
A fierce fire in wheat crop
Fire in Wheat Crop
चकिया चंदौली– ग्राम पंचायत केराडीह में आज शाम लगभग 4:00 बजे अज्ञात कारणों से गेहूं की लहलहाती फसल में भीषण आग लग गई। इस आगजनी में बनवारी पुत्र शिव मूरत और अवधेश पुत्र चुलई की लगभग तीन बीघा फसल जलकर राख हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया, और सभी ने मिलकर आग पर काबू पाने की कोशिश की।
फायर ब्रिगेड की देरी बनी चिंता का विषय
ग्रामीणों ने आग लगते ही तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी, लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम लगभग 5:45 बजे घटनास्थल पर पहुंची। यानी सूचना देने के लगभग दो घंटे बाद दमकल गाड़ी मौके पर पहुँची। जब फायर ब्रिगेड से देरी का कारण पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में दमकल वाहनों की संख्या बहुत कम है। घटना के समय वे केराय गांव में लगी आग को बुझाने में व्यस्त थे, जिसके कारण वे तत्काल केराडीह नहीं पहुँच सके।
इस देरी से स्थानीय किसानों और ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी गई। गांव के लोगों का कहना है कि अगर फायर ब्रिगेड समय पर पहुँचती, तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता था।
ग्रामीणों ने खुद संभाली स्थिति
गांव के लोगों ने बहादुरी का परिचय देते हुए बिना किसी देरी के आग बुझाने में जुट गए। उन्होंने बाल्टियों और ट्यूबवेल के पानी से आग पर काबू पाने की कोशिश की। कई किसानों ने अपनी फसल को आग की चपेट में आने से बचाने के लिए खेतों में ट्रैक्टर चलाकर सुरक्षा घेरे बनाए। ग्रामीणों की सूझबूझ और तत्परता से आग को फैलने से रोक लिया गया, वरना आस-पास के सैकड़ों बीघा फसल जलकर राख हो जाती।
किसानों का भारी नुकसान, प्रशासन से मदद की गुहार ( Fire in Wheat Crop)
बनवारी और अवधेश के परिवार के लिए यह आगजनी किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है। दोनों किसानों की फसल पूरी तरह जल चुकी है, जिससे उन्हें हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। किसान पहले ही महंगाई और खेती की बढ़ती लागत से परेशान हैं, और अब इस आग ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
पीड़ित किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। ग्राम प्रधान और अन्य ग्रामीणों ने भी जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।
फायर ब्रिगेड व्यवस्था पर उठे सवाल ( Fire in Wheat Crop)
इस घटना ने फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड सेवाओं की कमी को उजागर कर दिया है। केराडीह समेत आसपास के कई गांवों में फायर ब्रिगेड की संख्या काफी कम है, जिससे आग लगने की घटनाओं में नुकसान बढ़ जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए और हर ब्लॉक में पर्याप्त दमकल सेवाएं उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि आपातकालीन स्थितियों में त्वरित सहायता मिल सके।
गांव के लोग बोले – फायर ब्रिगेड की संख्या बढ़ाई जाए
इस घटना के बाद गांव के लोगों में काफी रोष है। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब दमकल विभाग की लापरवाही के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। इससे पहले भी कई बार आग लगने पर दमकल गाड़ियां समय पर नहीं पहुँच पाई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि केराडीह और आसपास के गांवों में फायर ब्रिगेड की संख्या बढ़ाई जाए और एक स्थायी दमकल केंद्र की स्थापना की जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
यह घटना केवल एक गांव या दो किसानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है। फायर ब्रिगेड सेवाओं की कमी के कारण किसानों को हर साल आगजनी से नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और किसानों की मेहनत को यूँ ही आग की भेंट चढ़ने से बचाया जा सके।