
Chandauli Breaking

Chandauli Breaking : न्यूज़ नेशनल नेटवर्क
चंदौली । ज़िले में माटीकला और पारंपरिक शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए एक सुनहरा अवसर सामने आया है। मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना (CM-MRY) के अंतर्गत इस वर्ष खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग, चंदौली को 4 यूनिट्स का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस योजना के तहत पात्र शिल्पकारों और माटीकला उद्यमियों को बैंकों के माध्यम से 10 लाख रुपए तक का लोन मिल सकेगा — वो भी 25% मार्जिन मनी सब्सिडी के साथ।

लोकल को ग्लोबल” बनाने की दिशा में माटीकला मिशन
जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी गिरजा प्रसाद ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि “यह मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता वाली योजना है। उद्देश्य है ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के परंपरागत शिल्पियों को स्वरोजगार के लिए मजबूत करना।”
इस योजना का लाभ महिलाओं और पुरुष दोनों वर्गों को समान रूप से मिलेगा। माटीकला में काम कर रहे कारीगर, जिनकी कला मिट्टी को नया रूप देती है — अब उसे उद्यम का रूप देने का मौका है।
योजना की प्रमुख बातें | Key Highlights:
- Loan Upto 10 Lakh with 25% Subsidy: बैंक से 10 लाख रुपये तक का टर्म लोन मिलेगा, जिस पर 25% मार्जिन मनी अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा।
- Own Contribution सिर्फ 5%: पूरे प्रोजेक्ट की लागत का सिर्फ 5% उद्यमी को खुद लगाना होगा।
- Components Covered: वर्क शेड (Work Shed), मशीनरी, भट्ठी (Furnace) और कच्चा माल (Raw Material) शामिल किया जा सकता है।
पहले आओ, पहले पाओ” आधार पर आवेदन: Limited यूनिट्स होने के कारण आवेदन प्रक्रिया “First Come, First Serve” पर आधारित है।


Fully Online Process: आवेदन केवल upmatikalaboard.in पर किया जाएगा।
आवेदन कैसे करें? | Application Process:
- वेबसाइट upmatikalaboard.in पर जाएं और “मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना” सेक्शन में ऑनलाइन आवेदन करें।
- आवेदन करने के बाद उसकी प्रिंटेड हार्ड कॉपी को गंगा रोड, रामजी कटरा स्थित जिला ग्रामोद्योग कार्यालय, चंदौली में जमा करें।
- यदि ऑनलाइन आवेदन में किसी तरह की दिक्कत आती है, तो CUG नंबर: 7703006951 पर संपर्क करें।
कौन कर सकता है आवेदन?
- परंपरागत माटीकला शिल्पकार (Traditional Pottery Artists)
- ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के कारीगर।
- महिला शिल्पी / उद्यमी।
- स्वयं सहायता समूहों से जुड़े माटीकला व्यवसायी।
स्थानीय युवा जो मिट्टी शिल्प को व्यवसाय का रूप देना चाहते हों
Why it matters?
माटीकला, जो कभी हमारे गांवों की पहचान थी, अब ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर अपनी जगह बना रही है। आर्ट से आत्मनिर्भरता की इस मुहिम में यह योजना उन कारीगरों को आर्थिक संबल देगी, जिनके हाथों में हुनर तो है, पर संसाधन नहीं।
यह योजना सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है।
Khabari Execluive: “समाधान नहीं तो कुर्सी नहीं!” No more excuses, only results!”
प्रशासन का क्या कहना है?
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी गिरजा प्रसाद ने कहा:
“यह योजना सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि माटीकला संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में बड़ा कदम है। अगर युवा आगे आएं तो मिट्टी से दुनिया बनाई जा सकती है।”
Khabari Takeaway:
अगर आप या आपके जानने वाले कोई भी माटीकला, मिट्टी के बर्तन, मूर्तिकला या अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प से जुड़े हैं, तो यह मौका हाथ से न जाने दें। आवेदन शीघ्र करें, क्योंकि योजना सीमित यूनिट्स तक ही सीमित है।
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