
खबरी न्यूज | जनहित में, ज़मीन से जुड़ी खबर

