
🌱 कटवाँ माफी में हुआ ऐसा इको-इवेंट जो बन गया पीढ़ियों का उदाहरण



✍️ विशेष टिप्पणी:खबरी न्यूज इडिटर इन चीफ – एडवो. के.सी. श्रीवास्तव
📍 स्थान: कटवाँ माफी गाँव, चकिया, चंदौली |
🔥 पर्यावरण के लिए धधकता जून, मगर उम्मीदों की ठंडी बयार
कटवाँ माफी की मिट्टी आज कुछ खास महसूस कर रही थी।
सुबह से ही पसीने से तर-बतर लोग, बच्चों की खिलखिलाहट, गांव की गलियों में हरियाली की चर्चा — और आसमान में एक अलग सी चमक!
यह कोई आम दिन नहीं था। यह “धरती माता” के लिए समर्पित एक उत्सव था।
और “खबरी न्यूज़” इस उत्सव का सिर्फ रिपोर्टर नहीं, बल्कि वृक्ष योद्धा बनकर खड़ा था।
🎤 कार्यक्रम की शुरुआत – जब मां सरस्वती का वंदन प्रकृति के चरणों में समर्पित हुआ
डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी की मधुर वाणी में सरस्वती वंदना हुई।
मंच पर पावन दीप प्रज्वलित हुआ और उसी पल वातावरण बदल गया —
तपता आसमान भी जैसे ठंडी साँस लेने लगा।
🎙️ मुख्य अतिथि संजय सिंह बबलू की दहाड़ – “पेडों का भी हिसाब होना चाहिए”

राष्ट्रीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष श्री संजय सिंह बबलू जी ने कहा:
“जब तक वृक्षारोपण केवल कार्यक्रम रहेंगे, तब तक धरती रोएगी।
उसे तब राहत मिलेगी जब ये परंपरा बन जाए।”
🎤 एम.एल.सी आशुतोष सिन्हा बोले – “प्रकृति अब दया नहीं, क्रांति मांग रही है”
“हर साल करोड़ों पेड़ लगाए जाते हैं… लेकिन वे दिखते क्यों नहीं?
क्या वे पेड़ हैं या सरकारी फाइलों के पन्ने?”“मैने विधान परिषद में सवाल उठाया था —
क्या यूपी की ज़मीन इतनी कम है कि पेड़ लगाने के बाद वे झारखंड और बिहार चले जाते हैं?”
यह व्यंग्य नहीं, पर्यावरणीय सच का तमाचा था — और जनता ने तालियों से समर्थन दिया।
🎓 प्रो. संगीता सिन्हा का संदेश – 2025 की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराना’ पर अद्भुत व्याख्यान

राजकीय पीजी कॉलेज चकिया की प्राचार्या प्रो. संगीता सिन्हा जी ने युवाओं के दिलों को छुआ:
“प्लास्टिक से जो प्रदूषण हो रहा है, वह केवल धरती नहीं, रिश्तों को भी प्रदूषित कर रहा है।
यदि हम आज प्लास्टिक की लत नहीं छोड़ते, तो कल ऑक्सीजन भी बोतल में बिकेगी।”
उन्होंने ‘प्लास्टिक मुक्त जीवन’ का संकल्प दिलाते हुए यह नारा दिया —
“Be the change, Beat the Plastic!”
डॉ. विनय वर्मा, सीएमडी, सेंट्रल पब्लिक स्कूल ने प्रदुषण की विधिवत ब्याख्या की और अनछुए पहलुओं को छुआ
🌿 जब ‘बृक्ष बंधु’ बोले – पूरा गांव मौन हो गया
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित, राष्ट्रसृजन अभियान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पर्यावरण योद्धा डॉ. परशुराम सिंह जी जैसे ही मंच पर आए,
चारों तरफ श्रद्धा का मौन छा गया।
“वृक्ष हमें सिर्फ ऑक्सीजन नहीं देते — वे हमें ‘संस्कार’, ‘संवेदना’, और ‘सांस्कृतिक शक्ति’ देते हैं।
एक बच्चा बोले ‘माँ’, उससे पहले उसे ‘वृक्ष’ सिखाना चाहिए।”

उन्होंने पर्यावरण की 12 बिंदुओं वाली व्याख्या दी –
जल, जंगल, जानवर, जमीन, जनसंख्या, जलवायु, जीवनशैली, जनचेतना, जिम्मेदारी, जागरूकता, जनभागीदारी और जनप्रीति।
यह एक नया पर्यावरण दर्शन था।
🕊️ जब खबरी न्यूज़ ने ली कमान – और दिलों से निकली शपथ

“खबरी न्यूज़” के संपादक इन चीफ एडवो. के.सी. श्रीवास्तव जैसे ही मंच पर आए, आवाज़ नहीं, क्रांति का साउंड सिस्टम शुरू हो गया।
“अब न कोई गार्डन ग्रीन चाहिए,
न ही पोस्टर प्लांटेशन।
अब हमें वृक्ष पूजा, वृक्ष प्रार्थना और वृक्ष प्रतिज्ञा चाहिए!”
इसके बाद मंच से दिलों को झकझोर देने वाली पर्यावरण शपथ दिलाई गई:
🖐️ “मैं शपथ लेता/लेती हूँ कि —
- मैं हर वर्ष कम से कम दो वृक्ष लगाऊंगा
- प्लास्टिक का बहिष्कार करूंगा
- जल संरक्षण करूंगा
- अपने बच्चों को पेड़ों की कहानी सुनाऊंगा
- और प्रकृति से रिश्ता बनाए रखूंगा
— क्योंकि पृथ्वी है, तभी हम हैं!”
पूरा मैदान तालियों की गूंज और “धरती माता की जय” से भर गया।
🎼 सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: जब लोकगीतों ने हरियाली को आवाज़ दी
रामजनम भारती, दीपक, और कैलाश लाल तूफानी ने लोकगीतों से प्रकृति की जयघोष की।
गीत थे —
🎵 “हरियर होई धरती माई जब पेड़ लगाइब हम…”
🌱 रूद्राक्ष के पौधों से सम्मान – क्योंकि अतिथियों को ‘जीवन’ भेंट किया गया
अतिथियों को शॉल नहीं, फूल नहीं — रूद्राक्ष के पौधे भेंट किए गए।
एक तरह का जीवन ऋण सौंपा गया, जिसे वे अब निभाएंगे।
📸 एक दृश्य – जो आंखों में बस गया
जब डॉ. परशुराम सिंह जी के पोते का जन्मदिन मनाया गया तो केक नहीं काटा गया।
उस बच्चे ने वृक्ष लगाया।
तस्वीरें बताती हैं कि यह सिर्फ जन्म नहीं था — यह ‘धरती पुत्र’ का उद्घाटन था।
🌳 वन विभाग की उल्लेखनीय भागीदारी
- चकिया रेंजर अश्विनी चौबे
- राजपथ रेंजर
- डिप्टी रेंजर आनंद दूबे
- वन दरोगा प्रिंसी उपाध्याय
- चंद किशोर कन्नौजिया
सभी ने अपने विभागीय जिम्मेदारी से बढ़कर, निजी जुड़ाव से वृक्ष लगाए।
📚 अन्य प्रमुख अतिथियों का योगदान
- डॉ. विनय वर्मा, सीएमडी, सेंट्रल पब्लिक स्कूल
- रवि सिंह पटेल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, भारतीय मानवाधिकार परिषद
- दीना नाथ श्रीवास्तव, किसान संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष
- सत्यनारायण सिंह, जिलाध्यक्ष, गायत्री परिवार
- उपेन्द्र कुमार पांडेय‚विजय शंकर सिंह बागी
इन सभी ने एक स्वर में कहा –
“यदि आज वृक्ष नहीं लगाए, तो कल ऑक्सीजन भी सिर्फ अमीरों को मिलेगी।”
🎤 संचालन जिसने कार्यक्रम को आत्मा दी
इस पूरे आयोजन का संचालन खबरी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ एडवो. के.सी. श्रीवास्तव व
संतोष कुमार सिंह यादव ने किया।
यह संचालन नहीं था, यह एक वृक्ष कथा का आख्यान था।
🙏 समापन: जब धन्यवाद ज्ञापन नहीं, पर्यावरण प्रार्थना हुई

कार्यक्रम का समापन प्रभागीय वनाधिकारी दिलीप श्रीवास्तव द्वारा हुआ,
जिन्होंने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कहा:
“आज का दिन न भूलेगा ये गांव, न हम।
क्योंकि आज हमने सिर्फ पेड़ नहीं लगाए,
आज हमने आने वाली पीढ़ियों का ऑक्सीजन खाता खोला है।”
🪔 खबरी न्यूज़ की टिप्पणी:
“पेड़ लगाना अब फैशन नहीं,
यह आंदोलन है।
खबरी न्यूज़ न सिर्फ खबर देता है,
यह हरियाली का संवाददाता है!”



