

Electricity Lok Adalat : विद्युत संबंधी विशेष लोक अदालत का आयोजन 26 अप्रैल को
खबरी न्यूज नेशनल नेटवर्क
चंदौली। अपर जनपद न्यायाधीश और पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विकास वर्मा ने हाल ही में यह जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार आगामी 26 अप्रैल 2025 को विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह लोक अदालत विशेष रूप से विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत लम्बित शमनीय दाण्डिक मामलों और आपराधिक (पेटी ऑफेंसेस) मामलों के निस्तारण हेतु आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर, संबंधित व्यक्ति जिनके विद्युत से संबंधित मामले न्यायालय में लंबित हैं, वे न्यायालय परिसर जनपद चंदौली में उपस्थित होकर इन मामलों का निस्तारण सुलह समझौते और स्वीकारोक्ति के आधार पर कर सकते हैं।
विशेष लोक अदालत का उद्देश्य
यह विशेष लोक अदालत आम नागरिकों के लिए एक अवसर प्रदान करेगी ताकि वे अपने विद्युत संबंधित मामलों का शीघ्र और सुलह समझौते के आधार पर समाधान कर सकें। विद्युत अधिनियम के तहत जिन दाण्डिक मामलों का निस्तारण लंबित है, उनके निवारण के लिए यह एक बहुत अच्छा मंच साबित हो सकता है। इसके अलावा, यह लोक अदालत पीडि़त पक्षों और अभियुक्तों को न्याय की त्वरित और सुलभ प्रक्रिया उपलब्ध कराएगी।
विद्युत अधिनियम और लोक अदालत का महत्व
विद्युत अधिनियम, 2003 में विद्युत वितरण और उपयोग से संबंधित नियमों और दंडात्मक प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है। इस अधिनियम के तहत, विद्युत चोरी, गलत तरीके से विद्युत उपयोग, तथा अन्य संबंधित अपराधों पर जुर्माना और सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, विद्युत संबंधी विवादों के निपटारे के लिए अदालतों का सहारा लिया जाता है, जिनमें कुछ मामले न्यायिक प्रक्रिया में लंबित रहते हैं। ऐसे मामलों का समाधान करने के लिए लोक अदालत का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
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लोक अदालतों का उद्देश्य सामान्य नागरिकों को कानूनी प्रक्रिया में आने वाली जटिलताओं से बचाना और उन्हें कम समय में सुलह समझौते के आधार पर न्याय दिलवाना है। विशेष रूप से जब बात विद्युत से संबंधित मामलों की हो, तो यह लोक अदालत उपभोक्ताओं और विद्युत विभाग के बीच बेहतर संवाद और समाधान स्थापित करने का एक उत्कृष्ट साधन बन सकती है।


लोक अदालत का आयोजन
श्री विकास वर्मा के अनुसार, यह लोक अदालत विशेष रूप से उन मामलों के लिए आयोजित की जाएगी, जो विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत शमनीय दाण्डिक श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। इन मामलों में आमतौर पर विद्युत चोरी, गलत उपयोग, बिना बिल भुगतान, और अन्य संबंधित आरोप होते हैं। न्यायालय में लंबित इन मामलों को निस्तारित करने के लिए विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
इस लोक अदालत में दोनों पक्षों (विद्युत उपभोक्ता और विद्युत विभाग) को एक साथ बुलाया जाएगा, जहां वे आपसी सुलह समझौते के आधार पर अपने विवादों का समाधान कर सकते हैं। अगर दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच जाते हैं, तो उन्हें अदालत द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। यह प्रक्रिया समय की बचत करने और मुकदमेबाजी की लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए की जाती है।
न्यायालय परिसर में उपस्थित होने की प्रक्रिया
विद्युत से संबंधित मामलों के पक्षकारों को 26 अप्रैल 2025 को न्यायालय परिसर में उपस्थित होने की आवश्यकता होगी। जिन लोगों के विद्युत मामले लंबित हैं, वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपना मामला निस्तारित कर सकते हैं। उपभोक्ता और विद्युत विभाग के प्रतिनिधियों को इस लोक अदालत में सुलह और समझौते के माध्यम से समाधान प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया गया है। यदि दोनों पक्ष किसी समाधान पर सहमति व्यक्त करते हैं, तो न्यायालय इसे स्वीकृत करेगा और मामला समाप्त कर दिया जाएगा।
लोक अदालत में भाग लेने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क होगी और इसमें दोनों पक्षों को समान अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, लोक अदालत के आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी मामलों का निस्तारण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ किया जाए।
विद्युत उपभोक्ताओं के लिए फायदे
इस विशेष लोक अदालत का आयोजन विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। विशेष रूप से उन उपभोक्ताओं के लिए जो विद्युत बिल या अन्य संबंधित मुद्दों के कारण कानूनी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर मामलों का निस्तारण होने से उपभोक्ताओं को न केवल समय की बचत होगी बल्कि लंबे समय तक चलने वाली कानूनी प्रक्रियाओं से भी बचाव होगा।
इसके अलावा, यह लोक अदालत उपभोक्ताओं को विद्युत विभाग के साथ अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने का एक अवसर प्रदान करेगी। ऐसे मामलों में, जहां कानूनी प्रक्रिया और समय की लंबाई के कारण लोग परेशान हो जाते हैं, यह लोक अदालत उन्हें शीघ्र समाधान प्रदान करेगी और न्याय की प्रक्रिया को सरल बनाएगी।
विशेष लोक अदालत जनता के लिए एक विशेष अवसर
समाप्त करते हुए, यह कहा जा सकता है कि आगामी 26 अप्रैल को आयोजित होने वाली विशेष लोक अदालत विद्युत अधिनियम 2003 से संबंधित लंबित मामलों के निस्तारण के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस लोक अदालत के माध्यम से न केवल विवादों का समाधान होगा, बल्कि दोनों पक्षों को न्याय की त्वरित और सुलभ प्रक्रिया का लाभ भी मिलेगा। इसके लिए, जिन व्यक्तियों के विद्युत संबंधी मामले लंबित हैं, उन्हें इस विशेष लोक अदालत में उपस्थित होने की सलाह दी जाती है, ताकि वे अपने मामले का सुलह समझौते के माध्यम से समाधान प्राप्त कर सकें और न्यायालय में लंबित विवादों से राहत पा सकें।