

Dwivedi Public School ने भव्य उत्साह के साथ मनाया स्थापना दिवस का जश्न
खबरी न्यूज़ नेशनल नेटवर्क
चकिया, चंदौली । Dwivedi Public School ने मंगलवार को अपने स्थापना दिवस को बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया। यह आयोजन स्कूल परिसर में धूमधाम से हुआ, जिसमें छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस विशेष अवसर पर तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाई और शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि का स्वागत और शुभारंभ
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने विद्यालय के इतिहास और उसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे द्विवेदी पब्लिक स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छुआ है।
मुख्य अतिथि श्री संदीप श्रीवास्तव ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “शिक्षा जीवन को दिशा देने वाली रोशनी है। कड़ी मेहनत और समर्पण से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।” उन्होंने छात्रों को जीवन में सकारात्मक सोच और मेहनत के महत्व के बारे में बताया।


Dwivedi Public School छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का सम्मान
समारोह का मुख्य आकर्षण रहा छात्रों को उनके शैक्षणिक और सह-पाठयक्रम उपलब्धियों के लिए सम्मानित करना। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को मुख्य अतिथि से पुरस्कार, उपहार और प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए। छात्रों ने अपने प्रयासों और समर्पण के लिए गर्व महसूस किया। U K G की तप गई अवंतिका द्विवेदी को पुरस्कृत किया गया। अवंतिका द्विवेदी के पिता अवधेश द्विवेदी ने कहा बेटियां कहां है बेटों से कम।

खेलकूद, कला, विज्ञान, गणित और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता दिखाने वाले छात्रों को भी विशेष पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों ने छात्रों की मेहनत की सराहना की और उन्हें आगे भी इसी प्रकार उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
अभिभावक अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन
इस बार के स्थापना दिवस में एक नया और महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी शामिल किया गया—अभिभावक अभिविन्यास कार्यक्रम। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए अभिभावकों को विद्यालय परिवार में स्वागत करना और उन्हें विद्यालय के नियमों, नीतियों और अपेक्षाओं से परिचित कराना था।
अभिभावकों को स्कूल के शैक्षणिक ढांचे, पाठ्यक्रम, अनुशासन नीतियों और बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए अपनाई जाने वाली विधियों के बारे में विस्तार से बताया गया। स्कूल अधिकारियों ने अभिभावकों को यह समझाया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए घर और विद्यालय के बीच सकारात्मक संबंध बनाना कितना महत्वपूर्ण है।
प्रमुख शिक्षकों ने अभिभावकों को यह भी सुझाव दिए कि वे अपने बच्चों के साथ कैसे बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं, और घर पर मूल्यों, अनुशासन, और सकारात्मक सोच को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। यह सत्र अभिभावकों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुआ, और उन्होंने इसे सराहा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगीन झलक
समारोह में छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया, जिसमें संगीत, नृत्य, नाटक और कविता के शानदार प्रदर्शन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्रों के उत्साहपूर्ण और रंगीन प्रदर्शन ने समारोह को और भी रोचक बना दिया।
नृत्य के माध्यम से छात्रों ने भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाया। वहीं, कविता और नाटक ने समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला, जिससे दर्शकों को गहरा संदेश मिला।
विद्यालय के विकास की दिशा
प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में विद्यालय के भविष्य की दिशा पर भी बात की। उन्होंने आगामी शैक्षणिक सत्र में लागू किए जाने वाले नए कार्यक्रमों और विकास योजनाओं के बारे में बताया। इनमें डिजिटल शिक्षा, छात्र कल्याण कार्यक्रम, खेल-कूद सुविधाओं का विस्तार और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम शामिल हैं।
प्रधानाचार्य ने यह भी कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता नहीं है, बल्कि प्रत्येक छात्र को एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सके।”
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समापन और आभार व्यक्त करना
समारोह के अंत में विद्यालय के प्रबंधन ने सभी अतिथियों, अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों का धन्यवाद किया। मुख्य अतिथि श्री संदीप श्रीवास्तव ने भी विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों की मेहनत और उपलब्धियों की सराहना की और समारोह को एक प्रेरणादायक संदेश के साथ समाप्त किया।
जिसमें छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया
द्विवेदी पब्लिक स्कूल का स्थापना दिवस एक यादगार अवसर रहा, और अभिभावकों को विद्यालय के साथ जुड़ने का एक नया अवसर प्रदान किया गया। यह दिन सीखने, सम्मान और एकजुटता की भावना से भरा रहा, जिसने विद्यालय की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।
